Dhanbad Suicide: 15 साल की प्रिया की संदिग्ध मौत, घर के झगड़े के बाद कमरे में मिली लटकती लाश
धनबाद के बरमसिया में 15 साल की प्रिया कुमारी ने घर के विवाद के बाद आत्महत्या कर ली। घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। पुलिस जांच में जुटी है और परिजनों की हालत बेहाल है।

Dhanbad Suicide की यह घटना पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर देने वाली है। 15 साल की एक छात्रा की रहस्यमयी आत्महत्या ने न केवल उसके परिवार को बल्कि पूरे मोहल्ले को गहरे सदमे में डाल दिया है। प्रिया कुमारी, जो कि धनबाद के धनसार थाना क्षेत्र के बरमसिया शनि मंदिर के पास अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहती थी, अब इस दुनिया में नहीं रही।
एक शाम और एक सदमे की कहानी
बुधवार की शाम आम दिनों की तरह थी, लेकिन उस शाम की एक अनकही कहानी ने सबकुछ बदल दिया। प्रिया कुमारी, जो महज 15 साल की थी, ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जब परिजनों ने दरवाजा तोड़ा, तब वह अपने ही कमरे में फंदे से लटकी हुई मिली।
प्रिया के पिता अनूप सिंह उर्फ बिट्टू वर्तमान में चेन्नई में प्राइवेट नौकरी करते हैं। परिवार किराए के मकान में रह रहा था और घर की जिम्मेदारी मां के कंधों पर थी। बुधवार को किसी पारिवारिक बात को लेकर घर में झगड़ा हुआ था — और इसके बाद ही प्रिया ने खुद को कमरे में बंद कर लिया।
आत्महत्या या कोई और कहानी?
हालांकि पुलिस इसे अभी आत्महत्या का मामला मान रही है, लेकिन कई सवाल अब भी अनुत्तरित हैं। क्या यह वास्तव में पारिवारिक विवाद का नतीजा था या किसी मानसिक दबाव का परिणाम?
स्थानीय लोगों के अनुसार, प्रिया एक शांत और होनहार बच्ची थी। वह पढ़ाई में अच्छी थी और ज़्यादा किसी से उलझती नहीं थी। लेकिन किशोरावस्था के दौर में आने वाले भावनात्मक उतार-चढ़ाव को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
पुलिस जांच में क्या?
घटना की सूचना मिलते ही धनसार थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर एसएनएमएमसीएच अस्पताल भेज दिया गया। गुरुवार को पोस्टमार्टम किया गया और रिपोर्ट का इंतजार है।
पुलिस के अनुसार, कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ, लेकिन मामले की गहराई से जांच की जा रही है। प्रिया के मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट की भी जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं वह किसी प्रकार के साइबर दबाव या तनाव में तो नहीं थी।
इतिहास भी कुछ कहता है...
यह पहली बार नहीं है जब धनबाद में किशोर आत्महत्या का मामला सामने आया हो। बीते वर्षों में इस जिले में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई घटनाएं सामने आई हैं, खासकर किशोरों के बीच।
2018 में धनबाद के ही एक छात्र ने बोर्ड परीक्षा के दबाव में जान दे दी थी। यह दिखाता है कि हमारा समाज अभी भी किशोर मानसिक स्वास्थ्य को उतनी गंभीरता से नहीं लेता, जितनी जरूरत है।
क्या कहता है समाज?
घटना के बाद मोहल्ले में मातम पसरा हुआ है। पड़ोसियों के अनुसार, “प्रिया जैसी मासूम बच्ची का इस तरह चले जाना बहुत चौंकाने वाला है।” वहीं, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों के साथ संवाद बनाए रखना बेहद जरूरी है, खासकर उस उम्र में जब वे खुद को अकेला महसूस करने लगते हैं।
सवाल जो खड़े हो गए हैं
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क्या प्रिया के माता-पिता को उसकी मानसिक स्थिति का अंदाजा था?
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क्या स्कूल या समाज से उसे वो सहयोग मिल रहा था जिसकी उसे जरूरत थी?
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क्या यह घटना एक संकेत है कि हमें किशोरों से जुड़े मानसिक स्वास्थ्य पर पुनर्विचार करने की सख्त जरूरत है?
Dhanbad Suicide केस केवल एक दुखद घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। एक 15 साल की बच्ची, जो शायद कुछ कहना चाहती थी, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं था। यह घटना हमें याद दिलाती है कि संवाद, समझ और समय देना हर रिश्ते की जरूरत है — खासकर किशोरों के लिए।
पुलिस की जांच आगे क्या मोड़ लेती है, यह देखने की बात होगी, लेकिन समाज को अब मौन तोड़ने और बच्चों की बात सुनने की जरूरत है।
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