खेदामारा Urs: अल्लाह के वली के उर्स में उमड़ा जनसैलाब

छत्तीसगढ़ के खेदामारा में हजरत गुलाब शाह रहमतुल्लाह अलैह का 59वां उर्स मुबारक धूमधाम से मनाया जा रहा है। कव्वाली और आम लंगर का आयोजन सभी को जोड़ रहा है।

Nov 20, 2024 - 17:15
Nov 20, 2024 - 18:01
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खेदामारा Urs: अल्लाह के वली के उर्स में उमड़ा जनसैलाब
खेदामारा Urs: अल्लाह के वली के उर्स में उमड़ा जनसैलाब

20 नवम्बर 2024: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के खेदामारा (नवातरिया) गुलाब नगर में 21 नवंबर 2024 को हजरत गुलाब शाह रहमतुल्लाह अलैह का 59वां उर्स मुबारक बड़े ही उत्साह और धार्मिक भावनाओं के साथ मनाया जा रहा है। इस ऐतिहासिक और पवित्र आयोजन ने न केवल स्थानीय निवासियों, बल्कि दूर-दराज के जायरीनों को भी आकर्षित किया है।

उर्स की विशेषता

गुलाब शाह रहमतुल्लाह अलैह को इस क्षेत्र में एक महान सूफी संत के रूप में याद किया जाता है। उनकी दरगाह हर साल हजारों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने का स्थान प्रदान करती है। इस साल का आयोजन विशेष रूप से भव्य है, जिसमें सामाजिक और धार्मिक समरसता की झलक दिखाई दे रही है।

कार्यक्रम का विवरण

सुबह फजर की नमाज के बाद मजार-ए-पाक का गुस्ल किया जाएगा। असर की नमाज के बाद उर्स कमेटी द्वारा संदल निकाला जाएगा। मगरीब के बाद आलिमा खतीब के द्वारा नाते पाक और तकरीर की प्रस्तुति होगी।
शाम 7 बजे से कव्वाल शाहिद आरिफ भिलाई अपनी कव्वालियों से समां बांधेंगे। इस कार्यक्रम का संचालन मशहूर कवि इस्माईल आजाद जामुल करेंगे।

इसके साथ ही जायरीनों के लिए आम लंगर का आयोजन किया गया है, जो इस उर्स की सबसे बड़ी खासियत है। यह लंगर सभी धर्मों के लोगों को जोड़ने का प्रतीक है।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

कार्यक्रम की शान को बढ़ाने के लिए कई प्रतिष्ठित अतिथियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। मुख्य अतिथि के रूप में माननीय विधायक श्री डोमन लाल कोर्सेवाडा उपस्थित रहेंगे।
विशेष अतिथियों में छत्तीसगढ़ शासन वक्फ बोर्ड के डायरेक्टर आली जनाब फिरोज खान साहब, जनाब शेख ईदु साहब अहिवारा, जनाब डॉ. अहमद भाई हाउसिंग बोर्ड भिलाई, जनपद सदस्य श्रीमती योगिता बंजारे जी, श्री अनिल बंजारे जी, और स्थानीय सरपंच श्रीमती मोहिनी पटेल जी का नाम शामिल है।

ऐतिहासिक महत्व

हजरत गुलाब शाह का उर्स मुबारक केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सूफी परंपरा और भाईचारे का प्रतीक है। उनकी शिक्षाओं ने न केवल इस क्षेत्र, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में सामाजिक सौहार्द और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया है।
दरगाह की स्थापना 20वीं सदी के मध्य में हुई थी और तब से यह हर साल उर्स के मौके पर श्रद्धालुओं का केंद्र बनती रही है।

जायरीनों से अपील

उर्स कमेटी के व्यवस्थापक आली जनाब शेख अनवर ने सभी जायरीनों से इस पवित्र आयोजन में शामिल होकर आशीर्वाद प्राप्त करने और इस सूफी परंपरा का हिस्सा बनने की अपील की है।

आयोजन का उद्देश्य

यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि सूफी संत की शिक्षाओं को फैलाने और समाज में भाईचारे को बढ़ावा देने का कार्य भी करता है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।