Koderma Suicide Mystery: तिलैया डैम प्रोजेक्ट में कार्यरत सहायक प्रबंधक ने फांसी लगाकर दी जान, साथियों के खुलासे ने बढ़ाई सनसनी
कोडरमा के तिलैया डैम सोलर प्रोजेक्ट में सहायक प्रबंधक विश्व रंजन दास ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 24 वर्षीय प्रबंधक के साथियों ने खुलासा किया कि उन्होंने रात को आत्महत्या की बात कही थी। पुलिस जांच में जुटी है।
सोमवार की सुबह जिले के तिलैया थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई। यहां नरेश नगर वार्ड संख्या 1 में रहने वाले 24 वर्षीय सहायक प्रबंधक विश्व रंजन दास ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के रहने वाले थे और तिलैया डैम में लग रहे फ्लोटिंग सोलर पैनल प्रोजेक्ट से जुड़े थे।
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस और स्थानीय लोगों के अनुसार, रविवार की रात विश्व रंजन दास अपने किराए के घर लौटे। साथियों से बातचीत के बाद वे सोने चले गए। सोमवार की सुबह जब उनके साथी पहुंचे तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। काफी देर तक खटखटाने पर भी जब जवाब नहीं मिला, तो दरवाजा तोड़ा गया। अंदर का दृश्य देखकर सभी के होश उड़ गए। विश्व रंजन दास का शव पंखे से गमछे के सहारे लटका हुआ था।
साथियों ने क्या बताया?
उनके सहकर्मियों का कहना है कि उन्होंने रात में फोन पर खुद को बेहद परेशान बताते हुए आत्महत्या करने की बात कही थी। हालांकि, साथियों ने उन्हें काफी समझाने की कोशिश की थी। लेकिन सुबह तक सब खत्म हो चुका था। इस बयान ने मामले को और रहस्यमय बना दिया है।
कंपनी और प्रोजेक्ट से जुड़ाव
विश्व रंजन दास स्टारलिंक एंड विल्सन कंपनी में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। यह वही कंपनी है जो तिलैया डैम में फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाने का बड़ा प्रोजेक्ट कर रही है। झारखंड के ऊर्जा क्षेत्र में यह परियोजना मील का पत्थर मानी जा रही है, लेकिन अब इस घटना ने प्रोजेक्ट की छवि पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस की जांच और प्रारंभिक रिपोर्ट
तिलैया थाना प्रभारी विनय कुमार ने बताया कि प्राथमिक जांच में पारिवारिक कलह के कारण आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, पुलिस हर पहलू पर गहन जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है और परिजनों को सूचना दे दी गई है।
इतिहास में आत्महत्याओं का पैटर्न
झारखंड में कार्यस्थल या निजी कारणों से आत्महत्या के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। 2018 में हजारीबाग की एक बड़ी कंपनी के इंजीनियर ने भी तनाव के चलते आत्महत्या कर ली थी। इसी तरह 2021 में बोकारो स्टील प्लांट के एक अधिकारी ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटनाएं राज्य में मानसिक स्वास्थ्य और काउंसलिंग सेवाओं की कमी को उजागर करती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर उठते सवाल
विश्व रंजन की उम्र महज 24 साल थी और करियर की शुरुआत में ही उन्होंने इतना बड़ा कदम उठा लिया। यह घटना फिर से इस सवाल को सामने लाती है कि आखिर युवा पेशेवरों पर काम का दबाव, पारिवारिक कलह और सामाजिक दबाव किस हद तक उनके जीवन को प्रभावित कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना की खबर फैलते ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि विश्व रंजन बेहद शांत और गंभीर स्वभाव के थे। किसी ने भी यह कल्पना नहीं की थी कि वह ऐसा कदम उठा सकते हैं।
कोडरमा का यह मामला न केवल एक परिवार बल्कि एक पूरे प्रोजेक्ट और समाज के लिए सवाल छोड़ गया है। यह घटना हमें मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लेने और युवाओं को काउंसलिंग, समर्थन व सहानुभूति देने की आवश्यकता की ओर संकेत करती है।
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