Maiyaan Samman Yojana Scam : मंईयां सम्मान योजना में बड़ा खेल, नाबालिगों को बनाया लाभुक?

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया! रानेश्वर के कई प्रज्ञा केंद्रों में नाबालिगों को लाभुक बनाकर ऑनलाइन इंट्री कर दी गई। जांच के बाद बड़ा खुलासा, प्रशासन ने कसी कमर!

Feb 1, 2025 - 09:09
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Maiyaan Samman Yojana Scam : मंईयां सम्मान योजना में बड़ा खेल, नाबालिगों को बनाया लाभुक?
Maiyaan Samman Yojana Scam : मंईयां सम्मान योजना में बड़ा खेल, नाबालिगों को बनाया लाभुक?

झारखंड की सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़े के मामले कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन इस बार रानेश्वर में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना को लेकर जो खुलासा हुआ है, वह चौंकाने वाला है! नाबालिगों को भी इस योजना का लाभुक बना दिया गया, जबकि यह योजना केवल पात्र महिलाओं के लिए है।

कैसे हुआ घोटाले का पर्दाफाश?

शिकायतों के आधार पर रानेश्वर प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) राजेश कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को प्रज्ञा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान रंगालिया और विलकांदी पंचायतों के कई प्रज्ञा केंद्रों में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। दो नाबालिगों के नाम पर फर्जी तरीके से आवेदन किया गया था और कुछ महिलाओं के आधार नंबर में हेरफेर कर किसी अन्य के नाम से ऑनलाइन एंट्री की गई थी।

BDO की सख्ती के बावजूद प्रज्ञा केंद्र संचालक नहीं दे सके जवाब!

जब बीडीओ ने प्रज्ञा केंद्र संचालकों बीएलई इंद्रजीत मंडल और गोष्ट गोपाल घोष से सख्ती से पूछताछ की, तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। रंगालिया पंचायत के एक प्रज्ञा केंद्र में 25 लाभुकों के आवेदन मिले, जिनमें से 24 का प्राप्ति रसीद तक नहीं था। वहीं, विलकांदी पंचायत के एक अन्य केंद्र में 27 आवेदन मिले, जिनमें से एक व्यक्ति के नाम पर दो अलग-अलग आवेदन भरे गए थे

क्या है मंईयां सम्मान योजना और इसमें कैसे हो रहा है घोटाला?

झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय सहायता देने की पहल की थी। लेकिन 31 दिसंबर 2024 के बाद सरकार ने इस योजना के ऑनलाइन आवेदन बंद कर दिए थे। इसके बावजूद, कुछ प्रज्ञा केंद्रों ने गुपचुप तरीके से आवेदन लेना जारी रखा और महिलाओं से पैसे लेकर फर्जी ऑनलाइन एंट्री की।

कैसे हो रहा था लाभुकों के साथ धोखा?

  1. नाबालिगों को बनाया लाभुक: योजना की पात्रता 18 वर्ष से ऊपर की महिलाओं के लिए है, लेकिन फर्जीवाड़ा कर नाबालिगों के नाम पर भी आवेदन कर दिए गए
  2. फर्जी आधार नंबर का खेल: कुछ महिलाओं के आधार नंबर बदलकर किसी और के नाम पर आवेदन कर दिया गया
  3. आवेदन लिया, पर जमा नहीं किया: कुछ प्रज्ञा केंद्रों ने महिलाओं से आवेदन और पैसा तो लिया, लेकिन प्रखंड मुख्यालय में आवेदन जमा ही नहीं किए
  4. दो बार आवेदन: कुछ मामलों में एक ही व्यक्ति के नाम दो बार आवेदन भरा गया

अब क्या करेगा प्रशासन?

बीडीओ के औचक निरीक्षण के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है, जिसमें BPRO, कनीय अभियंता और अन्य पंचायत सचिवों को शामिल किया गया है। यह टीम सभी लाभुकों और प्रज्ञा केंद्रों की जांच करेगी और रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई होगी।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे घोटाले!

झारखंड में सरकारी योजनाओं में धांधली का इतिहास पुराना है। पेंशन योजना, खाद्य सुरक्षा योजना और मनरेगा जैसी योजनाओं में पहले भी फर्जी लाभुकों के नाम पर पैसे निकाले जा चुके हैं। 2023 में एक मामले में मृत व्यक्ति के नाम पर भी पेंशन निकाली गई थी

क्या होगा फर्जीवाड़ा करने वालों का?

प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं। यदि जांच में दोषी पाए जाते हैं, तो संबंधित प्रज्ञा केंद्रों पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है और उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।

अब आगे क्या?

  • सरकार को चाहिए कि योजनाओं की निगरानी और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए डिजिटल वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को मजबूत करे
  • लाभुकों को भी जागरूक किया जाए कि वे किसी भी प्रज्ञा केंद्र पर बिना पुष्टि के आवेदन न करें और अपना प्राप्ति रसीद जरूर लें।
  • सरकार को घोटालेबाजों पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़े दोबारा न हों।

रानेश्वर में हुए इस फर्जीवाड़े ने यह साबित कर दिया कि सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने की बजाय कुछ भ्रष्ट लोग इसका अपने फायदे के लिए गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस घोटाले में शामिल लोगों पर क्या कार्रवाई करता है और क्या पीड़ित लाभुकों को उनका हक मिल पाएगा?


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