भिलाई-3 में गुरु घासीदास जयंती: सतनाम संदेश यात्रा और भव्य समारोह से गूंजा शहर

भिलाई-3 में गुरु घासीदास जी की 268वीं जयंती पर सतनाम संदेश यात्रा और भव्य समारोह का आयोजन। जानें कैसे इस दो दिवसीय कार्यक्रम ने सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा दिया।

Dec 25, 2024 - 12:56
Dec 25, 2024 - 13:02
 0
भिलाई-3 में गुरु घासीदास जयंती: सतनाम संदेश यात्रा और भव्य समारोह से गूंजा शहर
भिलाई-3 में गुरु घासीदास जयंती: सतनाम संदेश यात्रा और भव्य समारोह से गूंजा शहर

भिलाई-3 | छत्तीसगढ़ के महान संत और समाज सुधारक गुरु घासीदास जी की 268वीं जयंती का आयोजन भिलाई-3 के सतनाम भवन में भव्य तरीके से मनाया गया। यह दो दिवसीय कार्यक्रम न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना, बल्कि सामाजिक समरसता का भी प्रतीक रहा।

पहला दिन: सतनाम संदेश यात्रा
दिनांक 17 दिसंबर को शाम 4 बजे सतनाम संदेश यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा सतनाम भवन से शुरू होकर सिरसा गेट, जनता स्कूल बाजार चौक, सरकारी अस्पताल, कन्या शाला, और तहसील कार्यालय होते हुए वापस सतनाम भवन में संपन्न हुई। KGN संस्कारधानी धूमाल की धुनों और श्रद्धालुओं के उत्साह ने पूरे इलाके को भक्तिमय कर दिया।

दूसरा दिन: गुरु घासीदास जयंती के मुख्य आयोजन
18 दिसंबर को गुरु घासीदास जयंती के मुख्य आयोजन की शुरुआत दोपहर 2 बजे सद्गुरु वाणी चौका आरती के साथ हुई। यह आरती ग्राम सोनपुर, कुरूद (धमतरी) में आयोजित की गई। शाम 4 बजे जैतखाम में झंडा ध्वजारोहण हुआ, जिसके बाद ज्ञान गंगा पंथी पार्टी और रुमझुम लोकनृत्य द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।

कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में अतिथि आगमन, सामाजिक समरसता सम्मान समारोह, और भंडारा शामिल था। भिलाई-3 के इस समारोह में सैकड़ों श्रद्धालुओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिससे यह आयोजन ऐतिहासिक बन गया।

महान संत गुरु घासीदास का योगदान
गुरु घासीदास, जिनका जन्म छत्तीसगढ़ के गिरौदपुरी में हुआ था, सामाजिक भेदभाव और कुप्रथाओं को मिटाने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने "सतनाम" का संदेश दिया, जिसका अर्थ है "सच्चे नाम की महिमा।" उनकी शिक्षाओं ने न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत में समानता और भाईचारे का संदेश फैलाया।

उनके अनुयायी, जिन्हें सतनामी समुदाय के रूप में जाना जाता है, गुरु घासीदास को उनके सादगीपूर्ण जीवन और सामाजिक समानता के संदेश के लिए पूजते हैं। उनके द्वारा स्थापित सतनाम पंथ आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

कार्यक्रम में अतिथियों की भागीदारी
इस आयोजन में कई गणमान्य अतिथियों ने शिरकत की। मुख्य अतिथि अहिवारा विधानसभा के विधायक डोमन लाल कोर्सेवाड़ा थे। उनके साथ नगर पालिका परिषद अहिवारा के अध्यक्ष नटवर ताम्रकार, नगर पालिका परिषद जामुल के अध्यक्ष ईश्वर ठाकुर, और अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे।

भाजपा के अजा मोर्चा प्रदेश प्रशिक्षण प्रभारी गुलशन ढीढ़े और भाजपा महिला मोर्चा जिला भिलाई की अध्यक्ष स्वीटी कौशिक भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं। इनके अलावा घूमंतू जाति जनजाति के दुर्ग जिला प्रमुख राजेश वैद्य और श्रीराम जन्मोत्सव समिति महिला शाखा भिलाई-चरोदा की प्रखंड अध्यक्ष विनीता शिंदे ने भी अपने विचार साझा किए।

सामाजिक समरसता का संदेश
इस आयोजन के माध्यम से गुरु घासीदास जी की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। उनके विचार, जिनमें सभी धर्मों और जातियों के बीच समानता और भाईचारे का संदेश शामिल है, आज भी प्रासंगिक हैं।

सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन
कार्यक्रम के दौरान जैतखाम में झंडा ध्वजारोहण और रुमझुम लोकनृत्य ने छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाया। इसके साथ ही ज्ञान गंगा पंथी पार्टी की प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।