Chaoka Action: अफीम की खेती पर बड़ी कार्रवाई, पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर किया नष्ट!
चौका, ईचागढ़, कुचाई और दलभंगा थाना क्षेत्रों में पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर अवैध अफीम की खेती को नष्ट किया। जानें कैसे यह अभियान नशे की समस्या पर असर डाल रहा है।
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झारखंड के विभिन्न जिलों में नशे के कारोबार को जड़ से उखाड़ने के लिए पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर एक प्रभावशाली अभियान चलाया। बुधवार को जिले के चौका, ईचागढ़, कुचाई और दलभंगा थाना क्षेत्रों में अवैध अफीम की खेती पर भारी कार्रवाई की गई। इस अभियान के तहत कुल 39.5 एकड़ भूमि पर उगाई जा रही अफीम की खेती को नष्ट किया गया, जो न केवल पुलिस की कड़ी कार्रवाई की सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह ग्रामीणों के साथ मिलकर नशे की समस्या को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।
चौका में बड़ी सफलता:
चौका थाना क्षेत्र के मटुदा गांव में पुलिस ने 10 एकड़ भूमि पर लगी अवैध अफीम की खेती को नष्ट किया। इस क्षेत्र में अफीम की खेती के खिलाफ चल रहे अभियान को एसपी मुकेश कुमार लुणायत के नेतृत्व में सफलता मिली। पुलिस ने ना सिर्फ खेतों को नष्ट किया बल्कि ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए भी कई कदम उठाए।
ईचागढ़ में प्रभावी अभियान:
ईचागढ़ थाना क्षेत्र में भी अफीम की खेती के खिलाफ बड़ा कदम उठाया गया। चिमटिया और रुगड़ी गांव में पुलिस ने मिलकर 3.5 एकड़ में फैली अफीम की खेती को नष्ट किया। यह कार्यवाही ग्रामीणों के सहयोग से सफल रही, जिन्होंने इस अभियान में पुलिस का साथ दिया और अवैध खेती को समाप्त करने में सक्रिय भूमिका निभाई।
कुचाई में पुलिस और ग्रामीणों का सामूहिक प्रयास:
कुचाई थाना क्षेत्र में रायसिंदरी गांव में पुलिस ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सरायकेला के नेतृत्व में करीब 15 एकड़ भूमि पर अवैध अफीम की खेती को नष्ट किया। इस कार्रवाई में पुलिस ने न केवल अफीम के पौधों को नष्ट किया, बल्कि ग्रामीणों से भी जागरूकता फैलाने की अपील की। इसके अलावा, कुचाई थाना क्षेत्र के रायसिंदरी गांव में ग्रामीणों ने भी 6 एकड़ में फैली अफीम की खेती को नष्ट किया, जिससे यह अभियान और भी प्रभावी बना।
दलभंगा में ग्रामीणों की जागरूकता:
दलभंगा ओपी क्षेत्र में भी इस अभियान का महत्वपूर्ण योगदान रहा। पंडाडीह और धूनाडीह गांव में पुलिस द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान से प्रेरित होकर ग्रामीणों ने करीब 5 एकड़ में लगी अफीम की खेती को खुद नष्ट किया। यह कदम दर्शाता है कि जब पुलिस और ग्रामीण मिलकर काम करते हैं, तो नशे की समस्या पर काबू पाना आसान हो जाता है।
नशे की खेती को रोकने के लिए लगातार प्रयास:
इस अभियान के तहत पुलिस द्वारा अफीम की खेती को नष्ट करने के साथ-साथ ग्रामीणों को इस अवैध खेती के खतरों के बारे में जागरूक किया गया। यह कदम न केवल पुलिस की कड़ी कार्रवाई का हिस्सा था, बल्कि यह ग्रामीणों को भी नशे के खिलाफ खड़ा करने का एक तरीका था। इस अभियान के बाद अब ग्रामीण अफीम की खेती को लेकर और भी सतर्क रहेंगे और इसे किसी भी हाल में बढ़ने नहीं देंगे।
एसपी की सख्ती और पुलिस की लगातार मेहनत:
एसपी मुकेश कुमार लुणायत के नेतृत्व में पुलिस की यह कार्रवाई पूरी तरह से प्रभावी रही। एसपी ने कहा, "यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक इस क्षेत्र में अफीम की खेती पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाती। नशे के कारोबार को रोकने के लिए हमें ग्रामीणों और पुलिस दोनों का सहयोग आवश्यक है।"
सामूहिक प्रयास से सफलता:
चौका, ईचागढ़, कुचाई और दलभंगा के इन गांवों में अफीम की खेती के खिलाफ की गई यह कार्रवाई यह साबित करती है कि जब पुलिस और ग्रामीण एकजुट होते हैं, तो किसी भी अवैध गतिविधि को समाप्त किया जा सकता है। इस अभियान के माध्यम से न केवल पुलिस ने अपनी ताकत दिखाई, बल्कि ग्रामीणों ने भी नशे के खिलाफ अपनी जिम्मेदारी निभाई।
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