Dhanbad Raid : कमलडीह गांव में अवैध विदेशी शराब फैक्ट्री का पर्दाफाश, बोतल-रेपर और मशीन जब्त
धनबाद के पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के कमलडीह गांव में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध विदेशी शराब फैक्ट्री का खुलासा किया। छापेमारी में बोतल, रेपर, पंचिंग मशीन और स्प्रिट के ड्रम बरामद हुए।

धनबाद : कोयलांचल की धरती पर रविवार को पुलिस ने एक ऐसी कार्रवाई की, जिसने इलाके के शराब माफियाओं की नींद उड़ा दी। पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के कमलडीह गांव में चल रही अवैध विदेशी शराब की फैक्ट्री का पुलिस ने पर्दाफाश किया। इस गुप्त फैक्ट्री से शराब कंपनियों के रेपर, खाली बोतलें, पंचिंग मशीन, खाली पेटियां और स्प्रिट से भरे ड्रम तक बरामद हुए।
बंद घर में चल रही थी "हाई-प्रोफाइल फैक्ट्री"
चौंकाने वाली बात यह रही कि यह फैक्ट्री किसी सुनसान जगह नहीं, बल्कि गांव के डबलू साव के घर में चल रही थी। यहां बड़ी चालाकी से विदेशी शराब का निर्माण और पैकेजिंग हो रही थी। पुलिस ने बताया कि यह शराब दिखने में बिल्कुल ब्रांडेड कंपनियों जैसी लगती थी, क्योंकि फैक्ट्री में कंपनियों के असली रेपर और बोतलों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
सूचना मिलते ही बनी विशेष टीम
सूत्रों से मिली गुप्त सूचना पर चास एसडीपीओ प्रवीण सिंह के नेतृत्व में एक छापामारी दल का गठन किया गया। दंडाधिकारी जया कुमारी की मौजूदगी में रविवार को यह कार्रवाई की गई। जैसे ही पुलिस टीम ने घर का ताला तोड़ा, अंदर का मंजर देखकर सब दंग रह गए। चारों ओर शराब की खाली और भरी बोतलें, पैकेजिंग मशीन और रेपर बिखरे पड़े थे।
छह लोगों पर गहराया शक
जांच में खुलासा हुआ कि इस अवैध कारोबार से कुल छह लोग जुड़े हैं – डबलू साव, अंकित सिंह, श्याम कुमार सिंह, अविनाश कुमार सिंह उर्फ बिट्टू, राहुल मंडल और कुश कुमार। सभी चास इलाके के रहने वाले हैं और उनके खिलाफ पहले से भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस अब इन सभी की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
पुलिस की भूमिका और टीमवर्क
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी अभिषेक कुमार रंजन, पुअनि मनजीत सिंह और पुअनि श्यामलाल यादव समेत कई पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस ने साफ किया है कि दुर्गा पूजा जैसे त्योहार के मौके पर इलाके में अवैध शराब की बिक्री किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अवैध शराब का पुराना इतिहास
धनबाद और आसपास के इलाके में अवैध शराब का कारोबार नया नहीं है। झारखंड में कई बार पुलिस ने ऐसे कारखानों का भंडाफोड़ किया है, जहां विदेशी शराब के नाम पर नकली और जहरीली शराब बेची जाती थी। 2016 और 2019 में भी झरिया और चास इलाके से ऐसे ही कारखाने पकड़े गए थे, जिनमें नकली शराब पीने से कई लोगों की जान तक चली गई थी। इसीलिए, कमलडीह गांव की यह फैक्ट्री केवल कानून ही नहीं, बल्कि आम जनता की सेहत के लिए भी बड़ा खतरा साबित हो सकती थी।
इलाके में मचा हड़कंप
छापेमारी की खबर जैसे ही फैली, पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोग बताते हैं कि गांव में लंबे समय से शराब की आवाजाही पर संदेह था, लेकिन इतनी बड़ी फैक्ट्री चल रही है, यह किसी ने नहीं सोचा था। ग्रामीण अब पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि आगे भी ऐसी मुहिम जारी रहे।
आगे की कार्रवाई
एसडीपीओ प्रवीण सिंह ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में और भी कई नाम सामने आ सकते हैं। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इस फैक्ट्री से बनी शराब कहां-कहां सप्लाई होती थी और इसके पीछे कौन-कौन बड़े लोग शामिल हैं।
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