Giridih Fire: शॉपिंग सेंटर में भीषण आग, मां-बेटी की दर्दनाक मौत से मचा हड़कंप!
गिरिडीह के पचंबा थाना क्षेत्र स्थित खुशी मार्ट में लगी भीषण आग में मां-बेटी की जलकर मौत हो गई। आग इतनी भयावह थी कि रेस्क्यू ऑपरेशन भी मुश्किल में पड़ गया। पढ़ें पूरी घटना की सनसनीखेज जानकारी।

गिरिडीह के पचंबा थाना क्षेत्र में सोमवार की सुबह ऐसा मंजर देखने को मिला जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। मारवाड़ी मोहल्ला रोड पर स्थित प्रसिद्ध कपड़े की दुकान ‘खुशी मार्ट’ में अचानक भीषण आग लग गई। देखते ही देखते आग की लपटों ने दुकान के साथ-साथ ऊपर के मकान को भी अपनी चपेट में ले लिया।
इस आग ने एक ही परिवार की दो जिंदगियों को निगल लिया—संगीता डालमिया (45 वर्ष) और उनकी बेटी खुशी डालमिया (22 वर्ष), जो चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने की तैयारी कर रही थी, इस हादसे में जिंदा जल गईं।
धधकते शो-रूम की आग में झुलसी ज़िंदगियाँ
दुकान के मालिक दिनेश डालमिया के परिवार के लिए यह सुबह कब दुःस्वप्न में बदल गई, किसी को अंदाजा भी नहीं था। खुशी मार्ट इलाके में एक जाना-माना शोरूम है, जहां कपड़े और घरेलू उपयोग की अन्य वस्तुएं बिकती थीं। आग इतनी तेजी से फैली कि पांच घंटे तक दमकल की गाड़ियां भी इसे पूरी तरह बुझा नहीं सकीं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, पहले धुंआ उठा, फिर कुछ ही मिनटों में लपटें दुकान से ऊपर मकान तक फैल गईं। दुकानदारों और पड़ोसियों ने सबसे पहले शोर मचाया और फायर ब्रिगेड को सूचना दी।
मां-बेटी के लिए आखिरी सुबह साबित हुई
जब तक रेस्क्यू टीम पहुंची, संगीता और उनकी बेटी खुशी घर के अंदर फंसी रह गईं। दमकल कर्मियों ने घंटों की मशक्कत के बाद दोनों के शव बाहर निकाले। इस दिल दहला देने वाले हादसे ने पूरे मोहल्ले को गहरे सदमे में डाल दिया है।
बचाव कार्य में भी आग बनी बाधा
रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद कठिन हो गया क्योंकि आग चारों ओर फैल चुकी थी। खबर लिखे जाने तक चार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका था, लेकिन एक छोटी बच्ची के अंदर फंसे होने की आशंका अब भी बनी हुई है। दमकल कर्मियों को आग बुझाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि एक दमकल की गाड़ी का पानी खत्म हो गया था।
प्रशासन ने तुरंत धनबाद और कोडरमा से और दमकल गाड़ियां मंगवाई हैं। घटनास्थल पर डीएसपी कौसर अली, एसडीएम यशवंत श्रीकांत वीसूपते, थाना प्रभारी राजीव कुमार समेत तमाम अधिकारी मौजूद हैं और हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
क्या थी आग की वजह? अभी भी रहस्य
फिलहाल आग लगने के कारणों की पुष्टि नहीं हो पाई है। हालांकि, प्रारंभिक अनुमान है कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी होगी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आसपास के इलाके को पूरी तरह बैरिकेड कर दिया गया है ताकि लोग आग के पास न जाएं।
गिरिडीह में ऐसी घटनाओं का इतिहास
गिरिडीह शहर में इस तरह की आग की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। खासकर पुरानी बाजार और रिहायशी इलाकों में शॉर्ट सर्किट और गैस लीक से कई बार हादसे हो चुके हैं। लेकिन हर बार प्रशासन की ओर से सिर्फ जांच की घोषणा होती है, स्थायी समाधान नहीं।
खुशी मार्ट की आग एक और उदाहरण है जो बताता है कि शहर में फायर सेफ्टी के नियम कितने कमजोर हैं।
अंतहीन सवाल और टूटी उम्मीदें
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अगर सुरक्षा के उचित इंतज़ाम होते, तो क्या मां-बेटी की जान बचाई जा सकती थी?
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एक प्रतिष्ठित दुकान में फायर अलार्म और इमरजेंसी एग्जिट क्यों नहीं थे?
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क्या गिरिडीह प्रशासन अब चेतेगा या अगली त्रासदी का इंतजार करेगा?
Giridih की यह घटना एक चेतावनी है, एक दर्दनाक कहानी जो बताती है कि ज़रा सी चूक कैसे एक पूरा परिवार उजाड़ सकती है। खुशी और उसकी मां अब नहीं रहीं, लेकिन सवाल अब भी जिंदा हैं। अग्निशमन व्यवस्था, सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रशासन की तत्परता—हर पहलू की आज परीक्षा हुई है, और बहुत कुछ अधूरा साबित हुआ है।
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