Jamshedpur TributeEvent: जमशेदपुर में गूंजा ‘मंगल पांडे अमर रहें’, देशभक्तों ने किया वीर सपूत को नमन
जमशेदपुर में शहीद मंगल पांडे की पुण्यतिथि पर ‘नमन’ परिवार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में देशभक्ति का अद्भुत नज़ारा। युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक ने की शहादत को याद।

1857 का स्वतंत्रता संग्राम यूं ही नहीं छिड़ा था। इसकी चिंगारी जलाने वाले पहले क्रांतिकारी थे अमर शहीद मंगल पांडे, जिन्होंने अंग्रेजों की सत्ता को पहली बार खुलेआम चुनौती दी थी। और आज, उसी महानायक की याद में जमशेदपुर में एक देशभक्ति से लबरेज कार्यक्रम आयोजित किया गया।
"नमन" संस्था ने भरी देशभक्ति की हुंकार
‘नमन’ परिवार की ओर से आयोजित इस भावुक श्रद्धांजलि सभा में जमशेदपुर शहर के अनेक गणमान्य नागरिक, समाजसेवी, पत्रकार, वरिष्ठ नागरिक और युवा शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य न सिर्फ मंगल पांडे की शहादत को याद करना था, बल्कि आज की पीढ़ी को उनकी प्रेरणा से जोड़ना भी था।
क्यों खास हैं मंगल पांडे?
1857 की क्रांति को भले ही अंग्रेजों ने 'बगावत' कहा, लेकिन भारतीय इतिहास में ये पहला संगठित स्वतंत्रता संग्राम था। मंगल पांडे ने न सिर्फ ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सत्ता के खिलाफ आवाज उठाई, बल्कि उन्होंने अंग्रेजी शासन की नींव हिलाकर रख दी।
उनकी फांसी की सज़ा ने देशभर में विद्रोह की आग फैलाई, जो आगे चलकर भारत की आज़ादी का आधार बनी।
अमरप्रीत सिंह काले बोले – “जब तक जान है, मंगल पांडे का जयघोष रहेगा”
कार्यक्रम की शुरुआत में ‘नमन’ संस्था के संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले ने कहा,
“मंगल पांडे ने जो चिंगारी जलाई, वो आज भी हमारे सीने में जल रही है। हमें उनकी कुर्बानी को सिर्फ याद नहीं, जीना है।”
उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में एक बार जरूर मंगल पांडे जैसे वीरों की जीवनी पढ़ें और समझें कि सच्ची आज़ादी कितने त्यागों से मिली है।
मुख्य अतिथि रविंद्र झा ने युवाओं को किया प्रेरित
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रविंद्र झा ने कहा,
“हमारी युवा पीढ़ी अगर मंगल पांडे जैसे बलिदानियों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़े, तो देश को फिर से एक नई दिशा मिल सकती है।”
उन्होंने ये भी जोड़ा कि आज जरूरत है इतिहास को केवल किताबों में नहीं, ज़िंदगी में उतारने की।
गूंजे जयकारे – ‘भारत माता की जय’, ‘मंगल पांडे अमर रहें’
कार्यक्रम के अंत में, सैकड़ों लोगों ने एक साथ भारत माता के जयकारे और मंगल पांडे के अमर रहने की गूंज से माहौल को देशभक्ति में डुबो दिया।
ध्वनि, भावना और भक्ति – तीनों का अद्भुत संगम इस श्रद्धांजलि सभा में देखा गया।
सम्मान और विचारों का संगम
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य प्रमुख नामों में शामिल रहे:
वरिष्ठ पत्रकार बृजभूषण सिंह और जयप्रकाश राय, यूपी संघ के रामकेवल मिश्रा, समाजसेवी धनुर्धर त्रिपाठी, पूर्व भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष नीरू सिंह, और कई जाने-माने सामाजिक चेहरे।
धन्यवाद ज्ञापन जूगुन पांडे ने किया, जिन्होंने सभी देशभक्तों और अतिथियों को उनके योगदान के लिए सराहा।
युवाओं के लिए एक संदेश – “मंगल पांडे सिर्फ इतिहास नहीं, एक चेतावनी हैं”
आज जब हम तकनीक की दुनिया में खो जाते हैं, तब ये ऐसे कार्यक्रम हमें याद दिलाते हैं कि हम जिन अधिकारों का आज आनंद ले रहे हैं, वो किसी के बलिदान की कीमत पर मिले हैं।
क्या आप भी इस बात से सहमत हैं कि हमें मंगल पांडे जैसे वीरों की कहानियों को हर स्कूल, कॉलेज और गली-मोहल्ले तक पहुंचाना चाहिए?
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