झारखंड में मनरेगा कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल: क्या जानना चाहते हैं इसका कारण?
झारखंड: मनरेगा कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान?
झारखंड के मनरेगा कर्मचारियों ने "वादा निभाओ..स्थायी करो" की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है। उनकी मुख्य मांगों में सेवा शर्त नियमावली में सुधार, सेवा स्थायीकरण और वेतनमान का प्रावधान शामिल है। सरकार का इस पर स्पष्ट रुख न होने के कारण, झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है।
2 जुलाई से आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जब मोहराबादी मैदान से राजभवन तक पदयात्रा और मुख्यमंत्री आवास घेराव के साथ कर्मचारियों ने अपनी मांगों को उठाया। कर्मचारी संगठन सरकार को ज्ञापन सौंपना चाहते थे, लेकिन प्रशासनिक स्तर से कोई पहल नहीं की गई, जिससे कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ गया।
मनरेगा कर्मचारी चाहते थे कि उनकी समस्याओं पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात हो, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया। इससे कर्मचारी वर्ग में निराशा और नाराजगी दोनों है। 7 जुलाई तक मनरेगा कर्मचारी राज्यभर में फरियाद यात्रा निकालेंगे और विधायकों से मिलकर अपनी समस्याओं को बताएंगे। साथ ही, वे विधायकों से समस्याओं के समाधान के लिए पहल की अपील करेंगे।
8 जुलाई से राज्यभर के मनरेगाकर्मी झामुमो के केंद्रीय कार्यालय का घेराव करेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। 10 जुलाई को जिला समाहरणालय के सामने हल्ला बोल और धरना प्रदर्शन होगा, जिसमें मृत मनरेगाकर्मियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और मांगपत्र मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।
11 से 17 जुलाई तक प्रदेशभर में मनरेगाकर्मी सरकार की वादाखिलाफी का पोस्टर लगाएंगे और जनता से समर्थन मांगेंगे। 18 से 20 जुलाई तक प्रदेश में मनरेगा का काम ठप कर तीन दिवसीय सांकेतिक हड़ताल की जाएगी। वहीं 20 जुलाई को रांची में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। अंततः, 22 जुलाई से मनरेगाकर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो जाएगी।
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