Giridih Accident: चलती ट्रेन से गिरकर सिक्योरिटी गार्ड की दर्दनाक मौत, रेलवे सुरक्षा पर उठे सवाल

गिरिडीह-मधुपुर रेलखंड पर महेशमुंडा स्टेशन के पास चलती ट्रेन से गिरकर सिक्योरिटी गार्ड की मौत। क्या रेलवे की लापरवाही जिम्मेदार? पूरी खबर पढ़ें।

Feb 16, 2025 - 13:46
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Giridih Accident: चलती ट्रेन से गिरकर सिक्योरिटी गार्ड की दर्दनाक मौत, रेलवे सुरक्षा पर उठे सवाल
Giridih Accident: चलती ट्रेन से गिरकर सिक्योरिटी गार्ड की दर्दनाक मौत, रेलवे सुरक्षा पर उठे सवाल

गिरिडीह-मधुपुर रेलखंड पर एक दर्दनाक हादसे में सिक्योरिटी गार्ड की जान चली गई। महेशमुंडा रेलवे स्टेशन के पास गिरिडीह से ट्रेन में सफर कर रहे बीरेंद्र राम (50) की चलती ट्रेन से गिरकर मौत हो गई। मृतक गांडेय थाना क्षेत्र के बड़कीटांड़ गांव का रहने वाला था और गिरिडीह की एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करता था।

घटना शुक्रवार रात की है, जब बीरेंद्र राम गिरिडीह-मधुपुर पैसेंजर ट्रेन से महेशमुंडा आ रहा था। स्टेशन पर उतरते समय संतुलन बिगड़ने के कारण वह ट्रेन से गिर पड़ा और गंभीर चोटों के चलते मौके पर ही उसकी मौत हो गई। सूचना मिलने के बाद रेलवे पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। इसके बाद शव को गांव लाया गया, जहां परिजनों ने अंतिम संस्कार किया।

क्या रेलवे की लापरवाही मौत की वजह?

यह पहली बार नहीं है जब किसी यात्री की ट्रेन से गिरकर मौत हुई हो। रेलवे सुरक्षा की अनदेखी और प्लेटफॉर्म पर अपर्याप्त सुविधाओं के कारण अक्सर ऐसे हादसे होते रहते हैं।

  • महेशमुंडा जैसे छोटे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म की ऊंचाई कम होने के कारण यात्रियों को उतरने में परेशानी होती है।
  • कई बार ट्रेन धीमी रफ्तार में चलती है, जिससे यात्री जल्दबाजी में उतरने की कोशिश करते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं।
  • रेलवे में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा की कमी के कारण दुर्घटना के तुरंत बाद पीड़ित को इलाज नहीं मिल पाता, जिससे जान बचाने की संभावना कम हो जाती है।

क्या इस हादसे से कुछ सीखा जाएगा?

रेलवे प्रशासन को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। कुछ महत्वपूर्ण सुधार इस प्रकार हो सकते हैं:

  1. स्टेशनों पर सुरक्षा मानकों में सुधार – छोटे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म की ऊंचाई बढ़ाई जाए और यात्रियों के लिए सुरक्षा उपाय किए जाएं।
  2. यात्रियों के लिए जागरूकता अभियान – लोगों को जागरूक करने के लिए स्टेशन पर अनाउंसमेंट और पोस्टर लगाए जाएं, ताकि वे चलती ट्रेन से उतरने की कोशिश न करें।
  3. आपातकालीन सेवाएं – रेलवे को सभी प्रमुख स्टेशनों पर मेडिकल इमरजेंसी सेवा उपलब्ध करानी चाहिए, ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में तत्काल इलाज मिल सके।
  4. CCTV निगरानी – सभी छोटे-बड़े स्टेशनों पर CCTV कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हादसे का कारण पता चल सके और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।

परिवार में छाया मातम, प्रशासन से न्याय की मांग

बीरेंद्र राम की मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वह अपने परिवार में इकलौता कमाने वाला था, जिससे घर का खर्च चलता था। परिजनों ने रेलवे प्रशासन से मुआवजे और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग की है।

अब सवाल यह है कि क्या यह हादसा सिर्फ एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी, या फिर रेलवे की लापरवाही से हुई एक और मौत? क्या प्रशासन अब नींद से जागेगा, या फिर ऐसे ही मासूम जिंदगियां रेल पटरियों पर खत्म होती रहेंगी?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।