Jharkhand Alert: गुइलेन बैरे सिंड्रोम पर CM Hemant Soren सख्त, अस्पतालों को किया अलर्ट!
झारखंड में गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) को लेकर सीएम हेमंत सोरेन का बड़ा निर्देश! सभी अस्पतालों में बेड, दवा और ऑक्सीजन की पुख्ता व्यवस्था करने के आदेश, संदिग्ध मरीजों को तुरंत रिम्स रेफर किया जाएगा।
झारखंड में गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कड़ा रुख अपनाते हुए स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में बेड, दवाइयां और ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। किसी भी संदिग्ध मरीज को तुरंत रिम्स (RIMS) रेफर किया जाए और मरीजों को बेहतर इलाज मिले, यह सुनिश्चित किया जाए।
GBS क्या है और क्यों है यह चिंता का विषय?
गुइलेन बैरे सिंड्रोम (Guillain Barre Syndrome - GBS) एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम नर्वस सिस्टम पर हमला करने लगती है। इससे मरीज के हाथ-पैर सुन्न होने लगते हैं, मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं और गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। यह बीमारी दूषित पानी और अस्वच्छ भोजन के कारण फैल सकती है, लेकिन यह कोरोना की तरह एक-दूसरे से नहीं फैलती।
CM हेमंत सोरेन के बड़े निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि:
✅ GBS के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी जिलों में अस्पताल तैयार रखें।
✅ संक्रमण वाले क्षेत्रों से झारखंड आने वालों की जांच की जाए।
✅ शहर में एक मुफ्त GBS जांच केंद्र स्थापित किया जाए।
✅ संदिग्ध मरीजों को ट्रांसपोर्ट सिस्टम के जरिए जल्द से जल्द रिम्स भेजा जाए।
✅ सभी सिविल सर्जनों को इस बीमारी से जुड़े अपडेट्स पर नजर रखने का निर्देश।
✅ GBS को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि लोगों में भ्रम न फैले।
रिम्स और स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर!
रांची स्थित रिम्स अस्पताल को GBS को लेकर हाई अलर्ट मोड पर रखा गया है। रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार ने बताया कि अस्पताल में इस बीमारी के इलाज की पूरी व्यवस्था कर ली गई है। उन्होंने सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिया कि जैसे ही कोई संदिग्ध मरीज मिले, उसे तुरंत रिम्स रेफर किया जाए।
स्वास्थ्य मंत्री भी हुए ऑनलाइन मीटिंग में शामिल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर GBS के संक्रमण और इलाज की समीक्षा की। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी भी ऑनलाइन जुड़े और बीमारी के लक्षण, बचाव और इलाज से जुड़ी रणनीति पर चर्चा की गई।
GBS से कैसे बचें?
- साफ और उबला हुआ पानी पिएं।
- कच्चे या खुले में रखे भोजन से बचें।
- हाथ धोने की आदत डालें, खासकर खाने से पहले।
- अगर हाथ-पैर सुन्न हो रहे हैं या चलने में परेशानी हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
आगे क्या करेगी सरकार?
झारखंड सरकार ने GBS के खतरे को देखते हुए व्यापक प्रचार अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इस अभियान के तहत:
???? टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया के जरिए GBS के लक्षण और बचाव के उपाय बताए जाएंगे।
???? सरकारी अस्पतालों में फ्री जांच और इलाज की सुविधा दी जाएगी।
???? GBS से जुड़े मिथकों को दूर करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) को लेकर झारखंड सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी मरीज को इलाज में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अब देखना यह होगा कि सरकार की ये तैयारियां GBS के प्रसार को रोकने में कितनी कारगर साबित होती हैं।
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