Bhilai Celebration: बिहार का तिहार! दुर्ग-भिलाई में धूमधाम से मनाया जाएगा बिहार स्थापना दिवस
भिलाई-दुर्ग में 22 मार्च को भव्य रूप से मनाया जाएगा ‘बिहार का तिहार’। भाजपा के बड़े नेता होंगे शामिल, प्रवासी बिहारियों का होगा सम्मान। क्या यह बिहार चुनाव से जुड़ी रणनीति है?

भिलाई: छत्तीसगढ़ में बिहारियों की बढ़ती उपस्थिति और उनके योगदान को सम्मान देने के लिए भिलाई और दुर्ग में 22 मार्च को ‘बिहार का तिहार’ बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। इस खास मौके पर बिहार राज्य के स्थापना दिवस को सेलिब्रेट किया जाएगा। कार्यक्रम चौहान एम्पीरियम, बाईपास रोड, नेहरू नगर, भिलाई में सुबह 10:30 बजे से शुरू होगा।
भाजपा की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ पहल
भारतीय जनता पार्टी (BJP) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ अभियान के तहत बिहार स्थापना दिवस छत्तीसगढ़ में मनाने का निर्णय लिया गया है। भाजपा भिलाई और दुर्ग जिले के अध्यक्ष पुरुषोत्तम देवांगन और सुरेंद्र कौशिक ने पत्रकार वार्ता में बताया कि इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश और बिहार की संस्कृति, भाषा और समाज को केंद्र में रखा गया है।
भव्य समारोह में शामिल होंगे बड़े नेता
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार सरकार के मंत्री और छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी नितिन नवीन होंगे, जबकि अध्यक्षता प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा करेंगे। इसके अलावा, पूर्व सांसद सरोज पांडेय, विधायक ललित चंद्राकर, एमएलए डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, एमएलए रिकेश सेन, एमएलए गजेंद्र यादव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पांडेय सहित अन्य गणमान्य नेता भी शामिल होंगे।
बिहारियों का सम्मान समारोह
इस भव्य आयोजन में उत्तर प्रदेश और बिहार से संबंधित भोजपुरी, मैथिली और अन्य भाषा-समुदायों के प्रमुख लोगों को सम्मानित किया जाएगा। क्षत्रिय समाज, विश्वकर्मा समाज, यादव समाज, कुशवाहा समाज, मैथिल ब्राह्मण समाज, भोजपूरी परिषद, मेहतो समाज, कायस्थ समाज और अन्य समुदायों को इस मंच पर विशेष स्थान मिलेगा।
बिहार का तिहार: राजनीति या सांस्कृतिक एकता?
यह कार्यक्रम केवल सांस्कृतिक उत्सव ही नहीं, बल्कि भाजपा के आगामी बिहार चुनाव 2025 से जोड़कर भी देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेतृत्व की रणनीति यह सुनिश्चित करना है कि बिहार से बाहर बसे लोग अपने मूल स्थान पर जाकर वोट डालें और भाजपा को मजबूत करें। बिहारियों की आबादी पूरे देश में फैली हुई है, जो लगभग 15% यानी 2 करोड़ के आसपास है।
बिहारियों का योगदान और ‘मोदी विजन’
बिहार के लोग भारत की अर्थव्यवस्था, व्यापार, उद्योग और श्रम क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पीएम मोदी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की सोच के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बिहार के लोग जहां भी रहें, वे अपने संस्कृतिक मूल्यों और जड़ों से जुड़े रहें। भाजपा इस पहल के माध्यम से प्रवासी बिहारियों को संगठित कर रही है, जिससे राजनीतिक और सामाजिक मजबूती भी मिलेगी।
छत्तीसगढ़ में बिहार की संस्कृति की झलक
छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में बिहार और पूर्वांचल के लोग बसे हुए हैं। इस कार्यक्रम के तहत भोजपुरी गीत, पारंपरिक नृत्य और बिहार की खान-पान संस्कृति को भी पेश किया जाएगा। आयोजन में लोकगायक, पारंपरिक व्यंजन स्टॉल और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होंगी, जो ‘बिहार के तिहार’ को यादगार बनाएंगी।
क्या बिहार चुनाव की तैयारी है?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा का यह कदम बिहार चुनावों की तैयारी का हिस्सा भी हो सकता है। 2024 लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटी है। यह आयोजन सिर्फ एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि बिहारियों को भाजपा से जोड़ने की एक रणनीति भी मानी जा रही है।
दुर्ग-भिलाई में आयोजित ‘बिहार का तिहार’ न केवल बिहार की समृद्ध विरासत और संस्कृति को दिखाएगा, बल्कि राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस आयोजन का आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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