Jamshedpur Sand Scam: बालू से लदा हाईवा जब्त, गाड़ी एस्कॉर्ट कर रहा कार मालिक गिरफ्तार!

जमशेदपुर में खनन विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में अवैध रूप से बालू ले जा रहा हाईवा पकड़ा गया। जानिए कैसे इस रैकेट का भंडाफोड़ हुआ और क्या है पूरा मामला।

Mar 10, 2025 - 14:17
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Jamshedpur Sand Scam: बालू से लदा हाईवा जब्त, गाड़ी एस्कॉर्ट कर रहा कार मालिक गिरफ्तार!
Jamshedpur Sand Scam: बालू से लदा हाईवा जब्त, गाड़ी एस्कॉर्ट कर रहा कार मालिक गिरफ्तार!

जमशेदपुर: रविवार को एमजीएम थाना क्षेत्र के बड़ाबांकी और हुड़लुंग के बीच खनन विभाग और एमजीएम पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक बड़ा खुलासा हुआ। जांच के दौरान एक बालू लदा हाईवा (JH-05 DL 1534) पकड़ा गया, जिसे अवैध रूप से ले जाया जा रहा था। यही नहीं, इस हाईवा को एस्कॉर्ट कर रही एक कार (JH-05 DM 4593) को भी जब्त कर लिया गया।

कैसे पकड़ा गया अवैध खनन का खेल?

खनन विभाग की टीम को पहले से सूचना मिली थी कि इलाके में अवैध खनन से जुड़े वाहन बिना किसी वैध दस्तावेजों के बालू लेकर जा रहे हैं। जैसे ही टीम ने छापेमारी की, हाईवा चालक रामदास बेसरा और कार सवार अमित कुमार पांडेय पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पूछताछ में सामने आया कि रामदास बेसरा झारखंड के गालूडीह का निवासी है, जबकि कार मालिक अमित कुमार पांडेय डिमना रोड, जमशेदपुर का रहने वाला है।

बालू की तस्करी का बड़ा मामला

खनन विभाग के अधिकारी अरविंद उरांव के लिखित बयान पर एमजीएम थाना में दोनों आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई। जब्त हाईवा और कार की कुल संपत्ति का मूल्य 29.10 लाख रुपये आंका गया है।

क्या यह पहली बार हुआ?

जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ कि हाईवा चालक रामदास बेसरा इससे पहले भी बालू की अवैध तस्करी में पकड़ा जा चुका है। मार्च 2023 में भी वह इसी अपराध में जेल जा चुका था। इसके बावजूद वह दोबारा इस अवैध धंधे में संलिप्त पाया गया।

झारखंड में क्यों बढ़ रहा है अवैध बालू खनन?

झारखंड में अवैध खनन कोई नया मामला नहीं है। प्रदेश में कई नदियों से अवैध रूप से बालू निकाला जाता है और ऊंचे दामों पर बेचा जाता है। इसके पीछे मुख्य वजह खनन माफियाओं और प्रशासनिक लापरवाही को माना जाता है। खनन विभाग समय-समय पर कार्रवाई करता है, लेकिन इसके बावजूद इस धंधे में संलिप्त लोग नए तरीके अपनाकर इसे जारी रखते हैं।

क्या होती है अवैध खनन की सजा?

भारतीय खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 के तहत बिना लाइसेंस के खनन करना अपराध है। इसमें दोषियों पर भारी जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है। इसके बावजूद, हर साल झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अवैध बालू खनन के हजारों मामले सामने आते हैं।

क्या होगा आगे?

पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर सोमवार को मेडिकल जांच के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। फिलहाल, प्रशासन पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहा है। सवाल यह भी उठता है कि क्या इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह सक्रिय है? क्या कोई राजनीतिक या बाहुबली संरक्षण प्राप्त है? पुलिस और खनन विभाग की आगामी जांच में इन सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद है।

झारखंड में अवैध बालू खनन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सरकार और प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद यह गोरखधंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि खनन माफिया बेखौफ होकर अपना काम कर रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर कितनी सख्ती से नकेल कसता है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।