Kisan Andolan: यूरिया की कालाबाजारी से परेशान किसान, बैलगाड़ी रैली लेकर पहुंचे कलेक्ट्रेट, क्या सरकार चाहती है किसान बर्बाद हो जाएँ?

यूरिया खाद की कमी और कालाबाजारी को लेकर 10 सितंबर 2025 को हजारों किसानों ने बैलगाड़ी रैली निकाली। कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर किसानों को संकट में डालने का आरोप लगाया। जानिए पूरी खबर और किसानों की मांगें।

Sep 11, 2025 - 13:34
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Kisan Andolan: यूरिया की कालाबाजारी से परेशान किसान, बैलगाड़ी रैली लेकर पहुंचे कलेक्ट्रेट, क्या सरकार चाहती है किसान बर्बाद हो जाएँ?
Kisan Andolan: यूरिया की कालाबाजारी से परेशान किसान, बैलगाड़ी रैली लेकर पहुंचे कलेक्ट्रेट, क्या सरकार चाहती है किसान बर्बाद हो जाएँ?

छत्तीसगढ़ में यूरिया खाद की भारी कमी और कालाबाजारी को लेकर आज हजारों किसानों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। यह रैली बैलगाड़ियों के जरिए निकाली गई। जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर के नेतृत्व में किसानों ने यूरिया की उपलब्धता की मांग करते हुए प्रदेश की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। किसानों ने कहा कि सरकार जानबूझकर खाद की कमी कर रही है ताकि किसानों को 21 क्विंटल धान उत्पादन से रोका जा सके।

रैली दोपहर 1 बजे राजीव भवन से शुरू हुई और भाजपा कार्यालय के सामने से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुँची। रास्ते भर किसानों और कांग्रेस नेताओं ने नारे लगाए। उन्होंने मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कलेक्टर कार्यालय के सामने लगभग एक घंटे तक धरना देकर किसानों ने लिखित में दो दिन के अंदर यूरिया उपलब्ध कराने की मांग की।

एसडीएम भिलाई, कृषि विभाग के उप संचालक और जिला सहकारी बैंक समिति के सीईओ ने किसानों को लिखित आश्वासन दिया कि दो दिनों के भीतर जिले की सभी सोसायटी में यूरिया खाद पहुंचा दी जाएगी।

राकेश ठाकुर ने कहा कि सरकार की मंशा सही नहीं है। पहले डीएपी की कमी और अब यूरिया की किल्लत बताती है कि सरकार नहीं चाहती कि किसान अच्छी पैदावार करें। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के संरक्षण में यूरिया की कालाबाजारी हो रही है। 266 रुपए का यूरिया मजबूरी में 1200 से 1500 रुपये में बेचा जा रहा है।

पूर्व विधायक अरुण वोरा ने कहा कि राज्य को हर साल 22 लाख टन खाद चाहिए, लेकिन सरकार पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं करा रही। डीएपी की आपूर्ति में कटौती से किसान निजी दुकानदारों से महंगे दाम पर खाद खरीदने को मजबूर हैं।

प्रदेश कांग्रेस महामंत्री राजेंद्र साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 15 दिन पहले खाद संकट न होने का दावा किया था, लेकिन अभी तक स्थिति जस की तस है।

रैली में बड़ी संख्या में किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रमुख नेताओं में धीरज बाकलीवाल, संजीव मंडल, अमीत, फिरोज खान, सुभाष, बबलू, सुरज यादव, चंदन दास सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

किसानों का कहना है कि यदि दो दिनों में यूरिया नहीं मिला तो वे बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाएँगे। यह प्रदर्शन न केवल खाद की उपलब्धता का मुद्दा है, बल्कि सरकार की कृषि नीति और किसानों के हितों पर सवाल भी उठाता है।

अब देखना यह है कि सरकार किसानों की मांगों पर कितनी गंभीरता से ध्यान देती है। क्या छत्तीसगढ़ में खाद संकट खत्म होगा या यह समस्या और बढ़ेगी?

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।