Jharkhand Raid: 150 करोड़ के GST घोटाले का पर्दाफाश! जानें किन व्यापारियों पर गिरा शिकंजा
झारखंड में जीएसटी विभाग का बड़ा ऐक्शन! धनबाद में 150 करोड़ की हेराफेरी के मामले में कोयला कारोबारी सौरभ सिंघल और शिवम सिंह समेत कई व्यापारियों के ठिकानों पर छापेमारी, जानें पूरा मामला।
झारखंड में जीएसटी विभाग ने करोड़ों के टैक्स घोटाले का पर्दाफाश किया है। धनबाद में 150 करोड़ रुपये के GST हेरफेर के मामले में विभाग की टीम ने कोयला कारोबारी सौरभ सिंघल और उनके पार्टनर शिवम सिंह समेत कई व्यापारियों के ठिकानों पर छापा मारा है। शुरुआती जांच में पता चला है कि इस फर्जीवाड़े से सरकार को 40 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
कैसे खुला GST घोटाले का राज?
जमशेदपुर डीजीजीआई (डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस) की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि धनबाद में फर्जी कंपनियों के जरिए बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की जा रही है। इसके बाद विभाग ने शुक्रवार रात को एक साथ दर्जनभर ठिकानों पर छापेमारी शुरू की।
कहां-कहां हुई छापेमारी?
जीएसटी टीम ने धनबाद के धैया रोड स्थित हवेली अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 303, 505 और 901 समेत झरिया के लक्ष्मीनिया मोड़, राजा तालाब, मटकुरिया, केंदुआडीह और तपोवन कॉलोनी में छापेमारी की। इनमें शामिल कुछ प्रमुख कंपनियां हैं:
- मां देवासर इंटरप्राइजेज
- एमएस भगवती इंटरप्राइजेज
- जय मां विंध्यवासिनी इंटरप्राइजेज
- ट्रिनिटी फ्यूल
फर्जी कंपनियों का खेल!
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने 25 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाकर करोड़ों की जीएसटी हेराफेरी की। ये कंपनियां सिर्फ कागजों पर ही मौजूद थीं और इनके जरिए बड़े पैमाने पर फर्जी बिलिंग कर टैक्स की चोरी की गई।
छापे से पहले व्यापारी फरार!
छापेमारी से पहले ही मुख्य आरोपी सौरभ सिंघल, मनीष सिंह, रेसव सुरेश बंसल और मिथिलेश सिंह मौके से फरार हो गए। हालांकि, टीम ने छापे के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनकी जांच जारी है।
कैसे होता था घोटाला?
- फर्जी कंपनियों के नाम पर बड़े पैमाने पर बिलिंग की जाती थी।
- बिना किसी वास्तविक लेन-देन के जीएसटी रिफंड क्लेम किया जाता था।
- कागजों में बड़े कारोबार दिखाकर करोड़ों रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लिया जाता था और सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया जाता था।
आगे क्या होगा?
जीएसटी विभाग की टीम अब इन कंपनियों के बैंक अकाउंट्स और लेन-देन का गहराई से विश्लेषण कर रही है। इसके अलावा, भागे हुए व्यापारियों की तलाश तेज कर दी गई है। अगर घोटाले की पुष्टि होती है, तो अभियुक्तों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
GST घोटालों का गढ़ बन रहा झारखंड?
झारखंड में पिछले कुछ वर्षों में GST से जुड़े फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आए हैं। इससे पहले भी धनबाद, जमशेदपुर और रांची में टैक्स चोरी और फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों की हेराफेरी के मामले पकड़े जा चुके हैं।
क्या सरकार उठाएगी सख्त कदम?
GST घोटालों को रोकने के लिए सरकार को चाहिए कि:
✅ फर्जी कंपनियों की पहचान के लिए सख्त वेरीफिकेशन प्रक्रिया लागू करे।
✅ ऑनलाइन टैक्स सिस्टम को और मजबूत किया जाए ताकि फर्जी बिलिंग का पता तुरंत लगाया जा सके।
✅ GST इंटेलिजेंस टीमों को ज्यादा संसाधन दिए जाएं ताकि वे ऐसे मामलों पर त्वरित कार्रवाई कर सकें।
150 करोड़ के GST घोटाले के खुलासे के बाद झारखंड में टैक्स चोरी को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। सरकार को इस मामले में सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में इस तरह के घोटाले न हों और देश के राजस्व को नुकसान न पहुंचे। अब देखना यह होगा कि प्रशासन कब तक घोटालेबाजों पर शिकंजा कसता है और दोषियों को सजा दिलाने में सफल होता है!
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