Tamil Nadu Stampede: करूर में रैली के दौरान भगदड़, 29 से अधिक लोगों की मौत की आशंका
तमिलनाडु के करूर में टीवीके प्रमुख और अभिनेता विजय की रैली में अचानक भगदड़ मचने से 29 से अधिक लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। कई लोग घायल और बेहोश, मुख्यमंत्री और अधिकारियों ने तुरंत राहत कार्रवाई शुरू की।

करूर, तमिलनाडु: शनिवार को तमिलनाडु के करूर जिले में टीवीके प्रमुख और अभिनेता विजय की रैली में अचानक भगदड़ मच गई, जिससे भारी जनसंख्या में अफरा-तफरी फैल गई। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, इस भगदड़ में 29 से अधिक लोगों की मौत की आशंका व्यक्त की जा रही है, जबकि बड़ी संख्या में लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कई लोग बेहोश हो गए और उन्हें पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
राजनीतिक हलचल और प्रारंभिक प्रतिक्रिया
तमिलनाडु के नेता प्रतिपक्ष और AIADMK महासचिव एडप्पादी पलानीस्वामी ने ट्वीट कर इस घटना को बेहद दुखद और चौंकाने वाला बताया। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि घायलों को तत्काल उचित इलाज मुहैया कराया जाए।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी घटना पर चिंता जताई और अधिकारियों को तुरंत राहत कार्य और अस्पताल में उचित चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के निर्देश दिए। उन्होंने त्रिची जिले के मंत्री अंबिल महेश और अन्य अधिकारियों को भी मदद के लिए तत्पर रहने का आदेश दिया।
हादसे की संभावित वजह
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, रैली स्थल पर भारी भीड़ और आयोजन स्थल की अपर्याप्त तैयारी भगदड़ की मुख्य वजह मानी जा रही है। तमिलनाडु में राजनीतिक रैलियों का इतिहास बताते हैं कि यहां भारी जनसंख्या और सीमित स्थल व्यवस्था कभी-कभी ऐसे हादसों का कारण बन जाती है। विशेष रूप से चुनावी मौसम और प्रमुख नेताओं की रैलियों के दौरान सुरक्षा इंतजामों की कमी और भीड़ प्रबंधन की कमियाँ अक्सर जानलेवा साबित होती हैं।
भारी जनसैलाब और भगदड़ की भयावहता
रैली में शामिल लोग विजय और उनके भाषण को सुनने के लिए जुटे थे। अचानक किसी कारणवश लोगों में घबराहट फैल गई, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई लोग पैरों तले जमीन खो बैठने, धक्का-मुक्की और गिरने से घायल हुए। कुछ लोग सुरक्षा बैरियर के पास फंस गए और उनकी जान को खतरा उत्पन्न हुआ।
स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही करूर पुलिस और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गए। घायल लोगों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया और चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जा रही है। जिला कलेक्टर और पुलिस अधिकारी现场 पर मौजूद हैं और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रयासरत हैं।
इतिहास में रैलियों से जुड़े हादसे
तमिलनाडु में राजनीतिक रैलियों के दौरान जनसैलाब और सुरक्षा की कमियों के कारण कई बार हादसे हुए हैं। इससे पहले भी, बड़े नेताओं की रैलियों में भीड़ प्रबंधन की कमी के कारण लोग घायल या मृत हुए हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि बड़े जनसमूह की सुरक्षा और मेडिकल इमरजेंसी की तैयारी हर रैली में अनिवार्य होनी चाहिए।
जनता और स्वास्थ्य सेवाओं का सहयोग
मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की है कि डॉक्टरों और पुलिस के साथ सहयोग करें और घबराएं नहीं। प्रशासन ने भी मेडिकल टीम और राहत कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया है।
करूर रैली में भगदड़ ने तमिलनाडु के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को हिला कर रख दिया है। इस हादसे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बड़े आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा इंतजाम बेहद जरूरी हैं। अधिकारियों और नागरिकों की तत्परता से ही ऐसे हादसों में जानमाल का नुकसान कम किया जा सकता है।
यह घटनाक्रम न केवल करूर बल्कि पूरे राज्य के लिए एक चेतावनी भी है कि राजनीतिक रैलियों के दौरान सुरक्षा उपायों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
What's Your Reaction?






