Palamu Accident: बारात से लौटते वक्त हुआ दर्दनाक हादसा, दूल्हे के रिश्तेदार की मौत!
पलामू जिले में सोमवार सुबह बारात से लौट रही कार को हाईवा ने टक्कर मार दी, जिसमें एक युवक की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। पढ़ें पूरी घटना की दर्दनाक कहानी।

पलामू में सोमवार की सुबह एक ऐसा हादसा हुआ जिसने एक शादी की खुशियों को मातम में बदल दिया। गढ़वा जिले के रमकंडा से बारात से लौट रही एक कार को नेशनल हाइवे 98 पर एक तेज रफ्तार हाइवा ने जोरदार टक्कर मार दी। इस भीषण टक्कर में कार मालिक सत्येंद्र यादव उर्फ गुड्डू की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कार में सवार चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
यह हादसा मेदिनीनगर-औरंगाबाद मुख्य मार्ग के कंडा इलाके में सुबह 5 बजे के करीब हुआ। सत्येंद्र यादव छतरपुर थाना क्षेत्र के रामगढ़ गांव के निवासी थे और वह बारात में शामिल होकर लौट रहे थे।
बारात से लौटते वक्त पलट गई किस्मत
कार में सवार सभी लोग एक शादी समारोह में शामिल होकर वापस आ रहे थे। यह बारात खोडही गांव के लाल मोहन यादव के पुत्र की थी, जो रमकंडा (गढ़वा) गई थी। वापसी में मौत ने ऐसी दस्तक दी कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
हादसे में मारे गए सत्येंद्र यादव खुद गाड़ी चला रहे थे। जैसे ही कार एनएच-98 पर कंडा पहुंची, विपरीत दिशा से तेज गति में आ रही हाइवा ने कार को सीधी टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए।
एक घंटे तक कार में फंसा रहा शव, दर्दनाक मंजर
हादसे के बाद कार इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई कि सत्येंद्र का शव ड्राइविंग सीट में फंस गया। करीब एक घंटे तक वे कार के अंदर ही फंसे रहे। ग्रामीणों और नावाबाजार थाना पुलिस की मदद से क्रेन बुलवाकर शव को बाहर निकाला गया।
इस बीच घायलों को स्थानीय लोगों और पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मेदिनीनगर एमएमसीएच (मेडिकल कॉलेज) भेजा। घायलों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
हाइवा ड्राइवर मौके से फरार, पुलिस तलाश में जुटी
हादसे के बाद हाइवा का ड्राइवर मौके से वाहन समेत फरार हो गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके में अक्सर भारी वाहन तेज रफ्तार से गुजरते हैं और दुर्घटनाएं आम हो चुकी हैं।
पलामू और NH98 पर हादसों का इतिहास
NH98, जो मेदिनीनगर को औरंगाबाद से जोड़ता है, पहले भी कई जानलेवा हादसों का गवाह बन चुका है। इस रूट पर भारी वाहनों की अव्यवस्थित आवाजाही और चौकसी की कमी ने इसे दुर्घटनाओं के लिए बदनाम बना दिया है। स्थानीय लोग कई बार प्रशासन से ट्रैफिक कंट्रोल और स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
सवाल जो अब भी बाकी हैं
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क्या हाईवा की तेज रफ्तार ही हादसे की एकमात्र वजह है?
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क्या सड़क पर कोई तकनीकी या प्रशासनिक चूक थी?
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क्यों बार-बार NH98 बनता जा रहा है मौत का रास्ता?
Palamu जिले की यह घटना एक बार फिर सवाल उठाती है कि आखिर हमारे राष्ट्रीय राजमार्ग कब तक ऐसे दर्दनाक हादसों के गवाह बनते रहेंगे? एक परिवार की शादी की खुशी मातम में तब्दील हो गई और चार परिवारों में अब अस्पताल की चिंता मंडरा रही है। प्रशासन को अब केवल कार्रवाई का भरोसा नहीं, वास्तविक सुधार की आवश्यकता है।
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