चौंकाने वाला मोड़: हेमंत सोरेन बने मुख्यमंत्री- क्या बीजेपी खेमे में है निराशा?
क्या हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने से भाजपा खेमे में मायूसी छा गई है? सुधीर कुमार पप्पू का दावा
हेमंत सोरेन के फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा खेमे में मायूसी छा गई है। समाजवादी चिंतक और अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू का कहना है कि मोदी सरकार और भाजपा की हर साजिश नाकाम हो रही है। ईडी के माध्यम से हेमंत सोरेन पर फर्जी केस बनाकर जेल भेजा गया था, परंतु ईडी कोर्ट में कोई सबूत पेश नहीं कर सकी। जेल से रिहा होते ही हेमंत सोरेन ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली और झारखंड की कमान संभाल ली है।
यह राजनीतिक घटनाक्रम भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है। पप्पू का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने हेमंत सोरेन को फर्जी केस में फंसा कर जेल भेजा था ताकि भाजपा को चुनाव में फायदा हो सके, लेकिन जनता ने भाजपा की साजिश को नाकाम कर दिया। अब राज्य में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चल रही है और भाजपा के पास मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं है। भाजपा सिर्फ मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ना चाहती है।
महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसी राज्यों में भाजपा ने वही फार्मूला अपनाया, लेकिन हालात ये हैं कि भाजपा के पास एक ठोस नेतृत्व नहीं है। खासकर मणिपुर की घटना के बाद आदिवासी समाज भाजपा से दूर हो गया है, और इसी वजह से सभी आरक्षित सीटों पर लोकसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार मिली है।
सुधीर कुमार पप्पू ने आगे कहा, "जनता ने भाजपा को सबक सिखा दिया है और भाजपा को बैसाखी सरकार चलाने पर मजबूर कर दिया है। यह सरकार कभी भी गिर सकती है। देश की जनता नहीं चाहती थी कि तीसरी बार मोदी सरकार बने, लेकिन 38 दलों के साथ एनडीए के नाम पर जोड़-तोड़कर सरकार बन गई।"
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