Hazaribagh Accident shock: कंटेनर की टक्कर से दो ड्राइवरों की मौत, दर्जनों घायल – क्या थी लापरवाही की असली वजह?
हजारीबाग जिले के चरही घाटी में कंटेनर और बस की भीषण टक्कर से दो ड्राइवरों की मौके पर मौत, एक दर्जन से ज्यादा यात्री घायल। हादसे की कहानी चौंका देगी आपको।

राजहंस बस और एक भारी कंटेनर की आमने-सामने की टक्कर ने पल भर में पूरा मंजर बदल दिया। चीख-पुकार, खून से सनी सड़क और बिखरे हुए यात्रियों के सामान — यह सब उस त्रासदी की झलक थी जिसने झारखंड को झकझोर दिया।
क्या था हादसे का पूरा घटनाक्रम?
मंगलवार की शाम तकरीबन 5 बजे, हजारीबाग से चरही की ओर एक धान लदा कंटेनर (MH 46 BF 1457) यूपी मोड़ के पास जैसे ही तीखे मोड़ पर पहुंचा, उसका संतुलन बिगड़ गया और वह पलट गया।
इसी वक्त दूसरी ओर से आ रही राजहंस बस (JH 03 AM 1320) कंटेनर से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कंटेनर और बस – दोनों के ड्राइवरों की मौके पर ही मौत हो गई।
जख्मी हुए दर्जनों यात्री, मची अफरा-तफरी
राजहंस बस में सवार करीब एक दर्जन यात्री, जिनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल थे, गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की जानकारी मिलते ही चरही थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। घायलों को तुरंत हजारीबाग सदर और मांडू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।
चरही घाटी: जहां अक्सर होती हैं दुर्घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब चरही घाटी हादसों का गवाह बनी है।
झारखंड के इस पहाड़ी इलाके में मोड़ तीखे और ट्रैफिक भारी रहता है। इससे पहले भी 2022 में एक निजी ट्रैवल बस पलटने से 3 लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों घायल हुए थे। इसके बावजूद, इस रूट पर संरचना और सुरक्षा इंतज़ाम आज भी सवालों के घेरे में हैं।
कंटेनर ड्राइवर की लापरवाही या सिस्टम की चूक?
प्राथमिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कंटेनर का संतुलन शायद ओवरलोडिंग या तेज रफ्तार के कारण बिगड़ा। हालांकि, पुलिस अभी जांच में जुटी है।
लोगों का कहना है कि अगर स्पीड ब्रेकर या वार्निंग साइन पहले से होते, तो ये हादसा टल सकता था।
परिवारों पर टूटा कहर, लोगों में आक्रोश
मृतक ड्राइवरों के परिवारों को जब हादसे की सूचना मिली, तो कोहराम मच गया।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मुआवजे और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
वहीं कई यात्री जो बाल-बाल बचे, उनका कहना है कि "बस की हालत भी अच्छी नहीं थी और घाटी में गाइडेंस की भारी कमी थी।"
झारखंड में सड़कों की हालत, भारी वाहनों की अनदेखी और सुरक्षा नियमों की धज्जियां – ये तीनों मिलकर ऐसे हादसों को न्योता देते हैं।
अब प्रशासन और परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है कि ऐसे इलाकों में CCTV, स्पीड मॉनिटरिंग और ट्रैफिक गाइडेंस सिस्टम को मजबूत करें।
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