Ranchi IAS Officer Bail: जेल में बंद निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को मिली बड़ी राहत

रांची में निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को दो साल और चार महीने बाद जमानत मिली। जानें कैसे उन्हें कोर्ट से राहत मिली और इसका उनके मामले पर क्या असर होगा।

Dec 7, 2024 - 16:35
Dec 7, 2024 - 17:39
 0
Ranchi IAS Officer Bail: जेल में बंद निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को मिली बड़ी राहत
Ranchi: जेल में बंद निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को मिली बड़ी राहत

रांची के होटवार जेल में दो साल और चार महीने से बंद निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को हाल ही में एक महत्वपूर्ण राहत मिली है। शनिवार को रांची की पीएमएलए (प्रीवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की विशेष अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुनाया और उन्हें जमानत की सुविधा प्रदान की। इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें जेल से रिहा करने के लिए नए कानून के तहत कस्टडी बेस्ड जमानत देने पर विचार किया।

जमानत याचिका की प्रक्रिया और अदालत का फैसला

पूजा सिंघल के अधिवक्ताओं ने अदालत में यह तर्क रखा कि नए कानून के अनुसार, यदि किसी आरोपी की न्यायिक हिरासत उस मामले में दी जाने वाली सजा की एक तिहाई अवधि तक हो, तो उसे जमानत दी जा सकती है। अदालत ने इस पर गौर करते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के अधीक्षक से यह जानकारी मांगी कि पूजा सिंघल कितने समय से जेल में बंद हैं और उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि कितनी हो गई है। जेल अधीक्षक ने कोर्ट को बताया कि पूजा सिंघल लगभग 28 महीनों से जेल में बंद हैं। इसके आधार पर अदालत ने उन्हें जमानत देने का निर्णय लिया।

पूजा सिंघल का मामला और जेल में बिताया समय

आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें अपने पद का दुरुपयोग और अवैध संपत्ति बनाने के आरोपों का सामना करना पड़ा। इस मामले ने तब से काफी सुर्खियां बटोरीं जब उन्होंने सरकारी कार्यों में घोटाले की साजिश रची और राज्य के विकास कार्यों में गड़बड़ी की। पूजा सिंघल की गिरफ्तारी से राज्य में राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया था।

नई जमानत का महत्व और इसके असर

जमानत मिलने के बाद, पूजा सिंघल के लिए राहत की नई उम्मीद जगी है। उनके समर्थकों का कहना है कि इस फैसले से उन्हें अपनी न्यायिक प्रक्रिया में भाग लेने और अपनी स्थिति स्पष्ट करने का मौका मिलेगा। नए कानून के तहत, जिन आरोपियों की जेल में बंदी अवधि एक तिहाई सजा के बराबर हो जाती है, उन्हें जमानत मिल सकती है, और पूजा सिंघल के मामले में यह नियम लागू हुआ।

अदालत की भूमिका और भविष्य की कार्रवाई

इस फैसले के बाद, पूजा सिंघल को अपनी जमानत के नियमों के तहत कुछ शर्तों का पालन करना होगा। अदालत ने यह भी कहा कि जेल से रिहा होने के बाद, उन्हें अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से अदालत में पेश होना होगा। इसके अलावा, कोर्ट ने उनके मामले की सुनवाई को तेज करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है।

संभावित प्रभाव और राज्य की राजनीतिक स्थिति

पूजा सिंघल की रिहाई ने राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को भी प्रभावित किया है। उनके समर्थक और विरोधी दोनों ही इस फैसले को महत्वपूर्ण मान रहे हैं। विपक्ष ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं, जबकि समर्थकों का कहना है कि यह न्याय का एक उदाहरण है।

इस तरह, रांची की अदालत द्वारा दिए गए इस फैसले से न केवल पूजा सिंघल को राहत मिली है, बल्कि यह मामला राज्य में प्रशासनिक और न्यायिक प्रणाली की गतिशीलता को भी उजागर करता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।