India Honors : मोहनलाल को 2023 का दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, मलयालम सिनेमा का गौरव बना यह दिग्गज
मलयालम सिनेमा के दिग्गज मोहनलाल को 2023 का प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के पुरस्कार देने की घोषणा। चार दशक से अधिक के करियर और 350 से अधिक फिल्मों में योगदान के लिए उन्हें भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान मिलेगा।
भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया है। मलयालम सिनेमा के दिग्गज अभिनेता, निर्देशक और निर्माता मोहनलाल को वर्ष 2023 के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह घोषणा शनिवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने की। केंद्रीय मंत्रालय ने कहा कि मोहनलाल का चार दशक से अधिक का करियर पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहा है।
मोहनलाल का अद्भुत सिनेमा सफर
65 वर्षीय मोहनलाल ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अपनी बहुमुखी प्रतिभा और अथक मेहनत के दम पर अलग पहचान बनाई। उन्होंने मलयालम, तमिल, तेलुगु, हिंदी और कन्नड़ फिल्मों में काम कर 350 से अधिक फिल्मों में शानदार अभिनय किया है। उनके करियर की कुछ चर्चित और प्रशंसित फिल्मों में ‘दृश्यम’, ‘थनमथ्रा’, ‘वानप्रस्थम’, ‘मुन्थिरिवल्लिकल थलिर्ककुम्बोल’ और ‘पुलीमुरुगन’ शामिल हैं।
मलयालम सिनेमा में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें पहले भी कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कार मिल चुके हैं। मोहनलाल को दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, नौ केरल राज्य फिल्म पुरस्कार, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा, कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2001 में पद्मश्री और 2019 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया।
दादासाहेब फाल्के पुरस्कार का महत्व
दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने भारतीय फिल्म उद्योग में अद्वितीय योगदान दिया हो और पीढ़ियों को प्रेरित किया हो। मोहनलाल इस पुरस्कार के चयनित होने वाले कुछ चुनिंदा मलयालम कलाकारों में से हैं, जिन्होंने पूरे भारत में अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से अलग पहचान बनाई है।
मोदी, थरूर और अन्य नेताओं ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोहनलाल को बधाई देते हुए उन्हें “उत्कृष्टता और बहुमुखी प्रतिभा का प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा कि मोहनलाल की उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करती रहेंगी। कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने भी मोहनलाल को “केरल का गौरव” बताते हुए बधाई दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कलाकार को उनके अद्भुत योगदान के लिए सम्मानित किया।
मोहनलाल का प्रभाव और प्रेरणा
चार दशकों में मोहनलाल ने केवल अभिनय ही नहीं, बल्कि निर्देशन और प्रोडक्शन में भी अपनी छाप छोड़ी है। उनकी फिल्मों में अभिनय की गहराई, चरित्र के प्रति समर्पण और सटीक भाव-भंगिमा ने दर्शकों को हमेशा मंत्रमुग्ध किया। युवा अभिनेता और फिल्म निर्माता आज भी उनके करियर से सीख लेते हैं।
मोहनलाल की बहुमुखी प्रतिभा का असर सिर्फ मलयालम सिनेमा तक ही सीमित नहीं है। उनकी लोकप्रियता पूरे भारत में फैली हुई है और उनकी कई फिल्में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराही गई हैं।
पुरस्कार समारोह और उत्सव
मोहनलाल को यह पुरस्कार 23 सितंबर 2025 को 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा। यह समारोह भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े आयोजनों में से एक है और हर साल इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
मोहनलाल का यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि पूरे भारतीय सिनेमा के लिए भी गर्व की बात है। उनकी उपलब्धियां पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी और भारतीय सिनेमा में उनकी याद हमेशा अमिट रहेगी।
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