Jamshedpur Attack Drama: शादी से लौट रहे भाइयों पर बुलेट गैंग का हमला, फिर जो हुआ…
जमशेदपुर में शादी से लौट रहे दो भाइयों पर बुलेट सवार युवकों ने जानलेवा हमला किया। गाली-गलौज, लूटपाट की कोशिश और पाइप-बेल्ट से हमला कर दिया गया। पुलिस कर रही जांच।

रविवार की रात जमशेदपुर के साकची थाना क्षेत्र में जो हुआ, वह शहर की कानून व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। शादी समारोह से घर लौट रहे दो भाइयों पर बुलेट सवार युवकों ने पहले तो रास्ता रोककर गाली-गलौज की, फिर कुछ ही देर बाद अपने साथियों को बुलाकर उन पर बेल्ट और लोहे की पाइप से जानलेवा हमला कर दिया।
पीड़ित कीताडीह ग्वालापट्टी निवासी पंकज तिवारी और उनके बड़े भाई संजय तिवारी पर यह हमला अग्रसेन भवन के पास हुआ, जो कि साकची का एक व्यस्त इलाका माना जाता है।
क्या हुआ उस रात?
पंकज तिवारी साकची बंगाल क्लब में एक शादी समारोह में घोड़ा लेकर गए थे। समारोह समाप्त होने के बाद, वो अपने भाई संजय और दो अन्य लोगों के साथ वापस लौट रहे थे। जैसे ही वे अग्रसेन भवन के पास पहुंचे, दो बाइकों पर सवार तीन युवकों ने उन्हें रोका। बिना किसी उकसावे के गाली-गलौज शुरू हो गई।
मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह बीच-बचाव कर स्थिति शांत की, और युवक वहां से भाग निकले। लेकिन यहीं कहानी खत्म नहीं हुई।
करीब 15 मिनट बाद, वही युवक करीब 8-10 लोगों को लेकर बुलेट पर सवार होकर दोबारा लौटे और इस बार उन्होंने पंकज और संजय पर बेल्ट और पाइप से हमला कर दिया। मारपीट के दौरान उन्होंने ₹2000 की मांग भी की और लूटपाट की कोशिश की।
पुलिस की एंट्री और जांच
घटना की सूचना मिलते ही साकची थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायल भाइयों को तुरंत एमजीएम अस्पताल भेजा गया। जहां दोनों का इलाज जारी है। पंकज तिवारी ने थाने में लिखित शिकायत दी है और पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
इतिहास खुद को दोहराता दिख रहा है
यह पहली बार नहीं है जब साकची या आस-पास के क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं हुई हों। पिछले साल भी एक युवक पर शादी समारोह से लौटते वक्त हमला हुआ था, जिसमें भी बुलेट सवारों का नाम सामने आया था। इतना ही नहीं, साल 2022 में भी इसी इलाके में रंगदारी को लेकर एक व्यवसाई पर हमला किया गया था।
ये घटनाएं सिर्फ व्यक्तिगत दुश्मनी या नशे में धुत युवाओं की करतूत नहीं लगतीं, बल्कि एक संगठित गिरोह की मौजूदगी की ओर इशारा करती हैं, जो रात के समय सड़क पर खुलेआम गुंडागर्दी करता है।
स्थानीय लोगों में दहशत
घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अग्रसेन भवन के आसपास पहले भी कई झगड़े और छिनतई की घटनाएं हो चुकी हैं। पर पुलिस सिर्फ घटना होने के बाद पहुंचती है, पहले कोई निगरानी या पेट्रोलिंग नहीं होती।
शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर अब आम जनता सवाल उठाने लगी है। आखिर ऐसी घटनाएं बार-बार क्यों दोहराई जा रही हैं? और क्यों अपराधी इतनी आसानी से फरार हो जाते हैं?
क्या आगे होगा?
पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और कुछ संदिग्धों की पहचान की गई है। लेकिन सवाल यह है कि जब साक्ष्य सामने होते हुए भी अक्सर मामलों में ठंडा रवैया अपनाया जाता है, तो क्या इस बार भी वही होगा?
पंकज और संजय तिवारी के साथ जो हुआ, वह किसी के साथ भी हो सकता है। और जब तक ऐसे हमलों को अंजाम देने वालों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक "शहर सुरक्षित है" कहना एक भ्रम बना रहेगा।
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