Chaibasa Justice: 8 साल की सजा! PLFI सदस्य जोहन बरजो के घर से बरामद हुए खतरनाक हथियार
चाईबासा में PLFI सदस्य जोहन बरजो को अवैध हथियार और विस्फोटक छिपाने के मामले में 8 साल की सजा सुनाई गई। जानें इस हाई-प्रोफाइल केस की पूरी कहानी और अदालत का फैसला।
झारखंड के चाईबासा जिले में एक बड़े कानूनी फैसले के तहत PLFI सदस्य जोहन बरजो उर्फ सलीम को अवैध हथियार और विस्फोटक छिपाने के जुर्म में 8 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही, कोर्ट ने 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
चक्रधरपुर व्यवहार न्यायालय के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने यह सजा सुनाते हुए कहा कि जोहन बरजो के खिलाफ मजबूत साक्ष्य मिले हैं, जिससे यह साबित हुआ कि उसने गंभीर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता रखी थी। हालांकि, इसी मामले में आरोपी थॉमस हेंब्रम और मार्शल गुड़िया को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया।
कैसे हुआ खुलासा?
यह मामला 18 जून 2016 का है, जब बंदगांव थाना पुलिस को सूचना मिली कि पोडेनगेर जंगल में अवैध हथियार और विस्फोटक छिपाए गए हैं। इसके बाद पुलिस की एक विशेष टीम ने जंगल में छापा मारा, जहां तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।
पूछताछ के दौरान जोहन बरजो ने कबूल किया कि उसने पुलिस को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जंगल में विस्फोटक और हथियार छिपाए थे। उसकी निशानदेही पर जंगल में एक गड्ढे से 4 डीबीबीएल इन, 2 कार्बाइन, 8 बोर एक्शन 315 राइफल मैगजीन, 4 कार्बाइन मैगजीन और 200 जिलेटिन छड़ें बरामद की गईं।
इसके बाद बंदगांव थाना प्रभारी सत्यवीर ने मामला दर्ज किया और जोहन बरजो को मुख्य आरोपी बनाया गया।
क्या कहा कोर्ट ने?
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि:
✅ जोहन बरजो के खिलाफ अवैध हथियार रखने के पर्याप्त सबूत मिले हैं।
✅ गंभीर अपराध होने के कारण उसे 8 साल की सजा और 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
✅ अन्य दो आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने के कारण उन्हें बरी कर दिया गया।
चाईबासा कोर्ट के दो और बड़े फैसले!
1️⃣ नाबालिग से अपराध मामले में सोनुवा निवासी अरशद खान को 4 साल की सजा
सोनुवा निवासी अरशद खान को 2021 में दर्ज मामले में चार साल की सजा और 10,000 रुपये जुर्माना लगाया गया। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चले मुकदमे में अरशद खान के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद यह फैसला सुनाया गया।
2️⃣ आचार संहिता उल्लंघन मामले में पूर्व BJP जिलाध्यक्ष और शिक्षा मंत्री बरी
2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन मामले में झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन और भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार को विशेष अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
क्या था मामला?
- 2019 के चुनाव प्रचार के दौरान सोनारी थाना में कांड संख्या 52/2019 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
- आरोप था कि रामदास सोरेन (झामुमो) और दिनेश कुमार (BJP) के कार्यकर्ताओं ने सरकारी खंभों और भवनों पर बैनर और झंडे लगा दिए थे, जिससे आचार संहिता का उल्लंघन हुआ।
- कोर्ट में पेश सबूतों में आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी, जिसके चलते दोनों को रिहा कर दिया गया।
चाईबासा की अदालत ने एक ओर जहां अवैध हथियार और विस्फोटक रखने के मामले में PLFI सदस्य जोहन बरजो को 8 साल की सजा सुनाई, वहीं दूसरी ओर सोनुवा निवासी अरशद खान को 4 साल की सजा और आचार संहिता उल्लंघन मामले में BJP और JMM नेताओं को राहत दी।
यह फैसले झारखंड में कानून व्यवस्था को सख्त करने और न्याय प्रणाली को पारदर्शी बनाने के बड़े संकेत देते हैं। अब देखना यह होगा कि इन मामलों में आगे क्या नया मोड़ आता है और झारखंड पुलिस अवैध हथियारों और संगठित अपराधों के खिलाफ क्या कदम उठाती है।
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