Ranchi Fraud Passport: राजीव रंजन के बेटे के बर्थ सर्टिफिकेट में कैसे आए इतने बड़े बदलाव, पासपोर्ट अफसर हैरान!

रांची में आईएएस अधिकारी राजीव रंजन के बेटे के जन्मतिथि में हुए बदलाव को लेकर पासपोर्ट कार्यालय ने गंभीर सवाल उठाए हैं। जानिए क्या है पूरी कहानी।

Jan 17, 2025 - 15:33
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Ranchi Fraud Passport: राजीव रंजन के बेटे के बर्थ सर्टिफिकेट में कैसे आए इतने बड़े बदलाव, पासपोर्ट अफसर हैरान!
Ranchi Fraud Passport: राजीव रंजन के बेटे के बर्थ सर्टिफिकेट में कैसे आए इतने बड़े बदलाव, पासपोर्ट अफसर हैरान!

रांची: झारखंड के चर्चित आईएएस अधिकारी राजीव रंजन के बेटे के जन्मतिथि और जन्मस्थान को लेकर नया विवाद सामने आया है। तीन अलग-अलग बर्थ सर्टिफिकेट में जन्मतिथि और जन्मस्थान के विवरण में भारी असमानताएं देखने को मिली हैं, जिससे पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारी हैरान हैं। सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि रांची नगर निगम द्वारा जारी किए गए इन बर्थ सर्टिफिकेट्स को पहले सत्यापित किया गया था, लेकिन बाद में उनमें बदलाव किए गए, और अब पासपोर्ट कार्यालय ने रांची नगर निगम से इन बदलावों की पूरी जानकारी और दस्तावेज मांगे हैं।

राजीव रंजन के बेटे के तीन बर्थ सर्टिफिकेट्स
आईएएस अधिकारी राजीव रंजन के बेटे के पास तीन बर्थ सर्टिफिकेट्स हैं, जिनमें जन्मतिथि और जन्मस्थान में अंतर है। रांची नगर निगम ने पहला बर्थ सर्टिफिकेट 16 सितंबर 2017 को जारी किया, जिसमें जन्मतिथि 13 अक्टूबर 2013 और जन्मस्थान ऑफिसर्स कॉलोनी, गोंदा, रांची दर्ज है। वहीं, दूसरा सर्टिफिकेट 11 जनवरी 2024 को जारी हुआ, जिसमें जन्मतिथि 13 अक्टूबर 2015 और जन्मस्थान अशोक नगर, रोड नंबर-2, डोरंडा, रांची दर्ज है। तीसरे सर्टिफिकेट में जन्मतिथि 13 अक्टूबर 2017 और जन्मस्थान जी-17 बी, सेल सिटी, न्यू पुंदाग, रांची अंकित है। दिलचस्प यह है कि तीसरा प्रमाण पत्र उस समय जारी हुआ जब राजीव रंजन खुद सांख्यिकी निदेशालय में निदेशक (जन्म-मृत्यु) के पद पर कार्यरत थे।

क्यों हुआ विवाद?
इस विवाद की शुरुआत तब हुई, जब राजीव रंजन ने पासपोर्ट बनाने के लिए अपने बेटे के जन्मतिथि में बदलाव का आवेदन दिया। उन्होंने पहले जो जन्म प्रमाण पत्र (जन्मतिथि 13 अक्टूबर 2013) रांची नगर निगम से प्राप्त किया था, उसी के आधार पर पासपोर्ट बनवाया। इसके बाद, राजीव रंजन ने पासपोर्ट में बदलाव के लिए आवेदन किया, ताकि उनके बेटे की जन्मतिथि को 13 अक्टूबर 2013 से बदलकर 13 अक्टूबर 2015 कर दिया जाए।

पासपोर्ट कार्यालय ने इस मामले में नगर निगम से पत्राचार शुरू किया और पुष्टि की कि दोनों प्रमाण पत्रों में दिए गए विवरणों में असमानता है। इस पत्राचार के बाद, पासपोर्ट कार्यालय ने जनवरी 2024 में रांची नगर निगम से अतिरिक्त जानकारी और दस्तावेज मांगे, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि पहले की जन्मतिथि में बदलाव कैसे किया गया।

पासपोर्ट कार्यालय की गंभीर प्रतिक्रिया
पासपोर्ट कार्यालय ने इस मामले को अत्यधिक गंभीर बताया है, क्योंकि यह सीधे तौर पर पासपोर्ट से संबंधित है। कार्यालय ने रांची नगर निगम से उन दस्तावेजों की मांग की है, जिनके आधार पर पहले जारी किए गए प्रमाण पत्र में अंकित जन्मतिथि को गलत करार दिया गया। इसके अलावा, कार्यालय ने यह भी पूछा है कि 11 जनवरी 2024 को जारी किए गए प्रमाण पत्र को 5 जनवरी 2024 को कैसे सत्यापित किया गया, जबकि सामान्य प्रक्रिया के अनुसार सत्यापन में समय लगता है।

‘जन्म-मृत्यु निबंधन अधिनियम 1969’ का संदर्भ
दिलचस्प बात यह है कि पासपोर्ट कार्यालय ने इस मामले में 'जन्म-मृत्यु निबंधन अधिनियम 1969' की धारा-15 का हवाला दिया है। इस धारा के अंतर्गत, किसी भी जन्म प्रमाण पत्र में बदलाव करने के लिए स्पष्ट दस्तावेज और कानूनी प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है। इसलिए पासपोर्ट कार्यालय ने नगर निगम से यह स्पष्ट किया है कि किस आधार पर पहले जन्म प्रमाण पत्र में बदलाव किया गया।

क्या सच है इन दस्तावेजों के बीच छिपा राज़?
यह मामला जितना सरल दिखता है, उतना है नहीं। इस मामले में कई अहम सवाल उठ रहे हैं। क्या ये बदलाव केवल एक गलती थी या इसके पीछे कुछ और कारण हैं? रांची नगर निगम द्वारा किए गए इन बदलावों से कई सवाल उठ रहे हैं, और यह मामला न सिर्फ राजीव रंजन के परिवार बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की भी जांच की ओर इशारा करता है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।