Ranchi Raid : ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी से रांची में मचा हड़कंप, कौन है निशाने पर?

रांची में ईडी की एक और बड़ी रेड से हड़कंप मच गया है। कांके, रातू रोड और कडरू इलाके में छापेमारी जारी है। जानिए किस वजह से हो रही है यह कार्रवाई और इसका झारखंड की राजनीति से क्या कनेक्शन है।

Sep 23, 2025 - 14:23
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Ranchi Raid : ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी से रांची में मचा हड़कंप, कौन है निशाने पर?
Ranchi Raid : ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी से रांची में मचा हड़कंप, कौन है निशाने पर?

झारखंड की राजधानी रांची एक बार फिर सुर्खियों में है। मंगलवार की सुबह जैसे ही लोग रोजमर्रा की जिंदगी की शुरुआत कर रहे थे, तभी अचानक खबर आई कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक साथ कई ठिकानों पर छापा मारा है। देखते ही देखते पूरे शहर में हलचल मच गई।

जानकारी के अनुसार, ईडी की टीमें कांके स्थित एक रिसॉर्ट, रातू रोड के सुखदेव नगर और कडरू इलाके में पहुंचकर तलाशी ले रही हैं। चारों ओर बस यही चर्चा है कि आखिर इस बार एजेंसी के रडार पर कौन है और किस घोटाले से जुड़ा यह मामला है।

झारखंड में बार-बार क्यों हो रही रेड?

यह पहला मौका नहीं है जब रांची में ईडी ने इतनी बड़ी कार्रवाई की हो। पिछले कुछ वर्षों में झारखंड बार-बार खनन घोटाले, जमीन घोटाले और शराब माफिया से जुड़े मामलों में जांच एजेंसियों के निशाने पर आया है।

साल 2022 में झारखंड की राजनीति उस समय हिल गई थी, जब खनन पट्टों में गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग केस में कई अफसर और नेताओं पर कार्रवाई हुई। आईएएस पूजा सिंघल की गिरफ्तारी ने न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थीं। पूजा सिंघल के घर से करोड़ों की नकदी मिलने पर राजनीति गरमा गई थी।

इसके बाद से ईडी और सीबीआई लगातार झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में कार्रवाई कर रही हैं। ऐसे में आज की रेड को लेकर एक बार फिर से सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह किसी नए घोटाले का खुलासा है या फिर पुराने मामलों से जुड़ा कोई नया मोड़।

सुबह-सुबह क्यों हुई छापेमारी?

सूत्रों के मुताबिक, ईडी की यह छापेमारी पूरी प्लानिंग के साथ की गई है। सुबह के वक्त अचानक कार्रवाई करने का मकसद यह रहता है कि संबंधित लोग दस्तावेज या सबूत न छुपा सकें।

कांके रिसॉर्ट, जहां रेड हो रही है, वहां लंबे समय से राजनीतिक और कारोबारी बैठकों की चर्चाएं रही हैं। वहीं रातू रोड और कडरू के इलाकों में ऐसे ठिकानों की तलाश की जा रही है, जिनका कनेक्शन कथित घोटालों से हो सकता है।

राजनीतिक गलियारों में हलचल

झारखंड की राजनीति पहले से ही अस्थिरता के दौर से गुजर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले ही ईडी और सीबीआई की जांच को लेकर केंद्र पर हमलावर रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि इन छापों के पीछे सिर्फ “राजनीतिक बदले की भावना” है। वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि अगर किसी ने गड़बड़ी की है, तो कानून को काम करने दिया जाना चाहिए।

आज की रेड ने राजनीतिक गलियारों में फिर से “सत्ता बनाम जांच एजेंसी” की बहस को हवा दे दी है।

जनता की उत्सुकता – आखिर किस पर गिरेगी गाज?

रांची की सड़कों और चाय की दुकानों पर लोग बस एक ही सवाल कर रहे हैं – “इस बार कौन फंसेगा?”
पिछली बार की तरह क्या किसी बड़े अफसर या नेता का नाम सामने आएगा?
या फिर यह छापेमारी किसी नए कारोबारी नेटवर्क की ओर इशारा कर रही है?

गांव से लेकर राजधानी तक लोग मोबाइल और टीवी स्क्रीन पर नजरें गड़ाए हुए हैं।

इतिहास बताता है – झारखंड में बार-बार घोटालों से हिली नींव

झारखंड की स्थापना साल 2000 में हुई थी, लेकिन तब से लेकर अब तक राज्य कई भ्रष्टाचार और घोटालों से जूझता रहा है।

  • मधु कोड़ा घोटाला (2008): पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पर हजारों करोड़ के घोटाले का आरोप लगा था।

  • खनन और जमीन घोटाले: हाल के वर्षों में यह राज्य की सबसे बड़ी चुनौतियों में शामिल रहे हैं।

  • शराब घोटाला: इसके कारण कई अधिकारी और कारोबारी जांच के घेरे में आए।

इतिहास साफ दिखाता है कि झारखंड के विकास की राह बार-बार भ्रष्टाचार की वजह से बाधित होती रही है।

आज की Ranchi Raid सिर्फ एक छापेमारी नहीं है, बल्कि झारखंड की उस पुरानी कहानी का नया अध्याय है, जहां सत्ता, पैसा और भ्रष्टाचार की कड़ी जुड़ती चली जाती है। फिलहाल सबकी निगाहें ईडी की कार्रवाई पर टिकी हैं।

क्या इस बार कोई बड़ा चेहरा बेनकाब होगा?
क्या राजनीति का समीकरण बदलेगा?
या फिर यह रेड सिर्फ शुरुआत है किसी और बड़े खुलासे की?

आने वाला वक्त ही इन सवालों का जवाब देगा।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।