Jamshedpur Jail: बिना नंबर प्लेट वाली 'मौत की सवारी' पर पुलिस का बड़ा हल्ला बोल! बिष्टुपुर में रात 10:45 बजे 2 शातिर छिनतईबाज रंगे हाथ धरे गए
क्या आपके शहर में भी बिना नंबर प्लेट वाली बाइक से चोरी होती है? जमशेदपुर में पुलिस ने इन संदिग्ध वाहनों पर नकेल कैसे कसी? बिष्टुपुर के पास रात के अंधेरे में किन दो चोरों को रंगे हाथ पकड़ा गया? जानिए कैसे एसआईटी ने 'ऑपरेशन एंटी क्राइम चेकिंग' चलाकर शहर में बढ़ती छिनतई की घटनाओं पर लगाम कसी और आगे किन राजों के खुलासे की तैयारी है!
जमशेदपुर, 27 अक्टूबर 2025 – जमशेदपुर में लगातार बढ़ रही छिनतई और चोरी की घटनाओं ने शहरवासियों की नींद उड़ा रखी थी, लेकिन अब बिष्टुपुर पुलिस ने एक ऐसी साजिश का पर्दाफाश किया है, जिसमें अपराधी बिना नंबर प्लेट वाली मोटरसाइकिलों का इस्तेमाल करके कानून की आँखों में धूल झोंक रहे थे!
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और नगर पुलिस अधीक्षक के सीधे निर्देश पर गठित एक विशेष एसआईटी टीम के 'ऑपरेशन एंटी क्राइम चेकिंग' ने शहर की आपराधिक गतिविधियों की रीढ़ माने जाने वाले एक बड़े खतरे पर नकेल कस दी है।
रात के अंधेरे में पकड़े गए रंगे हाथ दो शातिर
घटना 26 अक्टूबर की रात लगभग 10:45 बजे की है। बिष्टुपुर थाना की रात्रि गश्ती टीम मोदी पार्क के पीछे, जेआरडी टाटा मेन गेट के पास गश्त कर रही थी। इस दौरान, पुलिस को दो संदिग्ध युवक दो अलग-अलग स्प्लेंडर प्लस मोटरसाइकिलों के साथ नज़र आए। यहीं से पुलिस को इस बड़ी साजिश का पहला सुराग मिला।
दोनों बाइक्स पर नज़र पड़ते ही पुलिस का शक यकीन में बदल गया। इनमें से एक बाइक पर तो नंबर प्लेट था ही नहीं (ग्रे-काले रंग की स्प्लेंडर), जबकि दूसरी पर JH 05 BM 5662 नंबर दर्ज था। पुलिस ने तुरंत दोनों युवकों को रोका और उनकी तलाशी शुरू की।
गहन पूछताछ और दस्तावेजों के सत्यापन के बाद पुलिस के होश उड़ गए – दोनों मोटरसाइकिलें चोरी की निकलीं!
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अंकित यादव (19 वर्ष, निवासी हरहरगुटु, बागबेड़ा) और सागरनाथ (20 वर्ष, निवासी बलदेव बस्ती, जुगसलाई) के रूप में हुई है।
बिना नंबर प्लेट – अपराधियों का नया हथियार!
जमशेदपुर पुलिस को पिछले कुछ समय से लगातार गुप्त सूचनाएं मिल रही थीं कि शहर में होने वाली अचानक छिनतई और चोरी की वारदातों में बिना नंबर प्लेट वाली मोटरसाइकिलों का उपयोग हो रहा है। अपराधी ऐसा इसलिए करते थे ताकि सीसीटीवी फुटेज में उनकी बाइक का रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज न हो सके और वे आसानी से पुलिस की पकड़ से दूर रहें।
यह तरीका अपराधियों के बीच एक नया ट्रेंड बन गया था। इसे देखते हुए ही पु. उपाधीक्षक (सीसीआर) के नेतृत्व में एक विशेष एसआईटी टीम का गठन किया गया, जिसने शहर के विभिन्न हिस्सों में सख्त एंटी क्राइम चेकिंग शुरू की। बिष्टुपुर पुलिस को मिली यह सफलता उसी अहम अभियान का परिणाम है।
क्या खुलेगा चोरी के अन्य राज?
गिरफ्तारी के बाद दोनों अभियुक्तों – अंकित यादव और सागरनाथ – को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। लेकिन, कहानी यहीं खत्म नहीं होती।
पुलिस अब यह पता लगाने में जुट गई है कि:
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क्या ये दोनों अपराधी केवल वाहन चोरी तक सीमित थे, या शहर में हुई अन्य बड़ी छिनतई की घटनाओं में भी इनका हाथ था?
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चोरी की इन बाइकों को कहां ले जाकर बेचा जाता था? क्या कोई बड़ा गैंग या खरीददार इनके पीछे सक्रिय है?
पुलिस का मानना है कि इन आरोपियों से गहन पूछताछ के बाद जमशेदपुर में वाहन चोरी और छिनतई के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। फिलहाल, शहर के नागरिक इस सफल कार्रवाई से राहत की साँस ले रहे हैं, लेकिन बाकी राज पर से पर्दा उठना अभी बाकी है।
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