Dhanbad Shooting Case : बीसीसीएल आउटसोर्सिंग कंपनी के VP गोपाल रेड्डी पर गोलियां बरसीं, काली मंदिर से लौटते वक्त हमला
धनबाद में बीसीसीएल की इंदू आउटसोर्सिंग कंपनी के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट गोपाल रेड्डी पर काली मंदिर के पास अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जानें पूरी घटना और पुलिस जांच की ताज़ा स्थिति।

धनबाद : कोयले की राजधानी कहे जाने वाले धनबाद में शनिवार की सुबह सनसनीखेज वारदात ने हर किसी को चौंका दिया। बीसीसीएल (Bharat Coking Coal Limited) के मुनीडीह क्षेत्र में संचालित इंदू आउटसोर्सिंग कंपनी के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट गोपाल रेड्डी पर अपराधियों ने उस वक्त गोली चला दी, जब वे पूजा करके काली मंदिर से घर लौट रहे थे।
घटना सुबह करीब 7 बजे की बताई जाती है। गोपाल रेड्डी अपनी कार की पिछली सीट पर बैठे ही थे कि अचानक मोटरसाइकिल पर सवार एक युवक ने फायरिंग शुरू कर दी। पहली गोली कार के अगले हिस्से में जा फंसी, जबकि दूसरी गोली उनकी जांघ को पार कर गई। हालांकि ड्राइवर की फुर्ती और तुरंत अस्पताल पहुंचाने से उनकी जान बच गई।
मंदिर से घर लौटते वक्त हमला
मिली जानकारी के मुताबिक, गोपाल रेड्डी पूजा-अर्चना के बाद मंदिर से बाहर निकले थे। कार में बैठते ही अपराधी ने नजदीक से फायरिंग कर दी। गोली चलते ही अफरातफरी मच गई। उनके चालक ने बिना समय गंवाए उन्हें घर पहुंचाया, जहां से एंबुलेंस बुलाकर असर्फी अस्पताल भेजा गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत इलाज में लिया।
पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही मुनीडीह ओपी और पुटकी थाना पुलिस सक्रिय हो गई। पुलिस काली मंदिर परिसर और आसपास की दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है। बताया जाता है कि जिस रास्ते पर हमला हुआ, वहां से चार अलग-अलग रास्ते निकलते हैं। यही कारण है कि अपराधी किस दिशा में भागा, यह अब तक साफ नहीं हो पाया है।
कंपनी के कर्मचारियों में दहशत
गोपाल रेड्डी पर हुए हमले की खबर फैलते ही इंदू आउटसोर्सिंग कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में लोग अस्पताल पहुंच गए। हर कोई एक ही सवाल पूछ रहा था—आखिर कंपनी के बड़े अधिकारी पर हमला क्यों किया गया? क्या इसके पीछे कोई पुरानी रंजिश है या फिर किसी व्यावसायिक टकराव की वजह?
धनबाद का आपराधिक इतिहास
धनबाद सिर्फ कोयले की खदानों और उद्योगों के लिए ही नहीं, बल्कि अपने आपराधिक इतिहास के लिए भी कुख्यात रहा है। 80 और 90 के दशक में यहां कोयला माफिया और गैंगवार आम बात थी। कई बड़े उद्योगपतियों और अधिकारियों पर हमले की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पुलिस की सख्ती और वर्षों की कार्रवाई के बाद इन घटनाओं में कमी आई थी, लेकिन गोपाल रेड्डी पर हुआ यह हमला पुराने दौर की याद ताज़ा कर रहा है।
हमला क्यों हुआ?
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि गोपाल रेड्डी हाल ही में कंपनी में शामिल हुए थे और एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट का पदभार संभाला था। ऐसे में यह भी सवाल उठता है कि कहीं उनके आने के बाद कंपनी के अंदर या बाहर किसी तरह की खींचतान तो नहीं शुरू हो गई? हालांकि पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।
लोगों की राय
स्थानीय लोगों का कहना है कि काली मंदिर हमेशा से एक भीड़भाड़ वाला इलाका रहा है, लेकिन सुबह का वक्त अपेक्षाकृत शांत रहता है। शायद इसी वजह से अपराधी ने हमला करने के लिए यही समय चुना। चश्मदीदों का कहना है कि घटना के वक्त सड़क पर भीड़ नहीं थी, जिससे अपराधी आसानी से भाग निकला।
पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों की मदद से अपराधी तक जल्द पहुंचा जाएगा। साथ ही हमले के पीछे के कारणों को लेकर भी जांच जारी है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि फिलहाल गोपाल रेड्डी खतरे से बाहर हैं और उनकी स्थिति स्थिर है।
बड़ा सवाल
धनबाद जैसे संवेदनशील शहर में, जहां पहले से अपराध का लंबा इतिहास रहा है, वहां दिनदहाड़े इस तरह का हमला कई गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या यह घटना संगठित अपराध से जुड़ी है या फिर किसी व्यक्तिगत दुश्मनी का नतीजा? जवाब आने बाकी हैं, लेकिन फिलहाल यह वारदात शहर में डर का माहौल जरूर छोड़ गई है।
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