Jamshedpur Eviction : प्रखंड कार्यालय गेट पर चला जेसीबी, दुकानदारों में मचा हड़कंप!
जमशेदपुर के परसुडीह के करणडीह प्रखंड कार्यालय गेट के पास अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया। जेसीबी से कई ढांचे तोड़े गए, जिससे दुकानदारों में अफरा-तफरी मच गई। जानिए इस कार्रवाई के पीछे की पूरी कहानी।

जमशेदपुर : मंगलवार की सुबह जमशेदपुर के परसुडीह स्थित करणडीह प्रखंड कार्यालय गेट के पास अचानक अफरा-तफरी मच गई। लोग अपनी-अपनी दुकानें समेट रहे थे, ठेले हटाए जा रहे थे और जेसीबी की आवाज गूंज रही थी। दरअसल, यहां प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया। जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, पूरे इलाके में हलचल मच गई।
कार्रवाई का पूरा घटनाक्रम
सीआई बलवंत सिंह की मौजूदगी में अभियान शुरू हुआ। गेट के आसपास कई दुकानदारों ने प्लास्टिक तानकर अपना छोटा-सा ठिकाना बना लिया था। कोई सब्जी बेच रहा था तो कोई छोटे-मोटे सामान। लेकिन मंगलवार की सुबह सबकुछ बदल गया।
जेसीबी मशीन जैसे ही मौके पर पहुंची, दुकानदारों में भगदड़ मच गई। कुछ लोगों ने पहले से ही अपना सामान समेट लिया था, लेकिन कई दुकानदारों को मौके पर ही अपने ठेले और दुकानें हटानी पड़ीं। कई अस्थायी ढांचे देखते ही देखते धराशायी कर दिए गए।
दुकानदारों में हड़कंप
जिन लोगों का आशियाना उजड़ गया, वे मायूस नजर आए। कई दुकानदारों की आंखों में आंसू थे। उनका कहना था कि यही उनकी रोजी-रोटी का सहारा था। “साहब, अब हम कहां जाएंगे? यही दुकान से बच्चों का पेट पालते थे,” एक महिला दुकानदार रोते हुए कहती नजर आईं।
हालांकि प्रशासन का कहना है कि प्रखंड कार्यालय गेट के आसपास लगातार जाम और अव्यवस्था की शिकायत मिल रही थी। आम लोग और दफ्तर आने-जाने वाले कर्मचारी परेशान हो रहे थे। इसलिए अतिक्रमण हटाना जरूरी था।
इतिहास बताता है – जमशेदपुर में बार-बार चली है जेसीबी
यह पहला मौका नहीं है जब जमशेदपुर में इस तरह की कार्रवाई हुई हो। शहर में अतिक्रमण की समस्या नई नहीं है।
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2018 में बिष्टुपुर और साकची इलाके में बड़े स्तर पर अतिक्रमण हटाने का अभियान चला था।
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2021 में टेल्को और सोनारी इलाके में सड़क किनारे बनी कई दुकानों को हटाया गया था।
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2023 में भी मानगो और जुगसलाई में प्रशासन ने जेसीबी चला कर सड़क किनारे की अवैध दुकानों को तोड़ा था।
इतिहास बताता है कि शहर में बार-बार यह समस्या सामने आती है और हर कुछ साल में प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़ते हैं।
क्यों जरूरी है यह कार्रवाई?
जमशेदपुर झारखंड का औद्योगिक और व्यावसायिक केंद्र है। यहां रोजाना हजारों लोग काम की तलाश में आते हैं। ऐसे में सड़क किनारे अवैध कब्जा न केवल यातायात में बाधा डालता है बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक होता है।
अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान सिर्फ एक दिन का नहीं है, बल्कि आने वाले दिनों में लगातार चलाया जाएगा। दुकानदारों को चेतावनी दी गई है कि फिर से कोई अतिक्रमण हुआ तो कड़ी कार्रवाई होगी।
जनता की राय – सहानुभूति और सवाल दोनों
आम लोगों की राय इस कार्रवाई को लेकर बंटी हुई है।
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कुछ लोग कहते हैं कि यह जरूरी था क्योंकि सड़क पर चलना मुश्किल हो गया था।
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वहीं कई लोग दुकानदारों के दर्द को समझते हैं और कहते हैं कि प्रशासन को वैकल्पिक जगह मुहैया करानी चाहिए।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “ठीक है कि सड़क खाली होनी चाहिए, लेकिन छोटे दुकानदार कहां जाएंगे? सरकार को उनके लिए अलग जगह तय करनी चाहिए।”
आज की Jamshedpur Eviction Drive सिर्फ अतिक्रमण हटाने का अभियान नहीं, बल्कि उस पुराने सवाल की याद दिलाती है – शहर विकास और छोटे दुकानदारों की आजीविका में संतुलन कैसे बने?
प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है, लेकिन क्या छोटे दुकानदारों के लिए कोई ठोस समाधान निकलेगा?
क्या बार-बार चलने वाली जेसीबी ही स्थायी उपाय है?
या फिर सरकार को अब कोई स्थायी नीति बनानी होगी?
फिलहाल, जमशेदपुर के करणडीह इलाके में अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी है और दुकानदारों के चेहरे पर भविष्य की चिंता साफ झलक रही है।
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