Jaipur Auto-Cab Fare Revolution: 12 साल बाद बदलेंगे ऑटो-कैब के किराए, आज होगी बड़ी बैठक!
जयपुर में ऑटो-कैब किराए में बड़ा बदलाव! 12 साल बाद परिवहन विभाग नई दरें तय करने जा रहा है। जानें कैसे यह फैसला लाखों यात्रियों और ड्राइवर्स को प्रभावित करेगा।

Jaipur Auto-Cab Fare Revision: जयपुर के लाखों यात्रियों और हजारों ऑटो-कैब चालकों के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। 12 साल के लंबे इंतजार के बाद, शहर में ऑटो रिक्शा और कैब के किराए में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। परिवहन विभाग आज एक महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहा है, जिसमें नई किराया संरचना तय की जाएगी। यह फैसला न केवल यात्रियों के लिए, बल्कि ड्राइवर्स के लिए भी एक बड़ी राहत लेकर आएगा।
क्या है पूरा मामला?
जयपुर में ऑटो और कैब के किराए पिछले 12 साल से अपडेट नहीं हुए हैं। इस बीच, ईंधन की कीमतें, वाहनों के रखरखाव का खर्च और मुद्रास्फीति काफी बढ़ चुकी है, लेकिन किराए में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसकी वजह से यात्रियों और ड्राइवर्स दोनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यात्री मनमाने किराए की शिकायत करते हैं, वहीं ड्राइवर्स का कहना है कि पुराने रेट्स से उनका गुजारा मुश्किल हो रहा है।
इन्हीं शिकायतों को देखते हुए, परिवहन विभाग ने आखिरकार कदम उठाया है। आज जयपुर के आरटीओ प्रथम कार्यालय में एक बैठक होगी, जिसमें नए किराए तय किए जाएंगे।
कौन-कौन होगा शामिल?
इस बैठक की अध्यक्षता आरटीओ राजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे। साथ ही, इसमें शामिल होंगे:
- जिला परिवहन अधिकारी
- यात्री वाहन प्रवर्तन विभाग के अधिकारी
- आरटीओ द्वितीय के प्रतिनिधि
- जयपुर के प्रमुख ऑटो-टैक्सी यूनियनों के नेता
यह बैठक इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें सभी हितधारकों को साथ लेकर एक न्यायसंगत फैसला लिया जाएगा।
क्या होगा नए किराए का आधार?
बैठक में किराए तय करते समय निम्न बातों पर विचार किया जाएगा:
ईंधन की कीमतें – पेट्रोल-डीजल के दामों में उतार-चढ़ाव का असर
वाहनों का रखरखाव – टायर, इंजन, बीमा जैसे खर्चे
चालकों की आय – क्या मौजूदा किराए में उनका गुजारा संभव है?
यात्रियों की सुविधा – क्या नए किराए आम लोगों के लिए सहनीय होंगे?
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के बाद किराए में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है, लेकिन उम्मीद है कि यह बढ़ोतरी युक्तिसंगत होगी।
क्यों है यह फैसला ऐतिहासिक?
जयपुर में आखिरी बार ऑटो-कैब किराए 2012 में तय किए गए थे। उस समय पेट्रोल 70 रुपये लीटर था और महंगाई दर भी कम थी। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। ऐसे में, इस फैसले का असर शहर के 3 लाख से ज्यादा दैनिक यात्रियों और 50,000+ ऑटो-कैब ड्राइवर्स पर पड़ेगा।
क्या कहते हैं लोग?
- यात्री: "कई बार ड्राइवर्स मनमर्जी किराए मांगते हैं। अगर सरकारी रेट तय हो जाएं, तो झगड़े कम होंगे।"
- ऑटो चालक: "12 साल से एक ही किराया चल रहा है, जबकि खर्चे दोगुने हो गए हैं। हमें न्याय चाहिए।"
अगला कदम क्या होगा?
आज की बैठक के बाद, परिवहन विभाग नए किराए की घोषणा करेगा। संभावना है कि अगले कुछ दिनों में नई दरें लागू हो जाएंगी। यह फैसला जयपुर के परिवहन व्यवस्था में एक नया अध्याय लिख सकता है।
क्या आपको लगता है कि ऑटो-कैब किराए बढ़ने चाहिए? कमेंट में अपनी राय जरूर दें!
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