Nawada Sentence: पति-पत्नी को आजीवन कारावास, 11 दोषियों को कड़ी सजा
नवादा न्यायालय ने 7 वर्षीय बच्चे की हत्या के मामले में पति-पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। छेड़छाड़ और हत्या के प्रयास के मामले में 16 दोषियों को जेल। पढ़ें पूरी खबर।
नवादा: व्यवहार न्यायालय ने दो अलग-अलग मामलों में न्याय की एक मिसाल पेश करते हुए 19 दोषियों को सजा सुनाई। इनमें एक मामले में पति-पत्नी को 7 वर्षीय बच्चे की हत्या के लिए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा दी गई, जबकि दूसरे मामले में छेड़छाड़ और हत्या के प्रयास में शामिल 16 दोषियों को विभिन्न अवधि की जेल की सजा सुनाई गई।
7 वर्षीय बच्चे की हत्या: न्यायालय का सख्त रुख
नवादा जिला अंतर्गत हिसुआ थाना क्षेत्र के ढिवरी गांव में 2021 में घटी इस हृदयविदारक घटना ने सभी को झकझोर दिया था। घटना के अनुसार, नीतीश कुमार और उनकी पत्नी संगीता देवी ने सात वर्षीय मनखुश कुमार की हत्या कर दी थी।
क्या था मामला?
10 जून 2021 को, 7 वर्षीय मनखुश अपने शिक्षक के पास ट्यूशन पढ़ने गया था लेकिन वापस घर नहीं लौटा। बच्चे के पिता, अजीत चौरसिया, ने हिसुआ थाना में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस जांच के दौरान मनखुश का शव अभियुक्त नीतीश कुमार के घर में रखे ड्रम से बरामद हुआ।
मामला न्यायालय पहुंचा, और चतुर्थ जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश विकास झा ने उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर पति-पत्नी को दोषी करार दिया।
सजा का विवरण
- हत्या का आरोप: आजीवन कारावास और ₹20,000 का जुर्माना।
- शव छिपाने का आरोप: 3 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹10,000 का जुर्माना।
न्यायालय की टिप्पणी
न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा, "घर के आंगन में पौधे की तरह बढ़ रहे बच्चे को काट दिया गया। किसी भी माता-पिता के लिए अपने बच्चे को खोने का दर्द अकल्पनीय है।"
उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करने की अनुशंसा भी की।
दूसरे मामले में 16 दोषियों को सजा
दूसरे मामले में, एक युवती के साथ छेड़छाड़ और हत्या के प्रयास के आरोप में 16 लोगों को दोषी पाया गया।
सजा का विवरण
- 9 दोषी: 5 साल की जेल।
- 8 दोषी: 4 साल की जेल।
इस मामले में न्यायालय ने एक बार फिर यह स्पष्ट संदेश दिया कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ऐतिहासिक संदर्भ: नवादा में अपराध और न्याय
नवादा जिला, जो कभी स्वतंत्रता सेनानियों और सामाजिक आंदोलनों का केंद्र था, अब तेजी से बदलते समाज में न्याय और अपराध के बीच संघर्ष का गवाह बन रहा है। इस जिले की न्यायपालिका ने कई बार ऐसे फैसले दिए हैं जो समाज के लिए उदाहरण बने हैं।
समाज की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया। एक ग्रामीण ने कहा, "न्यायालय ने दिखा दिया कि कानून से कोई बच नहीं सकता। यह फैसला अपराधियों के लिए एक सख्त संदेश है।"
डीएम का बयान
जिला अधिकारी ने कहा, "ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त न्याय से समाज में विश्वास बहाल होता है। प्रशासन पूरी कोशिश करेगा कि पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाए।"
समाप्ति पर विचार
इस फैसले से नवादा न्यायालय ने एक बार फिर यह साबित किया कि कानून और न्याय की ताकत से समाज में अपराधियों का मनोबल तोड़ा जा सकता है। यह फैसला न केवल पीड़ित परिवारों के लिए राहत है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी।
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