Gorakhpur Extortion: माफिया का भाई बनकर मांगी 1 करोड़ रंगदारी, कार पर चली गोली, 5 गिरफ्तार!
गोरखपुर में प्रॉपर्टी डीलर से 1 करोड़ की रंगदारी मांगने और कार पर फायरिंग करने का मामला सामने आया। पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पढ़ें पूरी खबर!

गोरखपुर: एक प्रॉपर्टी डीलर से माफिया का भाई बनकर 1 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने और फिर कार पर फायरिंग करने की घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक फरार अपराधी की तलाश जारी है।
कैसे हुआ खौफनाक प्लान का पर्दाफाश?
18 फरवरी की रात शाहपुर थाना क्षेत्र में प्रॉपर्टी डीलर अंकुर शुक्ला के पास एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को कुख्यात माफिया विनोद उपाध्याय का भाई संजय उपाध्याय बताया और 1 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी। कॉलर ने धमकी भी दी कि पैसे न देने पर अंजाम बुरा होगा।
पहले तो डीलर ने इसे मजाक समझा, लेकिन जब 24 फरवरी को उनकी कार पर फायरिंग हुई, तब हकीकत का अंदाजा हुआ। गनीमत रही कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इस घटना ने इलाके में दहशत फैला दी।
CCTV फुटेज ने खोला राज!
घटना के बाद प्रॉपर्टी डीलर ने शाहपुर थाने में रंगदारी और फायरिंग की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जब इलाके के CCTV फुटेज खंगाले, तो साजिश का पर्दाफाश हुआ।
फुटेज में रात 11:35 बजे एक बाइक पर दो युवक नजर आए।
पीछे बैठे युवक ने डीलर की स्विफ्ट डिजायर कार (UP53EE5454) पर फायर किया।
वारदात को अंजाम देकर दोनों भाग निकले।
पुलिस ने तत्काल क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर जांच शुरू की और 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, इस केस का सबसे बड़ा ट्विस्ट तब आया जब पता चला कि कॉल करने वाला असली संजय उपाध्याय नहीं था, बल्कि किसी और ने उनका नाम लेकर प्रॉपर्टी डीलर को डराने की साजिश रची थी।
गोरखपुर में बढ़ती रंगदारी का इतिहास
गोरखपुर और पूर्वांचल रंगदारी मांगने और गैंगवार की घटनाओं के लिए कुख्यात रहा है। 90 के दशक से ही यहां अपराध और राजनीति का गहरा गठजोड़ रहा है।
1990 के दशक में हरिशंकर तिवारी, बृजेश सिंह और मुन्ना बजरंगी जैसे नाम अपराध जगत में छाए हुए थे। शहर में माफिया राज इस कदर बढ़ गया था कि व्यापारियों को रंगदारी देना मजबूरी बन गया था। हालांकि, पुलिस के लगातार एक्शन के चलते बीते कुछ वर्षों में अपराध पर लगाम लगी थी, लेकिन हालिया घटना से साफ है कि अपराधी अभी भी बेखौफ हैं।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई, इनाम की घोषणा!
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और फरार अपराधी को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। इस केस को सुलझाने में अहम भूमिका निभाने वाली पुलिस टीम को 25,000 रुपये का इनाम भी दिया गया है।
क्या अब भी शहर में सुरक्षित हैं व्यापारी?
गोरखपुर में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं?
बड़े माफिया तो जेल में हैं, फिर ये नया गैंग कौन चला रहा है?
क्या पुलिस को अब अपराध के नए तरीकों पर ध्यान देने की जरूरत है?
अपराध पर लगाम या फिर से बढ़ता आतंक?
हालांकि, पुलिस की तेजी से कार्रवाई और अपराधियों की गिरफ्तारी से शहर में राहत की भावना है, लेकिन सवाल अब भी बना हुआ है – क्या गोरखपुर में रंगदारी मांगने का सिलसिला रुकेगा? या फिर यह शहर फिर से अपराधियों का अड्डा बनता जा रहा है?
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