Election Commission: मतदाता सूची पर आयोग का ऐतिहासिक फैसला! 20 साल बाद देश के 12 राज्यों में सबसे बड़ा 'ऑपरेशन शुद्धिकरण' शुरू – आपकी वोटिंग पावर पर सीधा असर!
क्या आपकी मतदाता सूची भी गलत है? चुनाव आयोग ने 20 साल बाद SIR क्यों शुरू किया? बिहार ने जीरो आपत्तियां दर्ज करके कैसे रचा इतिहास? यूपी, बंगाल, गुजरात समेत 12 राज्यों की वोटर लिस्ट आज रात से फ्रीज – क्या आप दूसरे चरण के इस 'ऑपरेशन प्योरिटी' में शामिल हैं, जानें पूरी जानकारी और इसका महत्व!
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर 2025 – भारत का निर्वाचन इतिहास आज एक और ऐतिहासिक मोड़ लेने जा रहा है। देश की चुनावी प्रक्रिया की नींव यानी मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने के लिए, भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) श्री ज्ञानेश कुमार ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है, जिसका सीधा असर देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर पड़ने वाला है।
करीब दो दशकों के बाद शुरू किए गए इस 'ऑपरेशन प्योरिटी' का लक्ष्य उन सभी अशुद्धियों को दूर करना है, जिन पर हाल के वर्षों में कई राजनीतिक दलों ने गंभीर आपत्तियां उठाई थीं।
20 साल का इंतज़ार खत्म: क्यों जरूरी है यह SIR?
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जोर देकर कहा कि आखिरी बार 2000 से 2004 के बीच में ही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) हुआ था। एक लोकतांत्रिक देश में, जहां चुनावों की विश्वसनीयता सर्वोपरि है, 20 साल तक मतदाता सूची में संशोधन न होना एक गंभीर चुनौती बन गया था।
SIR, सामान्य संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) से अलग है। SSR में केवल नाम जोड़ने या हटाने पर ध्यान दिया जाता है, जबकि SIR के तहत मतदाता सूची को पूरी तरह से नए सिरे से जांचा और तैयार किया जाता है। इसमें मृतक, डुप्लीकेट या अयोग्य मतदाताओं के नाम को बड़े पैमाने पर हटाया जाता है, जिससे चुनावों की पारदर्शिता और भी बढ़ जाती है।
ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया, “मतदाता सूची में अशुद्धियों को दूर किए बिना, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की कल्पना नहीं की जा सकती। यह कदम राष्ट्र निर्माण के लिए पूरी तरह से शुद्ध मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।”
इन 12 राज्यों पर सीधा असर: आज रात से सूची 'फ्रीज'!
दूसरे चरण के इस बड़े अभियान में देश के कई महत्वपूर्ण और चुनावी दृष्टि से संवेदनशील राज्य शामिल हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने घोषणा की कि सोमवार की रात से ही इन राज्यों की मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा, यानी अब इसमें कोई नया नाम जोड़ा या हटाया नहीं जा सकेगा, जब तक कि SIR प्रक्रिया पूरी न हो जाए।
दूसरे चरण में शामिल 12 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश हैं:
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पश्चिम बंगाल
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उत्तर प्रदेश
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तमिलनाडु
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राजस्थान
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पुडुचेरी
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मध्य प्रदेश
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लक्षद्वीप
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केरल
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गुजरात
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गोवा
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छत्तीसगढ़
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अंडमान और निकोबार
यह प्रक्रिया 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों वाले राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल के लिए विशेष रूप से अति महत्वपूर्ण है।
बिहार ने रचा इतिहास: जीरो आपत्ति का रिकॉर्ड!
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने SIR के पहले चरण में बिहार द्वारा हासिल की गई अभूतपूर्व सफलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बिहार के साढ़े सात करोड़ मतदाताओं ने इस प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
सबसे चौंकाने वाला और ऐतिहासिक तथ्य यह है कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दलों या आम जनता की ओर से 'शून्य आपत्तियां' (Zero Appeals) दर्ज की गईं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि बिहार की मतदाता सूची अब तक की सबसे शुद्ध मतदाता सूची मानी जाएगी।
बिहार की इस उपलब्धि ने न केवल देश के बाकी राज्यों के लिए एक उच्च मानक स्थापित किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि राजनीतिक सहयोग से चुनावी प्रक्रिया में पूर्ण शुद्धता लाना संभव है। अब सभी की निगाहें दूसरे चरण के 12 राज्यों पर हैं कि वे इस ऐतिहासिक चुनौती को कैसे पार करते हैं।
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