जमशेदपुर में हृदयविदारक घटना: कांवर यात्रा से पहले युवक ने की आत्महत्या

जमशेदपुर के उलीडीह क्षेत्र में 24 वर्षीय विजय दिगा ने फांसी लगाकर आत्महत्या की। उनकी मां, कांवर यात्रा में शामिल होने वाली थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

Jul 27, 2024 - 10:49
Jul 27, 2024 - 10:51
जमशेदपुर में हृदयविदारक घटना: कांवर यात्रा से पहले युवक ने की आत्महत्या
जमशेदपुर में हृदयविदारक घटना: कांवर यात्रा से पहले युवक ने की आत्महत्या

उलीडीह में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जहाँ 24 वर्षीय विजय दिगा उर्फ गुडु ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गुडु, शंकोसाई श्याम नगर निवासी, की मां मीरा दिगा बाबा बैधनाथ सेवा संघ द्वारा आयोजित कांवर यात्रा में शामिल होने वाली थी।

घटना की जानकारी रात 1:00 बजे मिली जब गुडु की मां ने विकास सिंह को सूचित किया। विकास सिंह ने तुरंत मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी उलीडीह थाने को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर शनिवार को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

आत्महत्या का कारण अभी भी अज्ञात

गुडु की आत्महत्या का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। गुडु की मां, मीरा दिगा, बाबा बैजनाथ सेवा संघ की बैठक में मौजूद थीं जब यह हादसा हुआ। हर साल की तरह इस वर्ष भी मीरा दिगा कांवर यात्रा में शामिल होने की तैयारी कर चुकी थीं।

गुडु की एक छोटी बहन भी है, जो इस हादसे से सदमे में है। परिवार और पड़ोसियों ने गुडु को एक शांत और मिलनसार युवक के रूप में वर्णित किया। पुलिस ने बताया कि वे सभी संभावित एंगल्स से मामले की जांच कर रहे हैं और जल्दी ही आत्महत्या के पीछे का कारण स्पष्ट करेंगे।

क्षेत्र में शोक की लहर

इस घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोग और संघ के सदस्य इस खबर से स्तब्ध हैं और परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं। मीरा दिगा को कांवर यात्रा में शामिल होने के लिए सुल्तानगंज जाना था, लेकिन इस हादसे के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई है।

समुदाय की प्रतिक्रिया

स्थानीय समुदाय के लोग इस घटना से गहरे दुखी हैं। संघ के सदस्य विकास सिंह ने कहा, “गुडु एक होनहार युवक था और उसका इस तरह जाना सभी के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। हम उनके परिवार के साथ खड़े हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।”

यह घटना हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को उजागर करती है। मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर पेशेवर सहायता लेनी चाहिए।

Chandna Keshri मैं स्नातक हूं, लिखना मेरा शौक है।