Madhupur Mystery: बुर्के के पीछे छिपा था कौन सा शतिर अपराधी! HDFC बैंक डकैती कांड का खुलासा – 11 गिरफ्तार

झारखंड के मधुपुर में 1.70 करोड़ की बैंक डकैती का प्लान कैसे बनाया गया? क्या बुर्के में आई थी कोई महिला, या इसके पीछे छिपा है कोई बड़ा राज? बिहार के वैशाली के ये 11 शातिर अपराधी कैसे यूपी, गोवा और हरियाणा तक भागे? जानिए डकैती कांड में दो गैंग के इस्तेमाल, फर्जी पहचान और मास्टरमाइंड के बड़े षड्यंत्र का सनसनीखेज पर्दाफाश!

Oct 27, 2025 - 19:27
Oct 27, 2025 - 19:27
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Madhupur Mystery: बुर्के के पीछे छिपा था कौन सा शतिर अपराधी! HDFC बैंक डकैती कांड का खुलासा – 11 गिरफ्तार
Madhupur Mystery: बुर्के के पीछे छिपा था कौन सा शतिर अपराधी! HDFC बैंक डकैती कांड का खुलासा – 11 गिरफ्तार

देवघर, 27 अक्टूबर 2025झारखंड के मधुपुर शहर में पिछले माह 22 सितंबर को HDFC बैंक के राजबाड़ी रोड स्थित शाखा में हुई करोड़ों की सनसनीखेज डकैती ने सिर्फ जिले को हिला दिया था, बल्कि पुलिस के लिए भी यह एक अंधेरा मामला बन गया था। अब, झारखंड पुलिस ने एक अभूतपूर्व टीम वर्क और अंतरराज्यीय ऑपरेशन के दम पर इस मेगा क्राइम का सफलतापूर्वक उद्भेदन कर दिया है।

इस ऑपरेशन की सबसे सनसनीखेज बात एक आरोपी द्वारा बुर्के का इस्तेमाल करना और दो अलग-अलग गैंग द्वारा मिलकर घटना को अंजाम देना है, जिसके तार बिहार से लेकर गोवा और हरियाणा तक फैले हुए थे!

6 राज्यों में दहशत: वैशाली गैंग का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

एसपी सौरभ के नेतृत्व में एसडीपीओ सत्येन्द्र प्रसाद, रंजीत लकड़ा, अशोक कुमार सिंह और वेंकटेश कुमार की चार विशेष टीमों ने इस मामले पर गहन अनुसंधान किया। घटना के बाद जब पुलिस को कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला, तब टीम ने डिजिटल और पारंपरिक जासूसी के दम पर झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, गोवा और हरियाणा (फरीदाबाद) समेत छह राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी की।

इस कार्रवाई में बिहार के वैशाली जिले से संबंध रखने वाले 11 शातिर अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में अन्नू सिंह उर्फ राहुल सिंह इस डकैती कांड का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। पुलिस ने उनके पास से ₹5.50 लाख नकद, एक देसी पिस्तौल, गोली, फर्जी नकाब और चोरी की बाइक कार समेत 10 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

बुर्का उठा, तो खुला भेद: डकैती में लड़की का झूठा झाँसा

पूरे मामले में सबसे अधिक उत्सुकता जगाने वाला तथ्य बुर्का पहने अपराधी का था। बैंक डकैती के दौरान एक आरोपी ने बुर्का पहन रखा था, जिससे शुरू में यह भ्रम फैला कि घटना में कोई महिला भी शामिल थी।

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि बुर्के के पीछे कोई और नहीं, बल्कि रितेश कुमार उर्फ छोटू नाम का मर्द अपराधी था। पुलिस ने बताया कि उसे पूरी तरह से लड़की की तरह सजाया गया था ताकि लोगों को झांसा दिया जा सके और पुलिस का ध्यान भटकाया जा सके। यह शातिर तरीका बताता है कि गिरोह किस स्तर की सोची-समझी साजिश रचता था।

रेकी एक गैंग ने की, लूट दूसरे ने सिनेमाई प्लानिंग

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि डकैती को एक गैंग ने रेकी करके और दूसरे गैंग ने लूट को अंजाम देकर पूरा किया। पकड़े गए आरोपियों में कुछ ने पैसे से मदद की, कुछ ने रेकी की, और कुछ ने तो ब्लैकमेल करके पैसे खाए – यह दिखाता है कि यह एक व्यापक और गहरा अपराधी नेटवर्क है।

यह गिरोह पहले भी बिहार के हाजीपुर स्थित मुथूट फाइनेंस समेत कई बैंकों और सोने-चांदी की दुकानों को लूट चुका है। इनका मुख्य फोकस नकदी से ज्यादा सोने-चांदी पर रहता था। पकड़े गए तीन आरोपियों रोहित कुमार (जो अपने सगे भाई के साथ पकड़ा गया), आनंद राज उर्फ टुकटुक और रितेश कुमार उर्फ छोटू ने डकैती की घटना को सीधे तौर पर अंजाम दिया था।

अगला मिशन: 1.70 करोड़ और 2200 ग्राम सोना

हालांकि 11 आरोपी पकड़े जा चुके हैं, लेकिन ₹1.70 करोड़ नकद और 2200 ग्राम सोने के जेवर (जो लगभग ₹1.43 करोड़ मूल्य के हो सकते हैं) की बरामदगी अभी बाकी है। पुलिस को लूट का माल रिसीव करने वालों के पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं और उनकी तलाश जारी है।

एसपी ने देवघर के होटल, लॉज और धर्मशाला मालिकों को फर्जी पहचान पत्र के प्रयोग पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है और सभी से किरायेदारों का पुलिस वेरिफिकेशन कराने का निर्देश दिया है, क्योंकि रेकी करने वाले देवघर में फर्जी आईडी पर ठहरे थे।

टीम वर्क के इस उत्कृष्ट उदाहरण के लिए, एसपी ने पूरी टीम को मुख्यालय स्तर पर पुरस्कृत करने की सिफारिश करने की घोषणा की है।

पाठकों से सवाल:

क्या आपको लगता है कि बुर्के का उपयोग करके पुलिस को गुमराह करने की यह साजिश अपराध की दुनिया में एक नया खतरा है? इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस को किस तरह के नए तकनीकी तरीके अपनाने चाहिए? कमेंट करके अपनी राय बताएं।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।