Zambia Arrested Indian: युवक के बैग से निकले 17 करोड़ कैश और सोना, अंतरराष्ट्रीय तस्करी की बड़ी साजिश का खुलासा!
ज़ाम्बिया एयरपोर्ट पर एक भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से ₹17 करोड़ कैश और सोना बरामद हुआ। इस गिरफ्तारी ने अंतरराष्ट्रीय तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट की आशंका को और गहरा कर दिया है।

ज़ाम्बिया की राजधानी लुसाका के केनेथ कौंडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक 27 वर्षीय भारतीय युवक को भारी मात्रा में नकदी और सोने के साथ गिरफ्तार किया गया। ज़ाम्बिया के ड्रग एनफोर्समेंट कमीशन (DEC) और कस्टम विभाग की संयुक्त कार्रवाई ने इस गिरफ्तारी को अंजाम दिया, जिसने अंतरराष्ट्रीय तस्करी रैकेट के बड़े खुलासे की संभावनाओं को जन्म दे दिया है।
बैग खुलते ही उड़ गए होश – क्या था अंदर?
इस युवक के पास से 2.32 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹17.07 करोड़) नकद और 7 सोने के बिस्किट जब्त किए गए हैं, जिनकी कीमत लगभग ₹4.22 करोड़ आंकी गई है। ये रकम एक काले पॉलीप्रोपाइलीन बैग में बेहद शातिराना तरीके से छिपाई गई थी – हर डॉलर का बंडल $100 के नोट में था, रबर बैंड से बांधकर बैग के भीतर तह करके रखा गया था। सोने के टुकड़े भी बेहद सावधानी से बैग की भीतरी परतों में छुपाए गए थे।
कैसे हुआ यह खुलासा?
ज़ाम्बिया की जांच एजेंसी को पहले ही खुफिया सूचना मिल चुकी थी कि दुबई जाने वाली फ्लाइट से एक संदिग्ध व्यक्ति निकलने वाला है। इसी आधार पर एयरपोर्ट पर विशेष निगरानी अभियान शुरू किया गया। जब इस युवक का बैग स्कैन किया गया, तो अधिकारियों को शक हुआ। पूछताछ और बैग की मैन्युअल तलाशी में सारा राज़ खुल गया।
एक बार फिर ज़ाम्बिया बना है तस्करी का गढ़?
ज़ाम्बिया एक समय से खनिज संसाधनों, खासकर तांबे और सोने की भरमार के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन विडंबना यह है कि विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार देश की 60% से अधिक आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है। यही आर्थिक विषमता देश में अवैध खनन, तस्करी और अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा देती है।
इतिहास गवाह है कि ज़ाम्बिया पहले भी ऐसी घटनाओं का केंद्र रहा है। अगस्त 2023 में मिस्र के पांच नागरिकों को एक प्राइवेट जेट से हथियार, 127 किलो सोना और $5.7 मिलियन नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में उन पर लगे जासूसी के आरोप हटाकर उन्हें छोड़ दिया गया था। उस मामले की तरह ही इस बार भी सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह युवक अकेला था या किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा?
मनी लॉन्ड्रिंग या सोने की तस्करी? क्या है सच्चाई?
ड्रग एनफोर्समेंट कमीशन ने अपने बयान में कहा है कि यह मामला केवल सोने और कैश की तस्करी नहीं, बल्कि एक बड़े अंतरराष्ट्रीय रैकेट की ओर इशारा करता है, जो हवाला, खनिज तस्करी और काले धन की दुनिया से जुड़ा हो सकता है। इस बात की भी जांच हो रही है कि आरोपी ज़ाम्बिया में इतना कैश और सोना लेकर कैसे आया और उसका लक्ष्य क्या था।
भारत कनेक्शन भी जांच के दायरे में
अब ज़ाम्बिया की एजेंसियां भारतीय एजेंसियों से भी संपर्क कर सकती हैं ताकि आरोपी की पृष्ठभूमि और नेटवर्क का पता लगाया जा सके। क्या यह युवक पहले भी तस्करी गतिविधियों में लिप्त था? क्या दुबई उसका अगला पड़ाव था या सिर्फ एक ट्रांजिट प्वाइंट? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिल सकते हैं।
एक गिरफ्तारी, कई सवाल
इस घटना ने फिर साबित कर दिया कि अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क आज भी कई देशों में सक्रिय हैं, और गरीब या अस्थिर अर्थव्यवस्थाएं उनके लिए आसान लक्ष्य बनती हैं। ज़ाम्बिया की यह कार्रवाई काबिल-ए-तारीफ है, लेकिन यह भी जरूरी है कि इस घटना की तह तक जाकर उस नेटवर्क को उजागर किया जाए जो दुनिया भर में काले धन और अवैध खनिजों के धंधे को चला रहा है।
इस मामले से भारत को भी सबक लेने की जरूरत है, खासकर उन युवाओं के लिए जो आसान कमाई की चाह में अंतरराष्ट्रीय अपराधों का हिस्सा बन जाते हैं। यह सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि पूरी सुरक्षा प्रणाली और काले बाजार की परतें उधेड़ने वाला मामला बन चुका है।
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