Deoghar Fraud: कनाडा से गिफ्ट का झांसा, शिक्षक के साथ 1.70 लाख की बड़ी ठगी!

देवघर में कनाडा से 30 लाख रुपये के गिफ्ट पार्सल का झांसा देकर एक शिक्षक से 1.70 लाख रुपये की ठगी हुई। पीड़ित ने साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई।

May 19, 2025 - 17:22
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Deoghar Fraud: कनाडा से गिफ्ट का झांसा, शिक्षक के साथ 1.70 लाख की बड़ी ठगी!
Deoghar Fraud: कनाडा से गिफ्ट का झांसा, शिक्षक के साथ 1.70 लाख की बड़ी ठगी!

देवघर के करणीबाग इलाके से एक हैरान कर देने वाली साइबर ठगी की खबर सामने आई है, जिसने न केवल एक शिक्षक को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया बल्कि पूरे क्षेत्र में साइबर अपराध के खतरों पर सवाल उठाए हैं। ठगों ने कनाडा से 30 लाख रुपये के गिफ्ट पार्सल का झांसा देकर करणीबाग निवासी शिक्षक से लगभग 1.70 लाख रुपये ठग लिए।

कैसे हुआ धोखा?

पीड़ित शिक्षक को एक अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आया जिसमें ठगों ने दावा किया कि उनके नाम से कनाडा से भारी रकम का एक गिफ्ट पार्सल भेजा गया है। इस पार्सल को प्राप्त करने के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार के टैक्स और चार्जेज भरने पड़ेंगे। भोले-भाले शिक्षक ने इस झांसे में आकर, चरणबद्ध तरीके से लगभग 1.70 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

साइबर ठगी का पुराना इतिहास

भारत में साइबर ठगी के मामले पिछले दशक में तेजी से बढ़े हैं। कई बार विदेशी ठग भी लोगों को बड़े गिफ्ट, लॉटरी या इनाम का झांसा देकर ठगने का प्रयास करते हैं। 2010 के बाद से ऑनलाइन फ्रॉड के बढ़ते मामलों ने लोगों को सतर्क कर दिया है, लेकिन फिर भी कई लोग इन फर्जी कॉल्स में फंस जाते हैं।

पैसे भेजने के बाद भी पार्सल नहीं पहुंचा

ठगों ने पैसे लेने के बाद पार्सल डिलीवरी की तारीख लगातार टालते रहे। जब तय समय पर पार्सल नहीं पहुंचा, तब शिक्षक ने पुनः उसी नंबर पर संपर्क किया। इस बार फिर से उन्हें एक नया टैक्स भरने की बात कही गई, जिससे शिक्षक को शक हुआ और उन्होंने तुरंत साइबर थाना जाकर शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस की जांच जारी

साइबर थाना पुलिस ने शिक्षक से सभी ट्रांजेक्शन और भुगतान से संबंधित डिटेल्स मांगी हैं। जांच के दौरान यह पता लगाया जा रहा है कि ठग कौन हैं और वे किस नेटवर्क से जुड़े हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे साइबर अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है, इसलिए जनता को सावधानी बरतने की जरूरत है।

जागरूकता जरूरी क्यों?

देवघर जैसे छोटे शहरों में भी साइबर अपराध तेजी से फैल रहा है। आम लोगों को फर्जी कॉल, मैसेज और ईमेल से सावधान रहना चाहिए। बड़े गिफ्ट या इनाम का झांसा देने वाले कॉल कभी भी भरोसेमंद नहीं होते। यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में साइबर सुरक्षा के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने कई जागरूकता अभियान चलाए हैं।

क्या करें अगर फंस जाएं?

अगर कोई व्यक्ति इस तरह की ठगी का शिकार हो जाता है तो उसे तुरंत नजदीकी साइबर थाना या पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत करनी चाहिए। साथ ही अपने बैंक और मोबाइल ट्रांजैक्शन की जानकारी पुलिस को देना जरूरी होता है ताकि ठगों का पता लगाया जा सके।

देवघर के इस शिक्षक की ठगी की कहानी पूरे क्षेत्र के लिए चेतावनी है कि साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है और इसके शिकार कोई भी हो सकता है। हमें अपने ऑनलाइन व्यवहार में सावधानी बरतनी होगी और किसी भी अज्ञात कॉल या मैसेज पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

अब सवाल यह है कि क्या पुलिस इस मामले को जल्द सुलझा पाएगी और ठगों को पकड़ कर कानून के कटघरे में लाएगी? साथ ही आम लोगों को भी इस खतरे से अवगत कराते हुए सतर्क रहना होगा ताकि ऐसे अपराध कम से कम हों।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।