Hazaribagh Achievement Alert: टीपीएस डीएवी के छात्र ने किया धमाल, ओलिंपियाड में जिले में रहा दूसरा टॉपर!
हजारीबाग के टीपीएस डीएवी स्कूल के छात्र अच्युतानंद साव ने हिंदुस्तान ओलिंपियाड में जिला स्तर पर दूसरा स्थान पाकर स्कूल का नाम रोशन किया। विद्यालय में हुआ सम्मान समारोह।

हजारीबाग जिले के प्रतिष्ठित टीपीएस डीएवी पब्लिक स्कूल में एक ऐसा ही दृश्य देखने को मिला, जब कक्षा 12वीं के छात्र अच्युतानंद साव ने अपने शानदार प्रदर्शन से विद्यालय का मान बढ़ाया।
हिंदुस्तान ओलिंपियाड में शानदार प्रदर्शन
मंगलवार को स्कूल की सुबह की प्रार्थना सभा कुछ खास रही। कारण था – अच्युतानंद का हिंदुस्तान ओलिंपियाड में जिला स्तर पर द्वितीय स्थान हासिल करना।
ओलिंपियाड, जिसे आज के समय में भारत के सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगी मंचों में गिना जाता है, हर साल लाखों छात्रों के लिए एक बौद्धिक परीक्षा का युद्धक्षेत्र बनता है। इसमें प्रतिभागी गणित, साइंस, रीजनिंग और कंप्यूटर जैसे विषयों में अपनी योग्यता दिखाते हैं।
सम्मान समारोह में बजी तालियों की गूंज
विद्यालय के प्राचार्य श्री मुकेश कुमार ने स्वयं अच्युतानंद को मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। मंच पर खड़े अच्युतानंद की आंखों में आत्मविश्वास और चेहरे पर सादगी साफ झलक रही थी।
श्री कुमार ने अपने भाषण में कहा –
“विद्यालय में आयोजित प्रत्येक प्रतियोगिता परीक्षा छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए एक सीढ़ी है। यह जरूरी है कि सभी छात्र ऐसे आयोजनों में भाग लें।”
ओलिंपियाड की शुरुआत और उसका उद्देश्य
हिंदुस्तान ओलिंपियाड की शुरुआत कक्षा पांचवीं से होती है। यह परीक्षा सिर्फ एक टेस्ट नहीं, बल्कि छात्रों की तर्कशक्ति, अवधारणात्मक समझ और टेक्नोलॉजी के प्रति दृष्टिकोण को परखने का एक ज़रिया है।
इसमें पूछे जाने वाले प्रश्न छात्रों की किताबों की सीमाओं से बाहर होते हैं, जो उन्हें व्यावहारिक सोच की ओर प्रेरित करते हैं।
क्या आप जानते हैं कि यह परीक्षा देशभर में एक ही समय पर आयोजित होती है और इससे छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर परफॉर्म करने का मौका मिलता है?
अच्युतानंद – एक प्रेरणा
अच्युतानंद साव अब सिर्फ एक छात्र नहीं, बल्कि कई अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
उनके शब्दों में –
“मैं हर दिन अख़बार पढ़ता हूँ, नई चीज़ें सीखने की कोशिश करता हूँ और खुद को अपडेट रखता हूँ। यही मेरी तैयारी का हिस्सा था।”
उनका यह बयान बताता है कि सफलता केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं, बल्कि समाचार, करंट अफेयर्स और प्रैक्टिकल नॉलेज से जुड़ी होती है।
विद्यालय प्रबंधन और शिक्षकों की शुभकामनाएँ
विद्यालय प्रबंधन समिति और शिक्षकों ने भी अच्युतानंद को इस उपलब्धि पर बधाई दी। सभी शिक्षकों ने कार्यक्रम में भाग लिया और छात्रों को इससे प्रेरणा लेने की सलाह दी।
टीचर मंजू सिंह ने कहा –
“हर छात्र में प्रतिभा होती है, ज़रूरत होती है सिर्फ उसे सही दिशा में मोड़ने की।”
अब सवाल ये है… अगला अच्युतानंद कौन?
क्या आप भी सोचते हैं कि आपमें है इतनी क्षमता कि अगली बार मंच पर आपका नाम लिया जाए?
अगर हाँ, तो आज से ही शुरू कीजिए तैयारी – अख़बार पढ़िए, नए सवाल हल कीजिए और खुद को अपडेट रखिए।
क्योंकि –
प्रतियोगिता में जीतने वाले नहीं, सीखने वाले सबसे आगे होते हैं।
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