Ghatsila Gathering: बुरीडीह डैम में झारखंड क्षत्रिय महिला संघ का वन भोज, मनोरंजन और समृद्धि की कामना

घाटशिला के बुरीडीह डैम में आयोजित झारखंड क्षत्रिय महिला संघ के वन भोज में ढाई सौ से ज्यादा महिलाएं और बच्चों ने भाग लिया। जानिए इस विशेष आयोजन के बारे में।

Dec 24, 2024 - 18:04
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Ghatsila Gathering: बुरीडीह डैम में झारखंड क्षत्रिय महिला संघ का वन भोज, मनोरंजन और समृद्धि की कामना
Ghatsila Gathering: बुरीडीह डैम में झारखंड क्षत्रिय महिला संघ का वन भोज, मनोरंजन और समृद्धि की कामना

घाटशिला, झारखंड में बुरीडीह डैम के किनारे एक खास और रंगीन आयोजन हुआ। झारखंड क्षत्रिय महिला संघ द्वारा आयोजित इस वन भोज में राज्य के विभिन्न स्थानों से महिलाएं और बच्चे शामिल हुए। आदित्यपुर, सीताराम डेरा, बिष्टुपुर, सुंदर नगर, गोविंदपुर, साकची, टेल्को, सोनारी, मांगो, बागबेड़ा, सिदगोड़ा, कदमा और जुगसलाई जैसे क्षेत्रों से कुल ढाई सौ से अधिक महिलाएं और 40 बच्चे इस आयोजन का हिस्सा बने।

यह आयोजन न केवल एक मनोरंजन का अवसर था, बल्कि महिलाओं के लिए एक सांस्कृतिक मिलनसार का भी प्रतीक था। इस वन भोज में, महिलाओं ने एक साथ समय बिताया, नृत्य किया, और साथ ही संगठन को और मजबूत बनाने के लिए अपने विचार साझा किए।

आध्यात्मिक शुरुआत और मनोरंजन का संगम

आयोजन की शुरुआत में सभी महिलाओं ने पहले गालूडीह स्थित वैष्णो देवी मंदिर में माता के दर्शन किए और आने वाले वर्षों में अपने परिवारों के सुख-समृद्धि की कामना की। यह धार्मिक अवसर महिलाओं के लिए मानसिक शांति और सामूहिक भक्ति का प्रतीक था।

उसके बाद, पिकनिक स्थल पर नाश्ते के बाद सभी महिलाओं का परिचय हुआ, जहां उन्होंने एक-दूसरे से विचारों का आदान-प्रदान किया। महिलाएं एक-दूसरे से जुड़ी, और एक दूसरे के संघर्षों और सफलता की कहानियां भी साझा कीं। इस मौके पर लगभग 40 बच्चों ने भी इस आयोजन में हिस्सा लिया, और उनके लिए अलग से खेलकूद की व्यवस्था की गई थी। बच्चों के लिए यह आयोजन न केवल मनोरंजन बल्कि सीखने और एक दूसरे से जुड़ने का भी मौका था।

संगठन को मजबूती देने की दिशा में अहम चर्चा

झारखंड क्षत्रिय महिला संघ का यह आयोजन सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं था। इसमें संगठन को मजबूत बनाने की दिशा में भी चर्चा की गई। सभी इकाइयों ने अपने-अपने विचार साझा किए और यह तय किया गया कि आने वाले वर्षों में संगठन को किस प्रकार और मजबूत किया जा सकता है।

इस चर्चा में अध्यक्ष कविता परमार और महासचिव मंजू सिंह ने सक्रिय भाग लिया। महिलाओं ने विशेष रूप से बच्चों की अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर विचार साझा किए, और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया कि आने वाली पीढ़ियों को अच्छे संस्कार और शिक्षा मिल सके।

संगठन में नई सदस्यता का बढ़ावा

इस बैठक के दौरान एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि प्रत्येक इकाई के अध्यक्ष को एक महीने का समय दिया गया है, ताकि वे अपनी इकाई में जो नई महिलाएं जुड़ी हैं, उन्हें संगठन से जोड़ सकें और एक मजबूत नेटवर्क तैयार कर सकें। यह निर्णय महिलाओं की सक्रिय भागीदारी और संगठन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

वन भोज का आनंद और सांस्कृतिक नृत्य

वन भोज का मुख्य आकर्षण महिलाओं और बच्चों का मिलकर आनंद लेना था। महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों से आए गानों पर नृत्य करतीं और अपने पसंदीदा गीतों पर थिरकतीं। यह नृत्य न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव था, बल्कि महिलाओं के एकजुटता का भी प्रतीक था। इस तरह के आयोजनों के माध्यम से महिलाएं न केवल आनंद लेती हैं, बल्कि एक दूसरे से जुड़कर सामूहिक शक्ति का अहसास भी करती हैं।

झारखंड में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम और आगे

इस आयोजन ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जहां एक ओर महिलाएं अपने घरों और परिवारों की जिम्मेदारी निभाती हैं, वहीं इस तरह के आयोजनों से उन्हें खुद को व्यक्त करने और एक साथ समाज की प्रगति में योगदान देने का मौका मिलता है। झारखंड क्षत्रिय महिला संघ का यह वन भोज महिलाओं को आगे बढ़ने, अपनी बात रखने और समाज में अपनी पहचान बनाने का एक बेहतरीन मंच प्रदान करता है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।