Sonia Gandhi Insults Indian President :सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को कहा 'बेचारा'! भाजपा ने बताया आदिवासी महिला का अपमान
सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 'बेचारा' कहकर आदिवासी समाज का अपमान किया! भाजपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए करारा जवाब दिया। जानिए पूरी खबर!
नई दिल्ली, 31 जनवरी: भारतीय राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है! कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को "बेचारा" कहकर एक बड़े राजनीतिक भूचाल को जन्म दे दिया है। भाजपा ने इसे आदिवासी महिला का घोर अपमान बताया और कांग्रेस पर कटाक्ष किया कि वह कभी भी गरीब, दलित और आदिवासी नेताओं के उत्थान को सहन नहीं कर सकती।
क्या सोनिया गांधी की यह टिप्पणी कांग्रेस की "सामंती मानसिकता" को दर्शाती है?
क्या राहुल गांधी भी इसमें शामिल हैं?
कांग्रेस के नेताओं का राष्ट्रपति मुर्मू के प्रति अनादर कोई नई बात नहीं है!
इस लेख में हम इस पूरे विवाद की गहराई से पड़ताल करेंगे और बताएंगे कि कैसे कांग्रेस बार-बार राष्ट्रपति मुर्मू का अपमान कर रही है और क्यों यह बयान राजनीतिक रूप से खतरनाक साबित हो सकता है!
सोनिया गांधी का 'बेचारा' बयान: राष्ट्रपति मुर्मू के प्रति कांग्रेस की मानसिकता उजागर!
संसद के बजट सत्र 2025 की शुरुआत के साथ ही एक बड़ा विवाद सामने आया, जब सोनिया गांधी ने मीडिया से बातचीत के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए "बेचारा" शब्द का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा – "राष्ट्रपति जी अंत तक बहुत थक चुकी थीं। बेचारा, वे मुश्किल से बोल पाती थीं।"
राहुल गांधी भी इसमें शामिल दिखे और उन्होंने टिप्पणी की – "बोरिंग? कोई टिप्पणी नहीं? एक ही बात को बार-बार दोहराना?"
भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस की "सामंती मानसिकता" यह बर्दाश्त नहीं कर सकती कि एक आदिवासी महिला देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे।
कांग्रेस का 'राष्ट्रपति मुर्मू विरोधी' रवैया: इतिहास गवाह है!
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति मुर्मू का अपमान किया है।
कांग्रेस के कई नेता पहले भी उनके खिलाफ असभ्य और अपमानजनक टिप्पणियाँ कर चुके हैं।
1. राहुल गांधी ने 'राम मंदिर' को लेकर दिया विवादित बयान
2024 में राहुल गांधी ने कहा था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपनी आदिवासी पहचान के कारण राम मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकतीं। लेकिन हकीकत यह थी कि उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का दर्शन किया और सरयू आरती में भी भाग लिया।
2. 'राष्ट्रपत्नी' विवाद (2022)
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति मुर्मू को "राष्ट्रपत्नी" कहकर संबोधित किया, जिससे भारी विवाद खड़ा हुआ।
3. राष्ट्रपति मुर्मू को 'बुरे दर्शन' बताने की कोशिश
कांग्रेस नेता अजय कुमार ने उनकी उम्मीदवारी का मज़ाक उड़ाया और इसे "भारत के बुरे दर्शन" से जोड़ा।
4. पश्चिम बंगाल मंत्री का अपमानजनक बयान
अखिल गिरि (TMC) ने उनकी शक्ल पर टिप्पणी करते हुए कहा – "हम किसी को शक्ल से नहीं आंकते, लेकिन देखिए हमारे राष्ट्रपति कैसे दिखते हैं!"
भाजपा का करारा जवाब: 'कांग्रेस आदिवासी महिलाओं का अपमान करना बंद करे!'
भाजपा प्रवक्ताओं ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा:
"कांग्रेस को आदिवासी राष्ट्रपति का सम्मान करना चाहिए, लेकिन उनकी मानसिकता ही सामंती है। उन्हें केवल वंशवाद की राजनीति पसंद है!"
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा – "सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति को 'बेचारा' कहकर पूरे देश का अपमान किया है!"
भाजपा के गिरिराज सिंह बोले – "कांग्रेस एक आदिवासी महिला को सम्मान नहीं दे सकती, यह शर्मनाक है!"
कांग्रेस की मानसिकता: 'एक परिवार की सत्ता, बाकी सब दोयम दर्जे के!'
अगर कांग्रेस को सत्ता से बाहर रखने वाली कोई शक्ति सबसे ज्यादा खटकती है, तो वह है – आम जनता से जुड़े हुए नेता!
चाहे वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों, जो चाय बेचने वाले से देश के नेता बने।
या फिर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो एक आदिवासी महिला होते हुए भी देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुँचीं!
कांग्रेस की राजनीति हमेशा वंशवाद और सामंतवादी सोच से ग्रसित रही है, यही वजह है कि वे एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति का सम्मान नहीं कर पा रहे हैं।
कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ेंगी! सोनिया गांधी के बयान पर देशभर में आक्रोश
भाजपा अब इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है।
कांग्रेस की यह 'वोट बैंक राजनीति' अब उनके लिए बूमरैंग साबित हो सकती है।
आदिवासी समाज और महिला संगठनों ने इस बयान को लेकर गहरी नाराजगी जताई है।
क्या कांग्रेस अब इस अपमानजनक बयान पर माफी मांगेगी? या फिर यह बयान उनके लिए चुनावी नुकसान का कारण बनेगा?
आपका क्या कहना है? क्या सोनिया गांधी को राष्ट्रपति मुर्मू से माफी मांगनी चाहिए? कमेंट में अपनी राय दें!
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