India Slams Pakistan: वक्फ कानून पर पाकिस्तान की आलोचना को भारत ने किया खारिज, कहा- 'आंतरिक मामलों में दखल न दें'
भारत ने पाकिस्तान की वक्फ कानून आलोचना को खारिज किया, इसे 'निराधार हस्तक्षेप' बताया। जानें अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और कानून का असली उद्देश्य।

भारत ने पाकिस्तान द्वारा संशोधित वक्फ कानून पर की गई आलोचना को सोमवार को पूरी तरह खारिज कर दिया, इसे "निराधार और हस्तक्षेपकारी" करार देते हुए स्पष्ट किया कि यह कानून सुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कड़े शब्दों में कहा, "पाकिस्तान को भारत की संप्रभु विधायी प्रक्रियाओं पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।"
क्या था पाकिस्तान का आरोप?
पाकिस्तान ने दावा किया था कि वक्फ कानून में संशोधन:
मुस्लिम समुदाय को उनकी धार्मिक संपत्तियों (मस्जिदों, दरगाहों) से वंचित करने की साजिश है
अल्पसंख्यकों को हाशिए पर धकेलने का प्रयास
भारत का पलटवार
1. पाकिस्तान के रिकॉर्ड पर सवाल:
हिंदू, सिख व ईसाई समुदायों के साथ भेदभाव के मामलों की याद दिलाई
"अपने घर के मामले सुधारें" संदेश
2. कानून का वास्तविक उद्देश्य:
प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ाना
वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन
3. कूटनीतिक चेतावनी:
"भविष्य में ऐसी टिप्पणियों से बचें"
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
| देश | रुख | टिप्पणी |
||||
| अमेरिका | तटस्थ | "धार्मिक स्वतंत्रता पर संवाद जारी रखें" |
| बांग्लादेश | समर्थन | "भारत का आंतरिक मामला" |
| सऊदी अरब | चुप्पी | व्यापारिक रिश्तों को प्राथमिकता |
| ब्रिटेन | संप्रभुता समर्थन | "विधायी प्रक्रियाएं राष्ट्र का अधिकार" |
| चीन | कोई प्रतिक्रिया नहीं | भारतपाक विवाद से दूरी |
ऐतिहासिक संदर्भ
1930: भारत में पहला वक्फ कानून बना
1995: प्रमुख संशोधन हुए
2023: नया संशोधन प्रशासनिक सुधारों पर केंद्रित
क्यों है यह महत्वपूर्ण?
1. धार्मिक संपत्तियों का प्रबंधन: 5 लाख+ वक्फ संपत्तियों का रिकॉर्ड डिजिटल होगा
2. अल्पसंख्यक आशंकाएं: कुछ संगठनों द्वारा विवाद उठाया गया
3. अंतरराष्ट्रीय छवि: भारत की धर्मनिरपेक्ष नीतियों पर वैश्विक नजर
सवाल यह है कि क्या यह विवाद भारतपाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव को और बढ़ाएगा? क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मामले में और सक्रिय भूमिका निभाएगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह टिप्पणी कश्मीर मुद्दे पर ध्यान भटकाने की कोशिश भर है, जबकि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी नीतियों पर किसी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा।
अधिक जानकारी के लिए केंद्रीय वक्फ परिषद की आधिकारिक वेबसाइट देखें।
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