Chakulia Horror: हादसे ने खोली बालू माफिया के 'पाताल' की फ़ाइल! बिना नंबर प्लेट वाला ट्रैक्टर पलटा, प्रखंड कार्यालय से होकर गुजरती है चोरी की राह!
झारखंड के चाकुलिया में बिना नंबर प्लेट वाले ट्रैक्टरों से अवैध बालू की ढुलाई इतनी तेजी से क्यों हो रही है? क्या पुलिस की नाक के नीचे से गुजरता है बालू माफिया का गिरोह? मिश्रीकांटा के पास हुई दुर्घटना ने किन बड़े राजों को उजागर किया? जानिए कैसे ये ट्रैक्टर अंचल कार्यालय के पास से होकर भी रोजाना बालू की चोरी करते हैं और प्रशासन अब क्या करवाई करेगा!
चाकुलिया, 28 अक्टूबर 2025 – झारखंड के चाकुलिया में बालू माफिया का अवैध कारोबार कितनी बेखौफ तरीके से चल रहा है, इसका खुलासा एक छोटी सी दुर्घटना ने कर दिया है। मंगलवार की सुबह चाकुलिया-बेंद मुख्य सड़क पर मिश्रीकांटा गांव के पास बालू से लदा एक ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया, और इस हादसे ने प्रशासन की आँखों पर बंधी पट्टी को खोल दिया है।
ट्रैक्टर का चालक तुरंत मौके से फरार हो गया, जिसने अवैध कारोबार की ओर इशारा किया, लेकिन इस घटना ने जो सबसे बड़ा सवाल खड़ा किया है, वह है: क्या यह पूरा अवैध धंधा प्रशासनिक कार्यालयों के ठीक करीब से होकर चल रहा है?
बिना नंबर प्लेट की सवारी: अपराधियों का पहला हथियार
पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि यह ट्रैक्टर चाकुलिया की तरफ से आ रहा था। हालांकि, सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि दुर्घटनाग्रस्त हुए कई अवैध बालू ढुलाई वाले वाहनों की तरह इस ट्रैक्टर पर भी नंबर प्लेट नहीं होने की संभावना है। बिना नंबर प्लेट के इन वाहनों का इस्तेमाल अवैध कारोबारियों का पहला और सबसे बड़ा हथियार बन गया है, ताकि वे आसानी से कानून की पकड़ से बच सकें और पहचान छिपा सकें।
इस घटना ने एक बार फिर श्यामसुंदरपुर थाना क्षेत्र स्थित पिताजुड़ी चौक से लेकर चाकुलिया बाजार क्षेत्र तक हो रहे खुलेआम अवैध बालू उत्खनन और ढुलाई को उजागर कर दिया है।
हवाई पट्टी और अंचल कार्यालय से गुजरती है चोरी की राह!
इस कारोबार के सबसे सनसनीखेज राज का खुलासा रास्ते को लेकर हुआ है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, अवैध बालू से लदे ये ट्रैक्टर एक ऐसे रास्ते का इस्तेमाल करते हैं, जो सीधे अंचल सह प्रखंड कार्यालय से सटी सड़क से होकर गुजरता है!
सोचिए, जिस प्रशासनिक कार्यालय को इन अवैध गतिविधियों पर नकेल कसनी चाहिए, उसके ठीक पास से होकर बालू माफिया रोजाना दर्जनों ट्रैक्टर से रेत की चोरी करते हैं। ये ट्रैक्टर हवाई पट्टी को जोड़ने वाले रास्ते का भी बेधड़क उपयोग करते हैं। यह स्थिति न केवल कानून व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है, बल्कि इस अवैध कारोबार में स्थानीय मिलीभगत (Local Nexus) की आशंका को भी जन्म देती है।
सवाल पुलिस पर: क्या अब कार्रवाई होगी?
हादसे के बाद चाकुलिया थाना प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि पुलिस मौके पर पहुंची है और मामले की जांच कर ट्रैक्टर मालिक का पता लगा रही है।
लेकिन, सवाल यह है कि:
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जब रोजाना दर्जनों ट्रैक्टर बिना नंबर प्लेट के प्रखंड कार्यालय के पास से गुजरते हैं, तब प्रशासन और पुलिस की नज़र क्यों नहीं पड़ती?
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क्या यह दुर्घटना प्रशासन को इस काले कारोबार पर स्थायी रोक लगाने के लिए मजबूर करेगी?
यह घटना केवल एक ट्रैक्टर पलटने की नहीं है, बल्कि यह झारखंड में संसाधनों की अवैध लूट और प्रशासनिक लापरवाही की कड़वी सच्चाई को उजागर करती है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस अवैध उत्खनन को तुरंत बंद किया जाए, जो न केवल राजस्व का नुकसान कर रहा है, बल्कि सड़कों पर भी जानलेवा खतरा पैदा कर रहा है। पुलिस को अब फरार ड्राइवर और ट्रैक्टर मालिक के ज़रिए इस पूरे नेटवर्क की गहराई तक जाना होगा।
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