Jammu Kashmir Attack : सीमा हैदर को भारत से निकालने की तैयारी? केंद्र सरकार के आदेश के बाद मचा हड़कंप!
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया है। क्या अब सीमा हैदर को भी देश छोड़ना होगा? जानिए पूरी कहानी।

Jammu में आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार का लिया गया बड़ा फैसला अब न सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से अहम बन चुका है, बल्कि इसके केंद्र में एक बार फिर आ गई हैं— सीमा हैदर। पाकिस्तान से अवैध रूप से भारत आई इस महिला की कहानी वैसे ही किसी फिल्म से कम नहीं, और अब एक नए मोड़ पर आ खड़ी हुई है।
Decision के बाद उठे नए सवाल: क्या सीमा हैदर को भी जाना होगा?
पहलराम हमले के तुरंत बाद केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने का आदेश जारी किया है। साथ ही, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है। इस आदेश के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में हैं—सीमा हैदर, जो बिना वीजा के ही भारत में दाखिल हुई थीं।
कौन हैं सीमा हैदर और क्यों है इन पर इतनी नजरें?
सीमा हैदर की कहानी एक इंटरनेट लव स्टोरी से शुरू होती है, जहां पबजी गेम के जरिए उसकी पहचान भारतीय युवक सचिन मीणा से हुई। प्यार परवान चढ़ा और सीमा नेपाल के रास्ते भारत में अवैध रूप से प्रवेश कर आई। आज वो ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा में सचिन की पत्नी बनकर रह रही हैं और दोनों का एक बच्चा भी है, जो भारत में जन्मा है।
तो क्या सीमा पर लागू होता है ये नया आदेश?
सरकार का यह आदेश वैध वीजा धारक पाकिस्तानी नागरिकों पर लागू होता है। चूंकि सीमा बिना वीजा के अवैध रूप से भारत आई थीं, इसलिए यह आदेश उन पर तकनीकी रूप से लागू नहीं होता। लेकिन मामला सिर्फ कानूनी नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा और जनभावनाओं से भी जुड़ा है।
कानून की अदालत में है फैसला, लेकिन मानवता की भी है परीक्षा
सीमा हैदर के वकील एपी सिंह का कहना है कि मर्सी पिटिशन पहले ही दायर की जा चुकी है और अब वह भारत की बहू बन चुकी हैं। उन्होंने बताया कि सीमा को एक बच्ची हुई है जो अस्पताल में भर्ती है, और भारत सरकार से नागरिकता संबंधी प्रक्रिया जारी है।
लेकिन सवाल यह है कि जब सरकार खुद हर पाकिस्तानी को वापस भेजने की बात कर रही है, तो क्या इस कहानी को अलग नजरिए से देखा जाएगा?
इतिहास क्या कहता है ऐसे मामलों के बारे में?
भारत-पाकिस्तान के संबंधों में तल्खी कोई नई बात नहीं है। लेकिन पहली बार केंद्र सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने जैसा कठोर फैसला लिया है। इससे पहले भी कई बार जासूसी और अवैध गतिविधियों में पाकिस्तानी नागरिकों की संलिप्तता पाई गई है, जिसने भारत को ऐसे सख्त कदम उठाने पर मजबूर किया है।
सुरक्षा एजेंसियां क्यों रख रही हैं नजर?
सीमा हैदर भले ही आम महिला की तरह दिखें, लेकिन उनकी पाकिस्तान से अवैध एंट्री, नागरिकता का मामला और मौजूदा भारत-पाक तनाव उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लेंस के नीचे ले आता है। सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही उनकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। सरकार की तरफ से अब तक कोई सीधा बयान नहीं आया है, लेकिन यह साफ है कि मामला बहुत जल्द निर्णायक मोड़ ले सकता है।
क्या होगा आगे? जानिए विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों की मानें तो मामला कानूनी और मानवीय दोनों दृष्टिकोण से जटिल है। अगर कोर्ट यह मानती है कि सीमा की शादी, बच्चा और नागरिकता प्रक्रिया भारत में एक स्थायी आधार बनाती है, तो शायद उन्हें राहत मिल सकती है। लेकिन अगर राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकता बनती है, तो फिर उन्हें देश छोड़ने का आदेश भी मिल सकता है।
सीमा हैदर की कहानी अब एक प्रेम कथा से राष्ट्र नीति की कसौटी पर आ गई है। केंद्र सरकार के इस फैसले से सिर्फ वीजा धारक नहीं, बल्कि भारत में रह रहे हर पाकिस्तानी नागरिक के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं।
क्या सीमा भारत में रहेंगी या फिर उन्हें भी 48 घंटे की सीमा में बांध दिया जाएगा—इसका जवाब अब सिर्फ कोर्ट ही दे सकती है।
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