Bermo Scam: 8 लाख का खेल, कई महीनों की फरारी और पुलिस की चालाकी से हुआ पर्दाफाश
बेरमो थाना में दर्ज आठ लाख रुपये के गबन के आरोपी आनंद कुमार सिंह उर्फ गोपाल को पुलिस ने धनबाद से गिरफ्तार किया। जानिए कैसे चुपचाप चल रही थी फरारी की कहानी।

झारखंड के बेरमो थाना क्षेत्र में आठ लाख रुपये की गबन से जुड़ा मामला अब एक अहम मोड़ पर पहुंच गया है। महीनों से फरार चल रहे आरोपी आनंद कुमार सिंह उर्फ गोपाल को धनबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है, और उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
यह मामला जितना सीधा नजर आता है, उतना ही इसके पीछे की परतें जटिल हैं। पुलिस के अनुसार, यह कोई तात्कालिक आर्थिक धोखा नहीं था, बल्कि एक पूर्व-नियोजित आर्थिक हेराफेरी का हिस्सा था।
क्या है पूरा मामला?
बेरमो थाना प्रभारी रोहित कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी आनंद कुमार सिंह उर्फ गोपाल, जो धनबाद जिले के सरायढेला थाना क्षेत्र के ग्रीन अपार्टमेंट, एनबी/ब्लॉक 202, सीएमपीएच कॉलोनी का निवासी है, के खिलाफ 15 दिसंबर 2024 को कांड संख्या 171/24 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इस केस में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 316(2), 118(4), 338, 336(3) जोड़ी गई हैं। इनमें वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी से जुड़ी गंभीर धाराएं शामिल हैं।
धोखे का रास्ता और गिरफ्तारी की कहानी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आनंद कुमार सिंह ने सरकारी फंड के वितरण या कार्य से जुड़े पैसे में गबन किया, जिसकी राशि लगभग आठ लाख रुपये थी। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि उसने रकम का उपयोग निजी लाभ के लिए किया और फिर पता बदलकर धनबाद में छिप गया।
लेकिन पुलिस ने हार नहीं मानी। मानव स्रोतों, तकनीकी निगरानी और लगातार पीछा करते हुए अंततः उसे दबोच लिया गया।
इतिहास की झलक: बेरमो में पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
यह कोई पहला मामला नहीं है जब बेरमो या धनबाद क्षेत्र में सरकारी धन के दुरुपयोग और गबन के केस सामने आए हैं। पूर्व में भी कई ऐसे मामले दर्ज हो चुके हैं जहां ठेकेदारों या कर्मचारियों ने योजनाओं के पैसों में गड़बड़ी की हो।
पर सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासनिक निगरानी इतनी ढीली हो चुकी है कि ऐसे आरोपी महीने भर फरार रहकर अलग जिलों में छिप सकते हैं?
अब आगे क्या?
फिलहाल आनंद कुमार सिंह को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। आने वाले दिनों में पुलिस उससे पूछताछ करेगी कि क्या इस गबन में और लोग भी शामिल थे? क्या पैसे का इस्तेमाल किसी और बड़े षड्यंत्र में हुआ?
बेरमो पुलिस का दावा है कि जांच तेजी से आगे बढ़ रही है, और जरूरत पड़ी तो अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।
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