Jamshedpur Attack: स्कूल विवाद ने लिया खतरनाक मोड़, चापड़ से हमला, दो घायल
जमशेदपुर के गोलमुरी स्थित केएसएमएस स्कूल में छात्रों के बीच मामूली विवाद ने खतरनाक रूप ले लिया। चापड़ से हुए हमले में दो छात्र घायल। जानें पूरी घटना।
जमशेदपुर: गोलमुरी के केएसएमएस स्कूल में छात्रों के बीच हुआ मामूली विवाद शुक्रवार को खतरनाक झड़प में बदल गया। एक छात्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर चापड़ से हमला कर दिया, जिसमें दो छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना न केवल स्कूल परिसर के सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े करती है, बल्कि छात्रों में बढ़ते आक्रामक व्यवहार पर भी चिंता जताती है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
26 नवंबर को स्कूल की सीढ़ियों पर कक्षा 8 के छात्र प्रभजोत और कक्षा 9 के छात्र अस्बत खान के बीच मामूली टक्कर हुई। इस घटना के बाद अस्बत ने प्रभजोत को जान से मारने की धमकी दी। डर के कारण प्रभजोत ने दो दिन तक स्कूल नहीं जाने का फैसला किया।
हमला कैसे हुआ?
घटना के दिन, जब स्कूल की छुट्टी के बाद प्रभजोत अपने भाई हरप्रीत और दोस्त अश्मित के साथ घर लौट रहा था, तभी आरडी टाटा गोलचक्कर के पास अस्बत ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे घेर लिया। आरोप है कि अस्बत ने चापड़ से प्रभजोत पर हमला किया। इस दौरान बचाव करने के प्रयास में हरप्रीत और अश्मित भी घायल हो गए।
घायल छात्रों का इलाज:
तीनों घायलों को तुरंत टीएमएच (टाटा मेन हॉस्पिटल) में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। चिकित्सकों के अनुसार, प्रभजोत और अश्मित की स्थिति चिंताजनक है, जबकि हरप्रीत को मामूली चोटें आई हैं।
पुलिस में शिकायत:
घटना के बाद प्रभजोत के परिवार ने गोलमुरी थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। आरोपियों की तलाश जारी है, और पुलिस का कहना है कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल में सुरक्षा की कमी:
केएसएमएस स्कूल, जो जमशेदपुर के प्रमुख स्कूलों में से एक है, इस घटना के बाद सवालों के घेरे में आ गया है। स्कूल प्रशासन ने फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सुरक्षा उपायों की कमी स्पष्ट रूप से सामने आई है।
छात्रों में हिंसा का बढ़ता रुझान:
स्कूलों में इस प्रकार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। शिक्षाविदों का मानना है कि छात्रों में बढ़ते आक्रोश और मानसिक तनाव ऐसे मामलों को जन्म दे रहे हैं।
"विद्यालयों को बच्चों के बीच संवाद और काउंसलिंग पर ध्यान देने की जरूरत है। इस प्रकार की घटनाएं छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं," एक मनोवैज्ञानिक ने कहा।
क्या कहती है कानून व्यवस्था?
झारखंड के स्कूलों में बढ़ती हिंसक घटनाओं के मद्देनजर सरकार ने स्कूल सुरक्षा को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए थे। लेकिन यह घटना इन दिशा-निर्देशों की अनदेखी का प्रमाण है।
अभिभावकों की चिंता:
इस घटना के बाद अभिभावकों में चिंता का माहौल है। उन्होंने स्कूल प्रशासन से सख्त सुरक्षा उपाय लागू करने की मांग की है।
क्या कदम उठाने चाहिए?
- स्कूल परिसरों में सीसीटीवी कैमरों की अनिवार्यता।
- छात्रों के लिए नियमित काउंसलिंग सत्र।
- स्कूल के सुरक्षा गार्ड्स की तैनाती।
- छात्रों और अभिभावकों के बीच संवाद बढ़ाने के प्रयास।
जमशेदपुर की यह घटना न केवल शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता भी दर्शाती है। बेहतर सुरक्षा उपाय और छात्रों के बीच संवाद ही इस प्रकार की घटनाओं को रोक सकते हैं।
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