Ranchi river incident: रामनवमी की छुट्टी पर गए दो दोस्तों की ट्रिप बनी आखिरी सफर, नदी की लहरें ले गईं साथ
रांची के दो छात्र रामनवमी की छुट्टी में घूमने हिमाचल गए थे, लेकिन एक दुखद हादसे में एक की मौत हो गई और दूसरा लापता है। जानिए इस दर्दनाक यात्रा की पूरी कहानी।

रांची: एक ओर जहां पूरा शहर रामनवमी की रौशनी में डूबा हुआ था, वहीं दूसरी ओर दो घरों में मातम पसरा हुआ है। रांची के रातू झखराटांड़ और सुखदेव नगर के अलकापुरी से संबंध रखने वाले दो होनहार छात्रों की हिमाचल प्रदेश की एक नदी में बह जाने की खबर ने सबको स्तब्ध कर दिया।
घटना हिमाचल के लाहौल-स्पीति जिले की है, जहां नदी की तेज धारा में रांची के अमर कुमार और कुमार समर्थ बह गए। अमर का शव बरामद कर लिया गया है जबकि समर्थ की तलाश अब भी जारी है।
तीन अप्रैल को निकले थे मनाली यात्रा पर
कॉमर्स के प्लस-टू के छात्र अमर और समर्थ गहरे दोस्त थे और 3 अप्रैल को छुट्टियों में मनाली की वादियों की सैर करने निकले थे। किसी को अंदेशा नहीं था कि ये यात्रा कभी पूरी नहीं होगी। अमर कुमार रातू के झखराटांड़ निवासी संजय साहू का बेटा था जबकि समर्थ सुखदेव नगर अलकापुरी रोड नंबर 1 निवासी विनय कुमार शर्मा का बेटा था।
छात्रों के बीच यह यात्रा एक एडवेंचर ट्रिप के रूप में शुरू हुई थी, लेकिन एक गलत मोड़ ने सबकुछ बदल दिया।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार, वे हिमाचल के लाहौल स्पीति क्षेत्र में किसी नदी के पास घूम रहे थे, जहां वे फिसलकर तेज धार में बह गए। स्थानीय कैलांग थाना पुलिस ने तत्काल सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें अमर कुमार का शव बरामद कर लिया गया है।
समर्थ अब भी लापता है और उसकी खोजबीन के लिए गोताखोरों की मदद ली जा रही है।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
हादसे की खबर जैसे ही रांची पहुंची, परिजनों के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। अमर के पिता संजय साहू, मां मुन्नी देवी और छोटा भाई बेसुध हैं। वहीं समर्थ के माता-पिता भी गहरे सदमे में हैं। दोनों परिवारों के सदस्य अब हिमाचल के लिए रवाना हो चुके हैं ताकि अपने बच्चों से जुड़ी सच्चाई जान सकें।
रामनवमी की खुशियां बदल गईं मातम में
रामनवमी का त्योहार जहां बाकी लोगों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया, वहीं इन दो परिवारों के लिए यह दिन जीवन की सबसे बड़ी पीड़ा बन गया। यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि किसी भी यात्रा में सुरक्षा और सतर्कता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग और प्रशासन
स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। रांची के शिक्षकों और सहपाठियों ने बताया कि अमर और समर्थ दोनों ही पढ़ाई में अच्छे और व्यवहार में बेहद मिलनसार थे। वहीं हिमाचल प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जब तक दूसरा छात्र नहीं मिलता, तलाश जारी रहेगी।
छुट्टियों की एक सामान्य-सी ट्रिप कैसे एक दुखद हादसे में बदल सकती है, यह घटना उसका उदाहरण है। ऐसे हादसे केवल परिवारों को नहीं तोड़ते, बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर देते हैं। युवाओं और परिवारों के लिए यह एक संदेश भी है कि हर यात्रा से पहले सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
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