Jamshedpur Court: विधायक सरयू राय की मानहानि केस में सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष और भाजपा नेता को मिली राहत, जानिए क्या हुआ
जमशेदपुर के मानहानि के मामले में विधायक सरयू राय की शिकायत को न्यायालय ने खारिज किया। सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह और भाजपा नेता राकेश सिंह को मिली राहत। पढ़ें पूरी कहानी।
Jamshedpur Court - जमशेदपुर में एक बड़ा न्यायिक फैसला सामने आया, जिसमें विधायक सरयू राय की मानहानि शिकायत के मामले में सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह और भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री राकेश सिंह को न्यायालय ने बरी कर दिया। इस मामले ने पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई थी, और अब न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए दोनों नेताओं को आरोपों से मुक्त कर दिया।
क्या था मामला?
22 नवंबर 2022 को विधायक सरयू राय ने एक परिवाद पत्र दायर किया था, जिसमें उन्होंने भूपेंद्र सिंह और राकेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनके अनुसार, इन दोनों ने फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट डाली थी, जिसमें विधायक सरयू राय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। आरोप था कि "खाद्य आपूर्ति विभाग के घोटाले के पैसों से राय के बिल्डिंग का निर्माण किया गया है और वह दूसरों के घरों की तस्वीरें लेकर जांच के लिए पत्र लिखते हैं।" इसके साथ ही यह भी आरोप था कि झारखंड के गरीबों के पैसे का दुरुपयोग कर राय ने अपनी संपत्ति बनाई थी।
सरयू राय ने दावा किया कि इन आरोपों से उनकी छवि को नुकसान हुआ है और उनका अपमान किया गया है। इसके बाद, न्यायालय ने 19 जुलाई 2023 को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत इस मामले का संज्ञान लिया।
न्यायालय का फैसला और गवाहों का बयान
इस मामले की सुनवाई में 29 सितंबर 2023 को आरोपों का सारांश सुनाया गया। इसके बाद, सरयू राय की ओर से न्यायालय में चार गवाह पेश किए गए। इन गवाहों के बयान के बाद भूपेंद्र सिंह और राकेश सिंह की ओर से भी अपने बचाव में तर्क दिए गए। दोनों अभियुक्तों के वकील, केशव प्रसाद (चाईबासा), ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा।
क्या कहा न्यायालय ने?
न्यायालय ने 18 जनवरी 2025 को इस मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया। भूपेंद्र सिंह और राकेश सिंह को बरी करते हुए न्यायालय ने इस मामले में सरयू राय की शिकायत को खारिज कर दिया।
इतिहास में ऐसे मामले
इस तरह के मानहानि मामले राजनीति में हमेशा से विवादों का कारण बने रहे हैं। जब भी कोई सार्वजनिक व्यक्ति या नेता किसी प्रकार के भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करता है, तो उसकी छवि को नुकसान पहुंचता है। इतिहास में ऐसे कई मामले रहे हैं, जहां मानहानि के आरोप और बदनामी के बावजूद आरोपी पक्ष को न्यायालय से राहत मिली है। यह मामले केवल व्यक्तियों की प्रतिष्ठा से जुड़े नहीं होते, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होते हैं।
सूर्य मंदिर समिति और भाजपा नेताओं का पक्ष
सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह और भाजपा नेता राकेश सिंह ने इस फैसले के बाद राहत की सांस ली। उनके अनुसार, यह फैसला न्याय की जीत है और उन्होंने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम मानने से इनकार किया। दोनों नेताओं का कहना था कि यह आरोप पूरी तरह से निराधार थे और अब न्यायालय ने उन्हें निर्दोष साबित कर दिया है।
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