Jharkhand Schools : तंबाकू पर सख्ती, शिक्षण संस्थान होंगे 100% स्वच्छ और निगरानी में
झारखंड के सभी स्कूल और उच्च शिक्षण संस्थानों में तंबाकू मुक्त अभियान शुरू किया गया है। शिक्षक या छात्र अगर तंबाकू का उपयोग करेंगे तो जुर्माना, टोबैको मॉनिटर और स्वच्छता ही सेवा पोर्टल पर रिपोर्टिंग अनिवार्य। जानिए पूरी गाइडलाइन और इतिहास।

झारखंड : राज्य में स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों में तंबाकू मुक्त वातावरण बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब अगर कोई शिक्षक, स्टाफ सदस्य या छात्र स्कूल परिसर में तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी, गुटखा या पान मसाला का सेवन करता पकड़ा गया, तो उसे 200 रुपये जुर्माना देना होगा।
इतिहास और पृष्ठभूमि
झारखंड में तंबाकू के सेवन और सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान की समस्या वर्षों से बढ़ती जा रही थी। इसके कारण न केवल स्वास्थ्य संकट बढ़ा, बल्कि शिक्षण संस्थानों का स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण भी प्रभावित हुआ। पिछले दशक में कई स्कूल और कॉलेज अवैध रूप से तंबाकू उत्पादों के लिए संवेदनशील बने।
इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने Swachhata Hi Seva (HHS-2025) अभियान के तहत शिक्षा संस्थानों में सख्त दिशा-निर्देश जारी किए। इसका उद्देश्य न केवल तंबाकू मुक्त वातावरण बनाना है, बल्कि छात्रों और स्टाफ में स्वस्थ जीवनशैली की आदतें भी विकसित करना है।
तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान – नियम और गाइडलाइन
सभी स्कूलों और कॉलेजों को “तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान” का टैग लगाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही परिसर में गैर-धूम्रपान क्षेत्र और “यहां धूम्रपान करना अपराध है” का बैनर लगाना होगा।
तंबाकू नियंत्रण कमेटी का गठन सभी संस्थानों में किया जाएगा। इसमें शिक्षक, छात्र, स्थानीय जनप्रतिनिधि और अभिभावक संघ के सदस्य शामिल होंगे। कमेटी की जिम्मेदारी होगी:
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संस्थान में तंबाकू का उपयोग रोकना।
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टोबैको मॉनिटर का चयन करना (कक्षा 9 से 12 तक के छात्र और स्टाफ सदस्य)।
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मॉनिटर खुद तंबाकू का उपयोग नहीं करेंगे।
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मुख्य स्थानों पर मॉनिटर के नाम, पद और फोन नंबर अंकित करना।
अगर परिसर में तंबाकू उत्पाद के अवशेष पाए जाते हैं, तो इसे तंबाकू का प्रयोग परिसर में हुआ माना जाएगा।
उच्च शिक्षा संस्थानों में सक्रिय भागीदारी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देशित किया है कि वे इस अभियान में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। सभी संस्थानों को:
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गतिविधियों की रिपोर्ट स्वच्छता ही सेवा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
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एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो गतिविधियों का समन्वय व निगरानी करेगा।
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प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे।
अभियान की अवधि 17 सितंबर से 1 अक्टूबर तक है और इसका समापन 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत दिवस के अवसर पर होगा।
अभियान की मुख्य गतिविधियां
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परिसरों और सार्वजनिक स्थलों की सफाई।
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सफाई मित्र और सुरक्षा शिविरों का आयोजन।
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निवारक स्वास्थ्य जांच।
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क्लीन ग्रीन उत्सव और शून्य-अपशिष्ट प्रथाएं।
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स्वच्छ सुजल गांव, क्लीन स्ट्रीट फूड और आरआरआर केंद्र।
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RRR (Reduce, Reuse, Recycle) प्रथाओं को बढ़ावा।
25 सितंबर को विशेष श्रमदान कार्यक्रम भी आयोजित होगा, जिसमें “एक दिन, एक घंटा, एक साथ” की अवधारणा के तहत सभी नागरिक भाग लेंगे।
छात्रों और शिक्षकों के लिए संदेश
इस अभियान का उद्देश्य है कि स्कूल और कॉलेज स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान करें। छात्रों में तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाएगी। शिक्षकों और स्टाफ की भूमिका उदाहरण प्रस्तुत करना है।
छात्रों और शिक्षकों के सहयोग से, झारखंड जल्द ही तंबाकू मुक्त और स्वस्थ जीवनशैली वाला राज्य बनने की ओर बढ़ रहा है। यह सिर्फ स्वच्छता का अभियान नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है।
इस अभियान से न केवल छात्रों और शिक्षकों की स्वास्थ्य स्थिति बेहतर होगी, बल्कि समाज में स्वच्छता और स्वास्थ्य की आदतें भी मजबूत होंगी।
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