Chandil Loot Failed: स्कॉर्पियो लूट की ‘फिल्मी’ साजिश पुलिस ने दो घंटे में फेल कर दी!
चांडिल में दो अपराधियों ने स्कॉर्पियो लूट की साजिश रची, लेकिन झारखंड पुलिस की तेजी से महज 2 घंटे में गाड़ी बरामद और एक अपराधी गिरफ्तार! जानिए पूरा घटनाक्रम।

शाम के करीब 7:30 बजे पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुनायत को एक कॉल आता है—चांडिल थाना क्षेत्र के बीरीगोड़ा में दो अज्ञात अपराधियों ने एक स्कॉर्पियो लूट ली है। अब सोचिए, अगर थोड़ी सी देरी होती, तो गाड़ी गायब और केस ठंडे बस्ते में चला जाता। लेकिन नहीं! झारखंड पुलिस ने साबित कर दिया कि वो एक्शन में विश्वास रखती है, और वो भी सिर्फ 2 घंटे में।
प्लान फिल्मी था, लेकिन पुलिस की चाल रियल
जैसे ही सूचना मिली, एसपी ने बिना देर किए चांडिल एसडीपीओ के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम बनाई। चांडिल, चौका, ईचागढ़ और तिरुलडीह थानों की पुलिस को अलर्ट किया गया। प्लान एकदम क्लियर था—“कहीं से भी गाड़ी बाहर नहीं जानी चाहिए।”
और इसी एक्शन के बीच दो घंटे के भीतर तमाड़ थाना क्षेत्र से लूटी गई स्कॉर्पियो WB 56U-8309 बरामद कर ली गई और अपराधी समीर अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया।
कैसे रची गई थी लूट की साजिश?
पूछताछ में समीर अंसारी ने जो बताया, वो किसी क्राइम थ्रिलर से कम नहीं है। स्कॉर्पियो को पुरुलिया से जमशेदपुर जाने के लिए किराए पर लिया गया था।
जब गाड़ी पारडीह पहुंची, तो जुलूस का बहाना बनाकर ड्राइवर को कांडरबेड़ा होते हुए मानगो की ओर चलने को कहा गया। और फिर, NH-33 पर बीरीगोड़ा में ड्राइवर के साथ मारपीट कर गाड़ी छीन ली गई।
लेकिन समीर और उसके साथियों को क्या पता था कि पुलिस पहले से दो कदम आगे चल रही है।
इतिहास बताता है: चांडिल पुलिस का रिकॉर्ड है दमदार
चांडिल की पुलिस इससे पहले भी कई बार साबित कर चुकी है कि वह फुर्तीली और रिजल्ट-ओरिएंटेड है।
चाहे वह 2023 की बैंक लूट की कोशिश हो या 2022 में कोयला तस्करी की रोकथाम—हर बार इन थानों ने मुस्तैदी दिखाई है। और इस बार भी पुलिस ने न केवल गाड़ी बरामद की, बल्कि मुख्य आरोपी को धर दबोचा। अब बाकी साथियों की तलाश में लगातार छापेमारी जारी है।
जनता में भरोसा, अपराधियों में खौफ
इस ताज़ा सफलता ने एक बार फिर दिखा दिया है कि झारखंड पुलिस कितनी एक्टिव है।
इस घटना ने जनता में विश्वास बढ़ाया है और अपराधियों को ये सख्त संदेश दिया है कि अब बचना आसान नहीं है।
अगर ऐसी मुस्तैदी हर मामले में दिखाई जाए, तो झारखंड को अपराध मुक्त बनाना कोई सपना नहीं होगा। पुलिस ने न सिर्फ एक गाड़ी को बरामद किया, बल्कि उन अपराधियों की हिम्मत भी तोड़ी, जो सोचते थे कि वो कानून से ऊपर हैं।
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