West Bokaro Initiative: टाटा स्टील फाउंडेशन ने दिव्यांगजन के लिए पहली बार कृत्रिम अंग शिविर आयोजित किया!

टाटा स्टील फाउंडेशन ने वेस्ट बोकारो में दिव्यांगजन के लिए पहला कृत्रिम अंग वितरण शिविर आयोजित किया। जानें कैसे इस पहल ने कई लोगों की जिंदगी में बदलाव लाया और उनकी जरूरतों को समझा।

Jan 31, 2025 - 20:46
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West Bokaro Initiative: टाटा स्टील फाउंडेशन ने दिव्यांगजन के लिए पहली बार कृत्रिम अंग शिविर आयोजित किया!
West Bokaro Initiative: टाटा स्टील फाउंडेशन ने दिव्यांगजन के लिए पहली बार कृत्रिम अंग शिविर आयोजित किया!

वेस्ट बोकारो, 31 जनवरी 2025: टाटा स्टील फाउंडेशन ने 30 जनवरी 2025 को वेस्ट बोकारो में पहला कृत्रिम अंग वितरण शिविर आयोजित किया, जिसका उद्देश्य दिव्यांगजन को सहायक उपकरण प्रदान करना था। इस पहल का सहयोग जयपुर स्थित भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (BMVSS) से मिला, जो दिव्यांगजन के पुनर्वास में अहम भूमिका निभा रही है। यह शिविर राजेंद्र नगर, घाटोटांड स्थित रिक्रिएशन क्लब में आयोजित किया गया था, जिसमें कुल 16 दिव्यांगजनों का परीक्षण किया गया और 11 को कृत्रिम अंग प्रदान किए गए।

कैसे हुई इस विशेष शिविर की शुरुआत?

यह शिविर टाटा स्टील फाउंडेशन की पब्लिक हेल्थ टीम द्वारा किए गए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के आधार पर आयोजित किया गया। सर्वेक्षण के दौरान रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड में 233 दिव्यांगजन की पहचान की गई, जिनमें से कई को कृत्रिम अंग और आजीविका सहायता की आवश्यकता थी। इस सर्वे के बाद फाउंडेशन ने दिव्यांगजन के सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए उन्हें सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने, जागरूकता कार्यक्रमों और आजीविका समर्थन की पहल की।

क्या था शिविर में?

इस शिविर में, दिव्यांगजन को कृत्रिम अंग जैसे कृत्रिम पैर, कृत्रिम हाथ, वॉकिंग स्टिक और बैसाखियां प्रदान की गईं। विशेष रूप से, 7 कृत्रिम पैर, 3 कृत्रिम हाथ, 2 वॉकिंग स्टिक, और 3 बैसाखियां वितरित की गईं। यह सुनिश्चित किया गया कि हर एक दिव्यांग व्यक्ति को उसकी जरूरत के मुताबिक सहायक उपकरण मिल सके।

BMVSS और टाटा स्टील फाउंडेशन का सहयोग

BMVSS (भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति) ने अपनी विशेषज्ञता और संसाधनों के साथ इस शिविर को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह शिविर इस लंबी साझेदारी का परिणाम था, जो दिव्यांगजन के लिए कृत्रिम अंगों की बढ़ती जरूरत को पूरा करने में सहायक है।

दिव्यांगजन के लिए यह शिविर क्यों था महत्वपूर्ण?

इस शिविर ने वेस्ट बोकारो क्षेत्र में दिव्यांगजन के लिए एक बड़ी पहल की शुरुआत की। यह पहला अवसर था जब इस क्षेत्र में इस प्रकार का शिविर आयोजित किया गया था, और इसका मुख्य उद्देश्य था दिव्यांगजन के वास्तविक मुद्दों को समझना और उन्हें तत्काल सहायता प्रदान करना। शिविर में शामिल होने वाले दिव्यांगजन रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड के विभिन्न गांवों से आए थे, जिनमें बडगांव, बंजी, कर्मा, टोपा, बोंगाबर, दूधमटिया, ओरला, और सोनडीहा जैसे गांव शामिल थे।

दिव्यांगजन के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम

यह शिविर टाटा स्टील फाउंडेशन के दिव्यांगजन सशक्तिकरण कार्यक्रम का एक हिस्सा था, जिसमें दिव्यांगों को न केवल सहायक उपकरण बल्कि आजीविका समर्थन, सरकारी योजनाओं से जोड़ने और क्षमता निर्माण जैसे कई अन्य पहलुओं पर भी काम किया जा रहा है। फाउंडेशन का उद्देश्य दिव्यांगजन के लिए समान और समावेशी दुनिया का निर्माण करना है, जहां वे भी समाज के सक्रिय सदस्य बन सकें और अपनी क्षमताओं का सही इस्तेमाल कर सकें।

आगे की दिशा और योजनाएं

फाउंडेशन का अगला कदम रामगढ़ जिले में और अधिक शिविर आयोजित करने की योजना है। इस प्रकार के शिविरों के आयोजन से दिव्यांगजन की समस्याओं को हल किया जाएगा और उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। फाउंडेशन का यह प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगजन के लिए एक बदलाव लाने के रूप में देखा जा रहा है।

समाज में बदलाव की आवश्यकता

यह आयोजन यह साबित करता है कि दिव्यांगजन को सिर्फ सहानुभूति की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें समान अवसर, जानकारी और संसाधन की आवश्यकता है ताकि वे अपनी पूरी क्षमता के साथ समाज में अपना योगदान दे सकें। टाटा स्टील फाउंडेशन इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है, और यह आयोजन उस प्रयास का हिस्सा है, जो दिव्यांगजन को समाज में एक सम्मानजनक स्थान दिलाने की दिशा में काम कर रहा है।

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